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पदबंध:परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पदबंध की परिभाषा

पदबंध- जब दो या दो से अधिक (शब्द) पद नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो उन्हें पदबंध कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि कई पदों के योग से बने वाक्यांशों को, जो एक ही पद का काम करते हैं, पदबंध कहलाते हैं। 
कुछ उदाहरणों की सहायता से पदबंध को और सरलता से समझने का प्रयास करने से पहले आपको पदबंध से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिससे आप पदबंध को बिना किसी कठिनाई से सरलता से समझ पाएंगे  –

  • पदबंध एक वाक्यांश होता है न कि पूरा वाक्य।
    आपको सबसे पहले यह बात ध्यान में रखनी है कि पदबंध कोई पूरा वाक्य नहीं होता, पदबंध केवल वाक्य का एक भाग होता है जो निश्चित अर्थ और क्रम के परिचायक होते हैं।
  • पदबंध में एक से अधिक पदों का समावेश होता है जिस कारण इसे पदबंध कहा जाता है।
    यहाँ समझने योग्य बात यह है कि पदबंध एक नहीं बल्कि कई पदों के मेल से बनता है। आपको पदबंध के नाम से ही अंदाजा लग गया होगा कि पदबंध मतलब पदों का बंधन। और ये पदों का समूह व्याकरणिक इकाई की ओर भी संकेत करते हैं।
  • पदबंध में जुड़े हुए पदों का समूह व्याकरणिक इकाई का रूप ले लेते हैं और वही इनकी पहचान होती है।
  • प्रत्येक पदबंध में एक मुख्य पद होता है और अन्य पद उस मुख्य पद पर आश्रित होते हैं। उदाहरण के लिए – बगीचे में रंग-बिरंगे सुंदर फूल खिल रहे हैं। अब यहाँ पर जो फूल है वो मुख्य पद है और बाकि के पद जैसे रंग-बिरंगे और सुंदर आश्रित पद हैं।
  • पदबंध का निर्धारण मुख्य पद के आधार पर होता है।
    आपको यह बात भी ध्यान में रखनी है कि यदि पदबंध का आखरी पद संज्ञा है तो पूरा पद संज्ञा पदबंध कहलाएगा। इसी तरह यदि आखरी पद सर्वनाम है तो पूरा पद सर्वनाम पदबंध कहलाएगा। यदि आखरी पद क्रिया है तो पूरा पद क्रिया पदबंध कहलाएगा। और यदि आखरी पद विशेषण है तो पूरा पद विशेषण पदबंध कहलाएगा। उदाहरण के लिए- आजकल पेड़ों पर स्वादिष्ट फल लगे हुए हैं।  यहाँ पर फल मुख्य पद है और पेड़ों पर स्वादिष्ट पद आश्रित पद है। लेकिन यह पूरा पद संज्ञा पदबंध है क्योंकि इस पदबंध का आखरी पद और मुख्य पद फल है जो की संज्ञा है।

कुछ उदाहरणों की सहायता से पदबंध को और अच्छे से समझने की कोशिश करते हैं –
इन चार वाक्यों में रेखांकित शब्द पदबंध है।

  • सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा जीत गया।
    पहले वाक्य ‘सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा जीत गया।’ के ‘सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा’ में पाँच पद है, किन्तु वे मिलकर एक ही पद का कार्य कर रहे हैं अर्थात संज्ञा का कार्य कर रहे हैं।
  • रमेश अत्यंत सुशील और परिश्रमी है।
    दूसरे वाक्य ‘रमेश अत्यंत सुशील और परिश्रमी है।’ के ‘अत्यंत सुशील और परिश्रमी’ में भी चार पद हैं, किन्तु वे भी मिलकर एक ही पद का कार्य कर रहे हैं अर्थात विशेषण का कार्य कर रहे हैं।
  • झरना बहता चला जा रहा है।
    तीसरे वाक्य ‘झरना बहता चला जा रहा है।’ के ‘बहता चला जा रहा है’ में पाँच पद हैं किन्तु वे भी मिलकर एक ही पद का कार्य कर रहे हैं अर्थात क्रिया का काम कर रहे हैं।
  • नदी कल-कल करती हुई बह रही थी।
    चौथे वाक्य ‘नदी कल-कल करती हुई बह रही थी।’ के ‘कल-कल करती हुई’ में तीन पद हैं, किन्तु वे भी मिलकर एक ही पद का कार्य कर रहे हैं अर्थात क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं।
    पदबंध को और सरलता से समझने के लिए आइए पदबंध के भेदों के बारे में जानते हैं। पदबंध के भेदों के ज्ञान से आपको अपनी परीक्षा में पदबंध को पहचानने में अत्यधिक आसानी हो जाएगी। तो चलिए पदबंध के भेदों के बारे में उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक जानते हैं-

पदबंध के भेद

मुख्य पद के आधार पर पदबंध के पाँच भेद माने जाते हैं-

  • संज्ञा-पदबंध
  • विशेषण-पदबंध
  • सर्वनाम पदबंध
  • क्रिया पदबंध
  • क्रिया विशेषण पदबंध

1. संज्ञा-पदबंध-
वह पदबंध जो किसी वाक्य में संज्ञा का कार्य करता है, संज्ञा पदबंध कहलाता है। दूसरे अथवा सरल शब्दों में कहा जा सकता है कि पदबंध का अंतिम अथवा मुख्य पद यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह ‘संज्ञा पदबंध’ कहलाता है

उदाहरण के लिए –

  • दो ताकतवर आदमी इस भारी मेज़ को उठा पाए।
  • मेहनती छात्र ही अच्छे अंक प्राप्त कर पाते हैं।
  • दशरथ पुत्र राम ने रावण को मारा था।
  • आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द ‘संज्ञा पदबंध’ है। क्योंकि ये सभी पद मिलकर संज्ञा की ओर संकेत कर रहे हैं।

2. विशेषण पदबंध-
वह पदबंध जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताता हुआ वाक्य में विशेषण का कार्य करता है, विशेषण पदबंध कहलाता है। दूसरे अथवा सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि पदबंध का मुख्य अथवा अंतिम शब्द यदि विशेषण हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हों तो वह ‘विशेषण पदबंध’ कहलाता है।

उदाहरण के लिए-

  • वह बहुत सूंदर कविता लिखता है।
  • उस घर के कोने में लगा हुआ पेड़ आम का है।
  • उसका कुत्ता अत्यंत सुंदर, फुरतीला और आज्ञाकारी है।
  • गर्मियों में सफेद खादी कपडे पहनना आरामदायक होता है।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द ‘विशेषण पदबंध’ है। क्योंकि ये शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते हुए विशेषण का कार्य कर रहे हैं।

3.  सर्वनाम पदबंध-
वह पदबंध जो वाक्य में सर्वनाम का कार्य करे, सर्वनाम पदबंध कहलाता है।

उदाहरण के लिए

  • हमारे देश के नेताओं में कुछ नेता अच्छे हैं।
  • शरारत करने वाले छात्रों में से कुछ पकड़े गए।
  • विरोध करने वाले लोगों में से कोई नहीं बोला।
  • आपके अपनों में कौन आपका साथ देगा?

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द सर्वनाम पदबंध हैं क्योंकि वे क्रमशः ‘कुछ’ ‘कोई’ और ‘कौन’ इन सर्वनाम शब्दों से सम्बद्ध हैं।

4. क्रिया पदबंध-
वह पदबंध जो अनेक क्रिया-पदों से मिलकर बना हो, क्रिया पदबंध कहलाता है। क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया पहले आती है। उसके बाद अन्य क्रियाएँ मिलकर एक समग्र इकाई बनाती है। यही ‘क्रिया पदबंध’ है। दूसरे अथवा सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि वाक्य में कई पद मिलकर जब क्रिया का कार्य करते हैं तो वह क्रिया पदबंध कहलाता है।

उदाहरण के लिए –

  •  वह विद्यालय से सीधे घर की ओर आया होगा।
  • दादी हर रात हमें नई-नई कहानियाँ सुनाती रहती हैं।
  • गायक अपना पसंदीदा गीत गा रहा है।
  • बच्चे मैदान में फूटबॉल खेल रहे हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द ‘क्रिया पदबंध’ है। क्योंकि ये शब्द वाक्य में क्रिया का कार्य कर रहे हैं।

5. क्रिया विशेषण पदबंध –
जब किसी वाक्य में क्रिया विशेषण का कार्य करने वाले पद हों तो वहाँ क्रिया विशेषण पदबंध होता है। दूसरे अथवा सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि वाक्य में जो पद क्रिया की विशेषता बताने वाले हों वे क्रिया विशेषण पदबंध कहलाते हैं।

उदाहरण के लिए-

  • आज गाड़ी बहुत जल्दी आ गयी। 
  • पक्षी पिंजरे के अन्दर बैठा है। 
  • मैं इस माह के अंत तक आ जाऊँगा। 
  • खिलाड़ी मैदान की ओर गए हैं। 

इन वाक्यों में रेखांकित शब्द क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं। क्योंकि ये शब्द क्रिया की विशेषता को उजागर कर रहे हैं।

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