राज्यों के उच्च न्यायालय
उच्च न्यायालय का गठन
भारत के सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों का गठन एक ही प्रकार से होता है। संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार प्रत्येक राज्य का उच्च न्यायालय मुख्य न्यायमूर्ति तथा अन्य न्यायाधीशों से मिलकर बनेगा। इनके अतिरिक्त राष्ट्रपति को न्यायालय के लिए निम्नलिखित नियुक्तियां करने का भी अधिकार प्राप्त है-
न्यायाधीशों की नियुक्ति
संविधान के अनुच्छेद 216 के अधीन उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस प्रकार की नियुक्तियों में राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से तथा संबंधित राज्य के राज्यपाल से और राज्यों के मुख्य न्यायाधीशों से भिन्न अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में राज्य के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श लेता है। [अनुच्छेद 217]
पदावधि- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक अपने पद पर बने रह सकते है। यह व्यवस्था संविधान के 15वें संशोधन अधिनियम, 1963 द्वारा की गई है। इससे पूर्व यह आयु 60 वर्ष निर्धारित थी। अनुच्छेद 217, कार्यकारी न्यायाधीश तभी तक अपने पद पर रह सकते है जब तक कि स्थायी न्यायाधीश अपना कार्यभार पुनः न सम्भाल लें।
न्यायाधीशों के पद में रिक्ति
संविधान के अनुच्छेद 217 के अधीन उच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश निम्न रीति से अपना पद रिक्त करेंगे-
पद के लिए योग्यताएँ
संविधान के अनुच्छेद 217 (2) में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अर्हत (योग्य) होने के लिए निम्न योग्यताएँ होना आवश्यक है-
न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते
संविधान के 54वें संशोधन, उच्च न्यायालय न्यायाधीश (सेवा शर्तें) संशोधन अधिनियम, 1986 द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति का वेतन 9000 रु. प्रतिमास तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन 8000 रु.प्रतिमास निर्धारित किया गया। इसके अतिरिक्त उसे शासकीय आवास तथा संसद के कानूनों द्वारा समय-समय पर निर्धारित सभी भत्ते तथा सुविधाएँ प्राप्त होंगी। समसामयिक जानकारी पहले बाॅक्स में दी गई हैं।
न्यायाधीशों की स्वाधीनता
सर्वोच्च न्यायालय की भांति ही उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी अपना कार्य ईमानदारी एवं स्वतंत्रतापूर्वक करें, इस हेतु संविधान द्वारा न्यायाधीशों की स्वतंत्राता बनाये रखने हेतु निम्न उपबन्ध किये गये है-
शपथ- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपना पद धारण करने से पूर्व राज्यपाल अथवा उसके द्वारा इसके लिये नियुक्त किसी सक्षम व्यक्ति के समक्ष संविधान की तीसरी अनुसूची में इस पद के लिए निर्धारित शपथ ग्रहण करते है।
उच्च न्यायालय के अधिकार
सामान्यतः उच्च न्यायालयों द्वारा निम्न मामलों में निर्णय दिया जा सकता है
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1. भारत में कितने उच्च न्यायालय हैं? |
2. उच्च न्यायालय का कार्यकाल क्या होता है? |
3. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कैसे नियुक्त होते हैं? |
4. न्यायाधीश की पारित आयु क्या होती है उच्च न्यायालय में? |
5. उच्च न्यायालय का कार्यक्षेत्र क्या होता है? |
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