प्रश्न.1. भारतीय कृषि में परिस्थितियों के संदर्भ में, ‘‘संरक्षण कृषि’’ की संकल्पना का महत्त्व बढ़ जाता है। निम्नलिखित में से कौन-कौन से संरक्षण कृषि के अंतर्गत आते हैं?
(1) एकधान्य कृषि पद्धतियों का परिहार
(2) न्यूनतम जोत को अपनाना
(3) बागानी फसलों की खेती का परिहार
(4) मृदा धरातल को ढकने के लिए फसल अवशिष्ट का उपयोग
(5) स्थानिक एवं कालिक फसल अनुक्रमण/फसल आवर्तनों को अपनाना
नीेचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए: (2018)
(क) 1, 3 और 4
(ख) 2, 3, 4 और 5
(ग) 2, 4 और 5
(घ) 1, 2, 3 और 5
उत्तर. (ग)
उपाय:
ऑटोनोमस रिपब्लिक ऑफ क्रीमिया संरक्षण कृषि एक ऐसी पद्धति हैं जिसमे जुताई, मिट्टी की सतह पर फसलों के अवशेष काे कायम रखना, फसल चक्र अपनाना तथा कृषि रसायनाें का न्यनूतम प्रयोग करके लाभदायक कृषि स्तर काे प्राप्त किया जाता हैं|
प्रश्न.2. भारत में कृषि के संदर्भ में, प्रायः समाचारों में आने वाले जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग) की तकनीक का आसन्न भविष्य में किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है?
(1) विभिन्न फसली पौधों में रोग प्रतिरोधा और सूखा सहिष्णुता के लिए आनुवंशिक सूचकों का अभिज्ञान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण का उपयोग किया जा सकता है।
(2) यह तकनीक, फसली पौधों की नई किस्मों को विकसित करने में लगने वाले आवश्यक समय को घटाने में मदद करती है।
(3) इसका प्रयोग, फसलों में पोषी-रोगाणु सम्बन्धों को समझने के लिए किया जा सकता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः (2017)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2 और 3
(ग) केवल 1 और 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (घ)
उपाय:
कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में बीजों की सही प्रजाति का परीक्षण डीएनए फिंगर प्रिंट के माध्यम से किया जा सकता है। जीनोम से उत्तम और वांछित प्रजातियाें का विकास किया जा सकता है। इस विधि से एक ही प्रकार के नर या मादा पौधों का चयन किया जा सकता है। अमरूद, खजूर जैसे पौधों, जिनमें मादा पौधों ही वांछित है उनमें लिंग का पता लम्बे समय के बाद ही चलता है। ऐसे मामले में इस विधि का प्रयोग कर समय, श्रम और धन की बचत की जा सकती है। जीनोम अनुक्रमण के प्रयोग से पौधों में रोग प्रतिरोधी क्षमता का विकास किया जा सकता है।
प्रश्न.3. निम्नलिखित पद्धतियों में से कौन-सी कृषि में जल संरक्षण में सहायता कर सकती है/हैं?
(1) भूमि की कम या शून्य जुताई
(2) खेत में सिंचाई के पूर्व जिप्सम का प्रयोग
(3) फसल अवशेष को खेत में ही रहने देना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः (2017)
(क) केवल 1 और 2
(ख) केवल 3
(ग) केवल 1 और 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (ग)
उपाय:
शून्य या कम जुताई का प्रयोग करने पर मिट्टी के सतह के नीचे नमी बनी रहती है, फलतः कम पानी से ही सिंचाई पूरी हो जाती है। जिप्सम मिट्टी में पाए जाने वाले नमक को मिट्टी के विघटन में मदद करता है इसे पानी मिट्टी के अधिक अंदर तक नहीं पहुँच पाता, जिससे पानी को बचत होती है। फसल अवशेष को खेत में ही छोड़ देने से मिट्टी से वाष्पीकरण की प्रक्रिया कम हो जाती है तथा पानी की बचत होती है। किन्तु, यूपीएससी के अनुसार इसका उत्तर (ग) है।
प्रश्न.4. ‘राष्ट्रीय कृषि बाजार (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट)’ स्कीम को क्रियान्वित करने का/के क्या लाभ है/हैं?
(1) यह कृषि वस्तुओं के लिए सर्व-भारतीय इलेक्ट्राॅनिक व्यापार पोर्टल है|
(2) यह कृषकों के लिए राष्ट्रव्यापी बाजार सुलभ कराता है जिसमें उनके उत्पाद की गुणता के अनुरूप कीमत मिलती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः (2017)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर. (ग)
उपाय:
राष्ट्रीय कृषि बाजार (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्राॅनिक व्यापार पोर्टल है जो वर्तमान एपीएमसी मंडियाें काे कृषि वस्तुओं के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए नेटवर्क उपलब्ध कराता है। राष्ट्रीय कृषि बाजार खरीददाराें और विक्रेताओं के मध्य संतुलन बनाता है तथा वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर, वास्तविक तत्कालिक मूल्य को बढ़ावा देता है। यह नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है तथा किसान के लिए राष्ट्रव्यापी बाजार पहुँच प्रदान करता है।
प्रश्न.5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
राष्ट्रव्यापी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम (साॅइल हेल्थ कार्ड स्कीम)’ का उद्देश्य है
(1) सिंचित कृषियोग्य क्षेत्र का विस्तार करना।
(2) मृदा गुणवत्ता के आधार पर किसानों को दिए जाने वाले ऋण की मात्रा के आकलन में बैंकों को समर्थ बनाना।
(3) कृषि भूमि में उर्वरकों के अति-उपयोग को रोकना।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
(क) केवल 1 और 2
(ख) केवल 3
(ग) केवल 2
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (ख)
उपाय:
मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम के अंतर्गत किसानों को तीन वर्ष में एक बार जारी किया जाने वाला एक मुद्रित रिपोर्ट कार्ड है जो 12 मापदण्डों के अनुसार उनकी मिट्टी का संकेत करता है। यह विभिन्न उर्वरकों के प्रयोग और दूसरी मिट्टी के संशोधनों से संबंधित सलाह भी देता है।
प्रश्न.6. ‘गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल’ के सदंर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/ से सही है/हैं?
(1) इस पहल का उद्देश्य उन्नत उत्पादन और कटाई-उपरांत प्रौद्योगिकियों को निर्देशित करना है एवं समूह उपागम (कलस्टर अप्रोच) के साथ एकीकृत रीति से मूल्यवर्धन तकनीकों को निर्देशित करना है
(2) इस योजना में निर्धन, लघु सीमांत एवं जनजातीय किसानों की बड़ी हितधारिता है
(3) इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य वाणिज्यिक फसलों के किसानों को, पोषकों के अत्यावश्यक निवेशों के और लघु सिंचाई उपकरणों के निःशुल्क किट प्रदान कर, कदन्न की खेती की ओर प्रोत्साहित करना है
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। (2016)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2 और 3
(ग) केवल 1 और 2
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (ग)
उपाय:
(i) यह पहल देश में समन्वित तरीके से उत्प्रेरित बाजरा के बेहतर तरीके एवं कटाई की उन्नत प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करता है। योजना, प्रसंस्करण और मूल्य सवंर्धित तकनीक के माध्यम से बाजरा आधारित खाद्य उत्पादाें की उपभोक्ता मांग उत्पन्न होने की उम्मीद है। गरीब, लघु, सीमांत एवं आदिवासी किसानाें की इस योजना में बड़ी हिस्सेदारी है।
(ii) योजना का उद्देश्य निःशुल्क सामान देना है लेकिन ‘वाणिज्यिक किसानाें का बाजार काे लेकर बदलाव करने की चाहत, तार्किक नहीं है। योजना में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है न ही सिंचाई उपकरण देने के बारे मे कोई बात है। इसलिए कथन 3 गलत है।
प्रश्न.7. FAO पारम्परिक कृषि प्रणालियों को ‘सार्वभौमिक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली [Globally Important System (GIAHS)] की हैसियत प्रदान करता है। इस पहल का संपूर्ण लक्ष्य क्या है?
(1) अभिनिर्धारित GIAHS के स्थानीय समुदायों को आधुनिक प्रौद्योगिक, आधुनिक कृषि प्रणाली का प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्रदान करना जिससे उनकी कृषि उत्पादकता अत्यधिक बढ़ जाए।
(2) पारितंत्र-अनुकूली परम्परागत कृषि पद्धतियां और उनसे संबंधित परिदृश्य (लैडस्केप), कृषि जैव विविधता और स्थानीय समुदायों के ज्ञानतंत्र का अभिनिर्धारण एवं संरक्षण करना।
(3) इस प्रकार अभिनिर्धारित लाभ के सभी भिन्न-भिन्न कृषि उत्पादों को भौगोलिक सूचक (जिओग्राफिकल इंडिकेशन) की हैसियत प्रदान करना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः (2016)
(क) केवल 1 और 3
(ख) केवल 2
(ग) केवल 2 और 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (ख)
उपाय:
(i) विश्व की कृषि-सांस्कृतिक विरासत प्रणाली की सुरक्षा एवं समर्थन के उद्देश्य से 2002 मे एफ.ए.ओं ने विश्व के महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली की सक्रिय संरक्षण के लिए पहल शुरू की। GIHAS की पहल जनता में जागरूकता, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि सांस्कृतिक विरासत प्रणाली की पहचान काे बढ़ावा देता है। इसका लक्ष्य खाद्य सुरक्षा एवं सतत् विकास के लिए अद्वितीय परंपरागत खाद्य प्रणाली की वैश्विक मान्यता काे पहचानना और सुनिश्चित करना है। GIAHS पहल स्पष्ट रूप से पहचान करता है कि पारंपरिक राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक प्रक्रियाओं में परिवर्तन अपरिहार्य है, वे फिर से जोड़े या बनाए नहीं जा सकते। भारत में यह पहल जम्मू-कश्मीर के पंपोर में केसर की पारंपरिक कृषि संरक्षण हेतु संचालित की जा रही है।
(ii) "सभी" किस्माें के लिए भौगोलिक संकेत देने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए बयान 3 गलत है। इसलिए निष्कासन विधि से उत्तर (ख) ही हमारे लिए बचता है।
प्रश्न.8. ‘ऐग्रीमेंट ऑन ऐग्रीकल्चर (Agreement on Agriculture), ‘ऐग्रीमेंट ऑन दि ऐप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी ऐंड फाइटोसैनिटरी मेजर्स (Agreement on the Application of Sanitary and Phytosanitary Measures)' और पीस क्लाॅज (Peace Clause) शब्द प्रायः समाचारों में किसके मामलों के सन्दर्भ में आते हैं? (2015)
(क) खाद्य और कृषि संगठन
(ख) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का रूपरेखा सम्मेलन
(ग) विश्व व्यापार संगठन
(घ) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
उत्तर. (ग)
उपाय:
‘एग्रीमेंट ऑन एग्रीकल्चर’, ‘एग्रीमेंट ऑन दि ऐप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी ऐंड फाइटोसैनिटरी मेजर्स’ और ‘पीस क्लाजॅ’ इत्यादि शब्द विश्व व्यापार संगठन के मामलाें के संदर्भ में हमें सुनने काे मिलते है।
प्रश्न.9. भारत में कृषि उत्पादों के बाजार को किसके अधीन विनियमित किया जाता है? (2015)
(क) आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955
(ख) राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम
(ग) कृषि उत्पाद (श्रेणीकरण एवं चिह्नांकन) अधिनियम, 1937
(घ) खाद्य उत्पाद आदेश, 1956 एवं मांस तथा खाद्य उत्पाद आदेश, 1973
उत्तर. (ख)
उपाय:
भारत मे कृषि उत्पादों के बाजार काे राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम के अधीन विनियमित किया जाता है।
प्रश्न.10. कृषि में नाइट्रोजनी उर्वरकों के अत्यधिक/अनुपयुक्त उपयोग का क्या प्रभाव हो सकता है?
(1) नाइट्रोजन यौगिकीकरण सूक्ष्मजीवों (नाइट्रोजन-फिक्सिंग माइक्रोऑर्गनिज्म्स) का मिट्टी में प्रचुरोर्दवन (प्रोलिफरेशन) हो सकता है।
(2) मिट्टी की अम्लता में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
(3) भौम जल (ग्राउंड वाॅटर) में नाइट्रेट का निक्षालन (लीचिंग) हो सकता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः (2015)
(क) केवल 1 और 3
(ख) केवल 2
(ग) केवल 2 और 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर. (ग)
उपाय:
नाइट्रोजनी उर्वरक के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की अम्लता में बढ़ोत्तरी होती है। नाइट्रोजनी उवर्रक नाइट्रेट्स में विभक्त होकर मिट्टी मे आसानी से समाहित हाे जाते है। यह जल में आसानी से घुनलशील होता है और इसका अंश दशकाें तक भौम जल में विद्यमान रहता है।
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