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भुगतान संतुलन व असंतुलन, भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक), UPSC Video Lecture | भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on भुगतान संतुलन व असंतुलन, भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक), UPSC Video Lecture - भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) for UPSC CSE in Hindi

1. भुगतान संतुलन और असंतुलन क्या है?
उत्तर: भुगतान संतुलन और असंतुलन दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक मतलबपूर्ण संबंध को दर्शाते हैं. भुगतान संतुलन का मतलब होता है जब एक देश के द्वारा उत्पन्न होने वाली संख्या के साथ उत्पन्न होने वाली आय का समान बनाने का प्रयास किया जाता है. वहीं, भुगतान असंतुलन का मतलब होता है जब एक देश की उत्पादन और आय के बीच अंतर होता है और उत्पन्न होने वाली संख्या के साथ भी अंतर होता है.
2. भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक) क्या है?
उत्तर: भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक) एक प्राचीन और मौलिक अर्थव्यवस्था है जो भारत में विकसित हुई है. इस अर्थव्यवस्था में खेती, ग्रामीण व्यापार, शिल्प, व्यापार, धातु, लकड़ी, ताना-बाना और परंपरागत उद्योग जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से फोकस किया जाता है.
3. UPSC क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली एक प्रतियोगी परीक्षा है. यह आयोग विभिन्न सिविल सेवा पदों के लिए न्यायिक सेवा, पुलिस सेवा, लोक सेवा, भू-विज्ञान सेवा, आदि की भर्ती करता है. UPSC परीक्षा भारतीय संविधान द्वारा स्थापित की गई है और यह देश के नेतृत्वीय पदों की भर्ती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
4. भुगतान संतुलन और असंतुलन के कारण और प्रभाव क्या हो सकते हैं?
उत्तर: भुगतान संतुलन के कारण और प्रभाव: - भुगतान संतुलन के कारण एक देश में संख्या के साथ उत्पन्न होने वाली आय बढ़ सकती है, जिससे लोगों के पास अधिक खर्च करने की क्षमता होती है. - भुगतान संतुलन के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली आय के साथ संख्या भी बढ़ सकती है, जो एक देश के आर्थिक विकास को संकेत कर सकती है. भुगतान असंतुलन के कारण और प्रभाव: - भुगतान असंतुलन के कारण एक देश में उत्पादन और आय के बीच अंतर हो सकता है, जिससे कुछ क्षेत्रों में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. - भुगतान असंतुलन के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली संख्या के साथ भी अंतर हो सकता है, जो गरीबी और असमानता को बढ़ा सकता है.
5. भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक) में कौन-कौन से क्षेत्रों पर जोर दिया जाता है?
उत्तर: भारतीय अर्थव्यवस्था (पारंपरिक) में खेती, ग्रामीण व्यापार, शिल्प, व्यापार, धातु, लकड़ी, ताना-बाना और परंपरागत उद्योग जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया जाता है.
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