UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi  >  बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस

बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

बहमनी साम्राज्य

 ¯ मुहम्मद बिन तुगलक के अन्तिम वर्षों में दिल्ली सल्तनत छिन्न-भिन्न होने लगा। इसका फायदा उठाकर एक महत्वाकांक्षी अफगान अलाउद्दीन हसन ने 1347 ई. में शक्तिशाली बहमनी साम्राज्य की स्थापना की। 
 ¯ इसके साथ ही उसने अबुल मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमन शाह की उपाधि धारण की। 
 ¯ प्रारम्भ में वह गंगू ब्राह्मण के यहां नौकरी करता था। इसलिए उसे हसन गंगू भी कहा जाता है। 
 ¯ कहा जाता है कि सुल्तान बनने के बाद उस ब्राह्मण के प्रति आदर प्रदर्शित करने के लिए उसने अपने नाम के साथ ब्राह्मण या बहमन शब्द जोड़ दिया। 
 ¯ एक दूसरा मत यह है कि वह अपने को फारस के बादशाह बहमन शाह का वंशज मानता था और इसी कारण उसने बहमन शाह की उपाधि धारण की तथा उसने जिस राज्य की स्थापना की, वह बहमनी राज्य कहलाया। 
 ¯ बहमन शाह ने गुलबर्गा को अपनी राजधानी बनाया व उसका नाम बदलकर अहसनाबाद कर दिया। 
 ¯ उसने अपने राज्य का चार तरफों या प्रांतों में विभाजन किया - गुलबर्गा, दौलताबाद, बरार व बीदर। 
 ¯ 1358 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। 
 ¯ उसके बाद उसका पुत्र मुहम्मद शाह प्रथम गद्दी पर बैठा। उसने 1358 ई. से 1375 ई. तक राज किया। वह प्रतापी शासक था। 
 ¯ वह अपने पूरे शासन काल में वारंगल तथा विजयनगर से युद्धों में लगा रहा। 
 ¯ 1375 ई. में उसकी मृत्यु हो गई तथा अगले 22 वर्षों में पांच सुल्तान सत्तारूढ़ हुए। ये थे -

 (क) अलाउद्दीन मुहम्मद (1375-1378ई.)
 (ख) दाऊद (1378 ई.)
 (ग) मुहम्मद द्वितीय (1378-1397 ई.)
 (घ) ग़यासुद्दीन (1397 ई.)
 (ड.) शम्सुद्दीन दाऊद (1397 ई.)

 ¯ 1397 ई. में ही फीरोज ने गुलबर्गा के सिंहासन पर अधिकार कर ताजुद्दीन फीरोज शाह की उपाधि धारण की। विजयनगर के विरुद्ध 1398 ई. एवं 1406 ई. के अपने दोनों आक्रमणों में उसे सफलता मिली। 
 ¯ फीरोज शाह प्रसिद्ध विद्वान और कवि था। उसका सबसे प्रशंसनीय कार्य प्रशासन में बड़े स्तर पर हिन्दुओं को सम्मिलित करना था। 
 ¯ 1420 ई. में विजयनगर पर अपने तीसरे आक्रमण में उसकी हार हुई। इस हार से उसकी स्थिति कमजोर हो गई और 1422 ई. में उसे अपने भाई अहमद शाह प्रथम के पक्ष में गद्दी छोड़नी पड़ी। 
 ¯ अहमद शाह प्रथम का गेसू दराज के साथ निकट सम्बन्ध होने के कारण उसे वली (संत) कहा जाता है। वह दक्षिण भारत में पूर्वी तट के लिए संघर्ष करता रहा।
 ¯ पिछले युद्ध में वारंगल द्वारा विजयनगर का साथ देने के कारण उससे बदला लेने के लिए अहमद शाह ने वारंगल पर चढ़ाई की, राजा को मार डाला और वारंगल का अधिकांश भाग अपने राज्य में मिला लिया। 
 ¯ वह अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर ले गया। 
 ¯ बहमनी राज्य धीरे-धीरे विस्तृत होने लगा तथा महमूद गवां की दीवानी के समय यह उन्नति के उच्चतम शिखर पर पहुंच गया। 

 

स्वतंत्र प्रांतीय राज्य
     राज्य    समय    संस्थापक

     बंगाल    1342    शम्सुद्दीन इलियासशाह
     जौनपुर    1398    मलिक-उस-शर्क  (मलिक सरवर)
     कश्मीर    1301    सूहादेव
     मालवा    1401    दिलावर खां
     मेवाड़    चैदहवीं शताब्दी का पूर्वार्द्ध     हम्मीरदेव
     गुजरात    1407    मुजफ्फरशाह (जफर खां)
     खानदेश    1382    सुबेदार मलिक अहमद   राजा फारुकी
     बहमनी राज्य    1347    अलाउद्दीन बहमन शाह
     विजयनगर    1336    हरिहर व बुक्का

¯ महमूद गवां जन्म से ईरानी था और पहले वह व्यापारी था। किसी ने सुल्तान से उसका परिचय कराया और शीघ्र ही वह उसका प्रियपात्र बन गया। 
 ¯ उसे व्यापारियों के प्रमुख (मलिक-उत्-तुज्जार) की उपाधि मिली। 
 ¯ शीघ्र ही उसे प्रमुख वज़ीर (पेशवा) का पद प्राप्त हुआ। 
 ¯ महमूद गवां का प्रमुख सैनिक योगदान दमोल और गोवा सहित पश्चिमी समुद्र तट पर विजय थी। इन बन्दरगाहों का हाथ से निकल जाना विजयनगर के लिए नुकसानदेह सिद्ध हुआ। 
 ¯ महमूद गवां ने बहुत से आन्तरिक सुधार भी किए। उसने राज्य को आठ प्रांतों या तरफों में विभाजित किया। 
 ¯ वह कलाओं का भी महान संरक्षक था। उसने राजधानी बीदर में बहुत बड़ा मदरसा बनवाया था। 
 ¯ उस समय सरदारों के दो वर्ग थे - पुराने और नये अथवा दक्कनी व आफाकी। 
 ¯ महमूद गवां भी नये वर्ग का था, और उसे दक्कनियों का विश्वास जीतने के लिए बहुत प्रयत्न करना पड़ा था। यद्यपि उसने मेल-मिलाप की उदार नीति का अनुसरण किया, फिर भी दलगत संघर्ष मिटाया नहीं जा सका। 
 ¯ उसके विरोधी तरूण सुल्तान मुहम्मद शाह तृतीय के कान भरने में सफल हुए और 1482 में सुल्तान ने महमूद गवां को फांसी पर चढ़वा दिया। उसकी मृत्यु के उपरांत दलगत संघर्ष और उग्र हो गया। 
 ¯ शीघ्र ही बहमनी साम्राज्य पांच स्वतंत्र राज्यांे में विभाजित हो गया। ये राज्य थे - गोलकुण्डा, बीजापुर, अहमदनगर, बरार और बीदर।

The document बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi is a part of the UPSC Course इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi.
All you need of UPSC at this link: UPSC
398 videos|676 docs|372 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. बहमनी साम्राज्य क्या था?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य 1347 ईस्वी में भारत के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थापित हुआ था। यह साम्राज्य पहले उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्यों के तौर पर अभिज्ञात था। बहमनी साम्राज्य ने 1527 ईस्वी में अपनी अस्तित्व की समाप्ति कर दी।
2. बहमनी साम्राज्य का इतिहास क्या है?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य का इतिहास 1347 ईस्वी से 1527 ईस्वी तक है। यह साम्राज्य उत्तर भारत और दक्षिणी क्षेत्रों में विस्तृत विस्तार प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया। यह साम्राज्य शासकों के बीच जंग, शासन की क्षमता और सांस्कृतिक प्रगति के कारण प्रसिद्ध था।
3. बहमनी साम्राज्य के प्रांतीय साम्राज्य कौन-कौन से थे?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य के प्रांतीय साम्राज्य निजामशाही साम्राज्य, कुतुबशाही साम्राज्य, गोलकोंडा साम्राज्य, बिजापुर साम्राज्य और आहमदनगर साम्राज्य थे। ये साम्राज्य अपने क्षेत्रों में स्वायत्तता का विकास करने के लिए अपने आप में स्वतंत्र थे।
4. बहमनी साम्राज्य के इतिहास में कौन-कौन से महान शासक थे?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य के इतिहास में कुछ महान शासक थे जैसे कि फ़िरोजशाह बहमनी, अहमदशाह बहमनी और इस्लामशाह बहमनी। इन शासकों ने अपनी साम्राज्य सुदृढ़ की और सांस्कृतिक प्रगति को बढ़ाया।
5. बहमनी साम्राज्य के अंतिम दिनों में क्या हुआ?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य के अंतिम दिनों में, विभिन्न नगरों के बीच संघर्ष और आंतरिक विवादों के कारण साम्राज्य में असंतोष बढ़ा। इसके परिणामस्वरूप, आहमदनगर साम्राज्य के शासक ने 1527 ईस्वी में बहमनी साम्राज्य के विभाजन का एलान किया। इससे पश्चिमी और दक्षिणी भागों में अलग-अलग साम्राज्यों का निर्माण हुआ, जिनमें से बाद में दक्षिणी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के साम्राज्य विकसित हुए।
398 videos|676 docs|372 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

यूपीएससी

,

बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य

,

Extra Questions

,

Viva Questions

,

mock tests for examination

,

Exam

,

Sample Paper

,

video lectures

,

shortcuts and tricks

,

यूपीएससी

,

यूपीएससी

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Important questions

,

बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य

,

Objective type Questions

,

ppt

,

pdf

,

study material

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

MCQs

,

इतिहास

,

Free

,

past year papers

,

Semester Notes

,

इतिहास

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

इतिहास

,

बहमनी साम्राज्य - उत्तर भारत और दक्कन के प्रांतीय साम्राज्य

;