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परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

रेलवे

  • रेलवे लाईन की लम्बाई (31 मार्च 2014 की स्थिति)  -  65808 किमी
  • रेलवे विद्युतीकृत मार्ग की लम्बाई (31 मार्च, 2014) -  21614 किमी (कुल का 32.84%)
  • एशिया का सबसे बड़ी व विश्व की दूसरी बड़ी  रेल प्रणाली  -   भारतीय रेल

    
रेलवे परिचालन अनुमान

2015-16 (ब. स.)  88.5%

2014-15 (सं. शो.) 

91.8%
2013-14 (वास्तविक) 93.6%
2015-16 (बजट)   14265.71 करोड़ रुपए
सड़कों की कुल लम्बाई (मार्च 2014)    48.65 लाख किमी
अन्य जिला तथा ग्रामीण सड़कों की लम्बाई   46.35 लाख किमी
राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषित लम्बाई (31 मार्च 2014) 92.851 किमी
राज्य राजमार्गों की लम्बाई     1,42,687 किमी
अन्य सड़कों की लम्बाई     46,49,462 किमी

सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7(2369 किमी)
कुल माल यातायात में सड़क यातायात का हिस्सा     62.9%
कुल यात्राी यातायात में सड़क यातायात का हिस्सा     90.2%
राज्यों में सड़क मार्ग की लम्बाई में प्रश्न स्थान (31 मार्च, 2012) उत्तर प्रदेश (403102 किमी)
राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई में सर्वाध्कि लम्बाई वाला राज्य (31 मार्च, 2012)  उत्तर प्रदेश (7818 किमी)
प्रान्तीय राजमार्गों की लम्बाई में सर्वाध्कि लम्बाई वाला राज्य (31 मार्च, 2012) महाराष्ट्र (32596 किमी)

बड़े बंदरगाहों की कुल संख्या    

13
विश्व की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कम्पनी चाइना मोबाइल

        
पर्यटन

  • देश में पर्यटन के विकास की दिशा में शुरुआत 1948 में हुई। 1967 में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय की स्थापना की गई। 23 मई, 1998 से पर्यटन विभाग को एक स्वतंत्रा मंत्रालय बना दिया गया है। 
  • लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने में पर्यटन उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस उद्योग के माध्यम से ऐसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास सम्भव हो पाया है, जो उपेक्षित पड़े थे और जहां आर्थिक विकास के कार्यों में अड़चनें आती थीं।
  • इस उद्योग की प्रमुख विशेषता यह है कि यह राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हर वर्ष 1410 लाख से अधिक घरेलू पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करते हैं तथा लोगों और उनकी सांस्कृतिक विविधता के बारे में बेहतर समझ लेकर वापस लौटते हैं। 

 

महत्वपूर्ण तथ्य

भारत में विदेशी पर्यटक आगमन की संख्या (2014)

7.46 मिलियन

वार्षिक वृद्धि दर (2013)

7.1%

विश्व पर्यटन व्यय में भारत का हिस्सा (2013)

1.65%

विश्व पर्यटन में व्यय की दृष्टि से भारत की रैंक

16वीं

पर्यटन में भारत की रैंक (2013)

65वीं

विदेशी पर्यटकों से मुद्रा अर्जन (2014)
अमरीकी डॉलर

19.567 अरब (6.6% वार्षिक वृद्धि)

सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में घरेलू पर्यटक यात्राओं की संख्या

1036 मिलियन

वार्षिक वृद्धिदर

19.9%

विश्व में पर्यटकों के आगमन से भारत का हिस्सा (2013)

0.6%

अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक आगम की संख्या (2012)

1035 मिलियन (अ)

वार्षिक वृद्धि दर

4.0%

अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियाँ (2012)

US$1075 बिलियन (अ)

वार्षिक वृद्धिदर

3.2%

घरेलू पर्यटन व्यय (2013)

2.9 ट्रिलियन रुपए (US$ 49.8 बिलियन)

घरेलू पर्यटकों की व्यय (2015)

1.2 बिलियन

वर्ष 2012 में घरेलू पर्यटकों की संख्या में राज्यों का हिस्सा

प्रथम स्थान - वृद्धि प्रदेश

(20.0%)

द्वितीय स्थान - तमिलनाडु

(17.8%)

तृतीय स्थान - उत्तर प्रदेश

(16.2%)

वर्ष 2012 में विदेशी पर्यटकों की संख्या में राज्यों का हिस्सा

प्रथम स्थान - महाराष्ट्र

(24.7%)

द्वितीय स्थान - तमिलनाडु

(17.2%)

तृतीय स्थान - दिल्ली

(11.3%)

 

  • भारत की स्वतंत्राता की 50वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1999.2000 को भारत पधारें वर्ष घोषित किया गया था। आजादी की 50वीं जयंती के अवसर पर ही यह निर्णय लिया गया कि 25 जनवरी को प्रति वर्ष भारत पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
  • देश में पर्यटन के तीव्र विकास के लिए नौवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विभिन्न बातों पर विशेष बल देने का फैसला किया गया। इनमें-
  1. आधारभूत सुविधाओं का विकास 
  2. सुविधाओं का विकास और विविधीकरण जिसमें बड़े पर्यटन केंद्रों का विकास शामिल है
  3. ट्रेकिंग, हिम खेल, वन्य जीवन और समुद्रतटीय पर्यटन स्थलों का विका
  4. सांस्कृतिक रूप से निकट लगने वाले क्षेत्रों और देशों में बाजार की तलाश
  5. पर्यावरण सरंक्षण और संस्कृति संरक्षण और राष्ट्रीय धरोहर योजनाएं 
  6. राष्ट्रीय छवि सुधारने और मुख्य बाजारों में विपणन योजनाएं
  7. पर्यटक केंद्रों पर कम खर्चीले ठहरने के स्थान सुलभ कराना
  8. सार्वजनिक क्षेत्रा की कंपनियों की कार्यकुशलता में सुधार 
  9. हवाई अड्डों को मजबूत बनाना
  10. मानव संसाधन विकास 
  11. निगरानी और मूल्यांकन 
  12. संगठन को मजबूत बनाना
  13. जागृति पैदा करना और जन सहयोग बढ़ाना और
  14. बुनियादी सुविधाओं के विकास में निजी क्षेत्रा की भागीदारी बढ़ाना जैसी बातें शामिल हैं।
     

 

                                         महत्वपूर्ण तथ्य

  • देश में पर्यटन के विकास हेतु अक्टूबर 1966 में भारतीय पर्यटन विकास निगम की स्थापना की गई थी।
  • निगम ने महलों, हवेलियों दुर्गों, किलों के अलावा 1950 से पहले बने आवासीय भवनों में चल रहे होटलों के लिए ‘हेरिटेज’ नाम का नया वर्ग बनाया गया।
  • चीन की राजधनी बीजिंग में भारत का पर्यटन कार्यालय अप्रैल 2008 में स्थापित किया गया है।
  • 18 देशों की यात्रियों के लिए 5-5 वर्ष की अवधिके लिए मल्टीपल वीजा की सुविधा सरकार ने प्रदान की है।
  • इनमें फांस, जर्मनी, लक्जेमवर्ग, नीदरलैण्ड, बेल्जियम, फनलैण्ड, स्पेन, स्विट्जरलैण्ड, आइसलैण्ड, न्यूजीलैण्ड, जापान, द. कोरिया, अर्जेन्टिना, ब्राजील, चिली, मेक्सिको एवं वियतनाम शामिल हैं।
  • मल्टीपल एंट्री वीजे के मामलों में हर बार भारत आने के बाद कम-से- कम 90 दिन रहना आवश्यक होता है।
  • वर्ष 2013 में विश्व में पर्यटकों के अप्रवाह में भारत का हिस्सा 0.6 प्रतिशत रहा, जिसके 2014 में बढ़कर 1 प्रतिशत हो जाने की आशा है।
  • वर्ष 2013 के दौरान भारत की यात्रा पर आने वाले विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या 69.7 लाख की जो 2010 में 57.8 लाख रही थी।

 

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FAQs on परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC क्या है?
उत्तर: परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC एक परीक्षा है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य परिवहन और पर्यटन क्षेत्र में आपके ज्ञान, कौशल और क्षमता का मापन करना है।
2. परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था से संबंधित कौन-कौन से विषय शामिल हो सकते हैं?
उत्तर: परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयों में सड़क, रेल, हवाई, जल, पर्यटन नीति, पर्यटन उद्योग, पर्यटन प्रबंधन, पर्यटन संगठन और पर्यटन विपणन शामिल हो सकते हैं।
3. परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC की तैयारी के लिए कौन-कौन सी पुस्तकें और संसाधन उपयोगी हो सकते हैं?
उत्तर: परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC की तैयारी के लिए निम्नलिखित पुस्तकें और संसाधन उपयोगी हो सकते हैं: - "परिवहन की राष्ट्रीय नीतियाँ और योजनाएँ" द्वारा एस.एस. राथौर - "पर्यटन उद्योग: भारतीय संदर्भ में" द्वारा रुमानी मोहन सिंघल - "पर्यटन प्रबंधन" द्वारा रवींद्र कुमार
4. परिवहन एवं पर्यटन क्षेत्र में कौन-कौन से सरकारी नौकरी के अवसर हो सकते हैं?
उत्तर: परिवहन एवं पर्यटन क्षेत्र में निम्नलिखित सरकारी नौकरियाँ उपलब्ध हो सकती हैं: - भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) - भारतीय उच्चतर न्यायिक सेवा (IJS) - भारतीय अर्थशास्त्र सेवा (IES) - भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) - भारतीय रेलवे विनियामक सेवा (IRTS)
5. परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC की परीक्षा पैटर्न क्या है?
उत्तर: परिवहन एवं पर्यटन - पारंपरिक अर्थव्यवस्था UPSC की परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होती है जबकि मुख्य परीक्षा निबंध और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होती है। साक्षात्कार आयोजित किया जाता है ताकि आपके ज्ञान और कौशल का मापन किया जा सके।
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