1. पशुओं के लिए आपदा प्रबंधन योजना का उद्देश्य पशुओं की रक्षा करना और विभिन्न आपदाओं के दौरान पशुधन संसाधनों की क्षति की रोकथाम और शमन करना है।
इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है
2. आपदा पूर्व तैयारी में पूर्व चेतावनी के प्रसार, पशुधन की सुभेद्यता की पहचान, पशु टीकाकरण, आहार और चारा आपूर्ति और आपदा प्रबंधन में विभिन्न हितधारकों के क्षमता निर्माण आदि से संबंधित विस्तृत कार्य योजना सम्मिलित है। आपदा के दौरान प्रभावी और तत्काल अनुक्रिया, पशुधन का बचाव, आहार और चारा आपूर्ति, महामारियों और बीमारियों के विरुद्ध उपाय और स्वच्छता बनाए रखने आदि से संबंधित रणनीति/कार्य योजना सम्मिलित है। आपदा पश्चात् के घटक में बीमार जानवरों का उपचार, बीमारी की निगरानी, शवों का निपटान तथा पशुधन आबादी के पुराने स्तर को प्राप्त करना सम्मिलित है।
3. भारत सरकार ने जानवरों के लिए एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी की। योजना के तहत अब जानवरों का बचाव और राहत देश में आपदा संचालन का एक अभिन्न अंग होगा। पहली बार यह योजना सुनिश्चित करती है कि जानवरों को आपदा की तैयारी में शामिल किया जाएगा, संभावित रूप से लाखों जानवरों की जान बचाई जाएगी और उन पर निर्भर समुदायों के लचीलेपन का निर्माण किया जाएगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने विभिन्न आपदाओं के दौरान पशुओं की सुरक्षा और पशुधन संसाधनों के नुकसान को रोकने और कम करने के लिए आपदा प्रबंधन योजना (डीएमपी) तैयार और शुरू की है।
डीएमपी को तीन भागों में बांटा गया है:
डीएमपी का उद्देश्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आपदाओं के प्रबंधन में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रयासों को पूरा करना है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सूखा, बाढ़, चक्रवात, भूकंप और अन्य मानव निर्मित आपदाओं आदि के दौरान जानवरों के प्रबंधन के लिए व्यापक दिशानिर्देश निर्धारित करना है।
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