प्रश्न 1: भावनात्मक बुद्धिमत्ता क्या है? लोक सेवा के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
उत्तर:
परिचय: भावनात्मक बुद्धिमत्ता भावनाओं को प्रभावी ढंग से समझने, प्रबंधित करने और व्यक्त करने तथा दूसरों की भावनाओं को उचित रूप से पहचानने और उस पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता को संदर्भित करती है। सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में मजबूत संबंध बनाने, संघर्षों को सुलझाने और हितधारकों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता आवश्यक है।
मुख्य भाग:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता के ऐसे कई प्रमुख घटक हैं जो सार्वजनिक सेवा के संदर्भ में प्रासंगिक हैं। जैसे:
लोक सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता की प्रासंगिकता:
निष्कर्ष: भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रभावी सार्वजनिक सेवा का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करके, लोक सेवक सहयोगी रूप से कार्य करने, प्रभावी ढंग से संवाद करने और हितधारकों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
प्रश्न 2: मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की क्या भूमिका है? व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में नैतिक मूल्यों के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर:
परिचय: नैतिकता, सिद्धांतों और मूल्यों के ऐसे समूह को संदर्भित करती है जिससे मानव व्यवहार के साथ निर्णय निर्माण प्रक्रिया को निर्देशन मिलता है। यह मानव जीवन का एक अनिवार्य पहलू है जिससे लोगों के दूसरों लोगों और आसपास के वातावरण के साथ व्यवहार को आकार मिलता है। न्यायसंगत और सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण तथा मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है।
मुख्य भाग:
मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका:
व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व:
निष्कर्ष: मानव व्यवहार को आकार देने में नैतिकता की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी, सम्मान और करुणा जैसे नैतिक मूल्य आवश्यक हैं। विश्वास, सम्मान और उत्तरदायित्व की संस्कृति को बढ़ावा देकर नैतिक मूल्यों को बनाए रखने से न केवल व्यक्ति को बल्कि बड़े पैमाने पर समुदाय को भी लाभ होता है। इसलिये जीवन के सभी पहलुओं में नैतिक मूल्यों को विकसित करना और उनको लागू करना महत्त्वपूर्ण है।
आप एक ऐसे ज़िले के पुलिस अधीक्षक हैं, जहाँ महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और घरेलू हिंसा सहित अपराधों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह ज़िला बड़ी संख्या में ऐसे प्रवासी श्रमिकों का आश्रय स्थल भी है जो अक्सर नियोक्ताओं के शोषण और दुर्व्यवहार के प्रति संवेदनशील होते हैं। संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और काम के अधिक बोझ की समस्या है। हाल ही में एक स्थानीय एनजीओ ने इस ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों हेतु समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने के प्रस्ताव के संदर्भ में आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है, जिससे पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ भी प्रभावित हो सकती हैं।
ऐसी स्थिति में पुलिस अधीक्षक के रूप में आपके पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के गुणों और दोषों की चर्चा करते हुए इस संदर्भ में अपनी कार्रवाई के क्रम के बारे में बताइए। (250 शब्द)
उत्तर:
परिचय: इस मामले में ज़िले के पुलिस अधीक्षक को महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ अपराधों में होने वाली उल्लेखनीय वृद्धि से निपटना है साथ ही संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और कार्य के अधिक बोझ की समस्या है। ऐसे में एक स्थानीय एनजीओ ने ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है।
इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारक:
इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ:
पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपलब्ध विकल्प:
विकल्प 1: एनजीओ के प्रस्ताव को स्वीकार करना और महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु पुलिस बजट से धन आवंटित करना।
गुण:
दोष:
विकल्प 2: समर्पित हेल्पलाइन के लिये वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों का पता लगाना।
गुण:
दोष:
विकल्प 3: अपराध और शोषण के मूल कारणों को दूर करने के लिये निवारक उपायों पर ध्यान देना।
गुण:
दोष:
कार्रवाई का क्रम:
निष्कर्ष: पुलिस अधीक्षक के रूप में मैं यह सुनिश्चित करते हुए प्रस्तावित हेल्पलाइन के लिये पुलिस बजट से धन आवंटित करूँगा कि पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ अधिक प्रभावित न हों। इससे ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने और पुलिस बल तथा स्थानीय समुदाय के बीच सकारात्मक संबंध बनाने में मदद मिलेगी।
प्रश्न :उत्तर प्रदेश के किसी ज़िले में आप पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। इस ज़िले में आप हाल ही में गैंगस्टर से नेता बने एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के बाद उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं। यह गैंगस्टर अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखता था। इस घटना के कैमरे में लाइव घटित होने के कारण इसे न केवल सांप्रदायिक रंग मिला बल्कि इन फुटेज के सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर साझा हो जाने के कारण मृतक के समर्थकों द्वारा व्यापक स्तर पर इस संबंध में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस हमले के तुरंत बाद हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के कारण ज़िले में साम्प्रदायिक दंगे की आशंका भी जताई जा रही है।
इससे पुलिस विभाग पर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने तथा दोषियों को सजा दिलाने के लिये भारी राजनीतिक दबाव बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गैंगस्टर की सुरक्षा के लिये तैनात अधिकारियों द्वारा किये गए सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसके कारण सुरक्षा में चूक हुई है।
इस संदर्भ में एक पुलिस अधिकारी के रूप में राजनीतिक दबाव से निपटने, निष्पक्ष जाँच करने, न्याय सुनिश्चित करने और सुरक्षा में चूक से संबंधित मुद्दों को हल करने में आपके कर्त्तव्य और जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
उत्तर:
परिचय: उत्तर प्रदेश के इस जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में मेरा प्राथमिक कर्त्तव्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना और सभी के लिये न्याय सुनिश्चित करना है। हाल ही में एक गैंगस्टर से राजनेता बने व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हत्या होने से उत्पन्न चुनौती को संभालने के साथ यह सुनिश्चित करना मेरा कर्त्तव्य है कि किसी भी पक्ष के अनुचित प्रभाव के बिना इसमें सभी को न्याय मिले।
मुख्य भाग:
इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ:
विकल्प 1: राजनीतिक दबाव की उपेक्षा करना और मानक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना
गुण:
दोष:
विकल्प 2: राजनीतिक दबाव के अनुसार कार्य करना
गुण:
दोष:
इस संदर्भ में मेरी कार्रवाई का क्रम:
निष्कर्ष: एक पुलिस अधीक्षक के रूप में इस संदर्भ में मेरा कर्त्तव्य सभी के लिये न्याय सुनिश्चित करना है। कैदियों की सुरक्षा को मजबूत करने, राजनीतिक हस्तक्षेप को दूर करने, पारदर्शिता बनाए रखने और पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने जैसे आवश्यक उपाय करके हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।
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