विश्व की प्रमुख स्थानीय हवाएं
• चिनूक- पर्वतीय ढाल के सहारे चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवा (संयुक्त राज्य अमेरिका)।
• फाॅन- आल्प्स पर्वत के उत्तरी ढाल से नीचे उतरने वाली गर्म एवं शुष्क हवा (यूरोप)। सर्वाधिक प्रभाव स्विटजरलैण्ड में।
• सिराॅको- सहारा मरुस्थल से भूमध्य सागर की ओर चलने वाली गर्म हवा।
• अन्य नाम- 1. खमसिन- मिस्र, 2. गिबिली- लीबिया, 3. चिली- ट्यूनिशिया, 4. लेस्ट- मैड्रिया, 5. सिराॅको- इटली, 6. लेबेक- स्पेन।
• सिमूम (Simoom)- अरब के रेगिस्तान में चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवा।
• हरमट्टन (Harmattan)- सहारा रेगिस्तान से उ. पूर्व दिशा में चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवा। गिनीतट पर ‘डाक्टर’ कही जाती है।
• बिक्रफील्डर- आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रान्त में चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवा।
• साण्टा अना (Santa Ana)-द. कैलीफोर्निया राज्य (सं. रा. अमेरिका) में साण्टा अना घाटी से चलने वाली गर्म तथा शुष्क हवा।
• संकरी घाटियों से बहने वाली गर्म एवं शुष्क हवाओं के स्थानीय नाम- 1. यामो (Yamo)- जापान, 2. जोण्डा (Zonda)- अर्जेण्टीना (ऐण्डियन घाटी से), 3. ट्रैमोण्टेन (Tramontane)- मध्य यूरोप की घाटियों में।
• नारवेस्टर (Norwester)-न्यूजीलैण्ड में उच्च पर्वतों से उतरने वाली गर्म, शुष्क तथा धूल भरी हवा।
• शामल (Shamal)- मेसोपोटामिया (इराक) तथा फारस की खाड़ी में चलने वाली गर्म एवं शुष्क उ. पूर्वी हवा।
• ब्लैक रोलर Black Roller)-बृहत मैदान (उ. अमेरिका) की द. पश्चिम या उत्तर-पश्चिम चलने वाली गर्म एवं धूल भरी हवा।
• मिस्ट्रल (Mistral)- रोनघाटी (फ्रांस) में जाड़े में चलने वाली ठण्डी हवा।
• बोरा (Bora)- यूगोस्लाविया के एड्रियाटिक तट पर चलने वाली ठण्डी हवा।
• ट्रैमोण्टाना (Tramontana)- उ. इटली में चलने वाली ठण्डी हवा।
• बर्गस (Bergs)- द. अफ्रीका में जाड़े में चलने वाली गर्म हवा। आन्तरिक पठार से तटीय भागों की ओर चलने वाली हवा।
• पैम्पेरो (Pampero)- अर्जेन्टीना तथा युरुग्वे के पम्पास क्षेत्र में चलने वाली ठण्डी एवं तीव्र ध्रुवीय हवा। दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में चलने वाली रैखिक प्रचण्ड वायु (Line squall)।
• पैपैगयो (Papagayao)- मैक्सिको के तट पर चलने वाली शीतल, शुष्क तथा तीव्र हवा।
• टेरल (Terral)- पेरू एवं चिली के पश्चिमी तटों पर चलने वाला समीर।
• जोरन (Joran)- जूरा पर्वत से जेनेवा झील तक रात्रि में चलने वाली शीतल एवं शुष्क पवन।
• नार्दर (Norther)- टेक्सास राज्य (सं. रा. अमेरिका) में चलने वाली शुष्क एवं शीतल हवा।
स्मरणीय तथ्य |
♦ जास्कर श्रेणी का सर्वोच्च शिखर है कामेत (ऊंचाई 7,643 मी.)। इस श्रेणी में धमी, किंगरी बिंगरी, शाल-शाल तथा नीती दर्रें पाये जाते है। |
♦ अरावली पर्वत के समीप पुरानी चट्टानों की सन्धियों पर अधिक भ्रंशन हुआ है। 800 कि. मी. की लम्बाई में विस्तृत इस भ्रंशन को ‘महान सीमा भ्रंश’ (Great Boundary Fault) कहा जाता है। |
♦ कुडप्पा क्रम की चट्टानों में मिलने वाली लावा एवं ज्वालामुखी राख की उपस्थिति ज्वालामुखी उद्रार की ओर संकेत करती है। |
♦ धारवाड़ युग की चट्टानों में लौहखनिज, मैगनीज, ताँबा, सीसा, आदि की अधिकता पायी जाती है। |
♦ आर्कियन युग की चट्टानों में प्रायः जीवाश्म नहीं मिलते लेकिन संगमरमर तथा कार्बनयुक्त पदार्थ जैसे ग्रेफाइट आदि की उपस्थिति यह बताती है कि इस युग में किसी न किसी प्रकार के जीव अवश्य थे। |
♦ गूजर पीरपंजाल पर्वतीय भाग में निवास करने वाले प्रवासी-पशुचारक है। |
♦ यूरोप के आल्प्स, यूराल तथा ब्लैक फारेस्ट पर्वत भ्रंशोल्थ (Block) पर्वतों के उदाहरण है। |
♦ इटली में यूरोप का सर्वाधिक अंगूर तथा जैतून पैदा किया जाता है। इटली भूमध्यसागरीय जलवायु क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। |
♦ भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के पन्त नगर में 1960 में स्थापित किया गया था। |
• नाॅर्टी (Norte)- नार्दर हवा का मध्य अमेरिकी क्रम।
• साॅमन (Somun)- ईरान में कुर्दिस्तान पर्वत से उ. पश्चिम दिशा में चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवा।
• कालिक पवन (Temporals)- मानसून प्रकार की प्रबल दक्षिणी-पश्चिमी हवा जो ग्रीष्मकाल में मध्य अमेरिका के प्रशान्त महासागरीय तट पर चलती है।
• विराजोन (Virozon)- पेरू तथा चिली के पश्चिमी तटों पर चलने वाला समुद्री समीर।
• वेण्डाव्वेल्स (Vendavales)- जिब्राल्टर जल-सन्धि तथा स्पेन के पूर्वी तट से सुदूरवर्ती क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले अवदाबों से सम्बन्धित तीव्र दक्षिणी-पश्चिमी हवा, जो प्रायः शीतकाल में तीव्र वर्षा के लिए उत्तरदायी होती है।
• सुमात्रा (Sumatra)- मलक्का जलसन्धि क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली रेखीय प्रचण्ड हवा, जो सामान्यतया दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि में रात्रि के समय अचानक प्रवाहित होती है तथा तड़ित-झंझा का रूप धारण कर लेती है।
• सदर्न बस्र्टर (Southem Burster)- आस्ट्रेलिया के न्यू साउथवेल्स प्रान्त में चलने वाली प्रबल शुष्क पवन, जिसके कारण वहाँ का तापमान काफी कम हो जाता है।
• सीस्टन (Seistan)- पूर्वी ईरान के सीस्टन प्रान्त में ग्रीष्म काल में चलने वाली तीव्र उत्तरी हवा जिसकी गति कभी-कभी 110 कि. मी. प्रति घण्टा तक हो जाती है। इसको ‘120 दिन की पवन’ के नाम से भी जाना जाता है।
• नेवाडोज (Nevados)- दक्षिण अमेरिका के एण्डीज पर्वतीय हिम क्षेत्रों से इक्वेडर की उच्च घाटियों में नियमित रूप से प्रवाहित होने वाली हवा, जो एक एनाबेटिक हवा है। यह पर्वतीय वायु के रात्रि-विकिरण बर्फ के सम्पर्क से ठण्डी हो जाने के कारण ढालों से नीचे की ओर प्रवाहित होती है।
• मैस्ट्रो (Maestro) भूमध्यसागरीय क्षेत्र के मध्यवर्ती भाग में चलने वाली उत्तरी-पश्चिमी हवा, जो यहाँ उत्पन्न होने वाले किसी अवदाब के पश्चिमी भाग में अधिक तीव्रता से प्रवाहित होती है।
• हबूब (Haboob)- उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी सूडान, विशेषकर खारतूम के समीप चलने वाली एक प्रकार की धूल भरी आँधी, जिसके कारण दृश्यता कम हो जाती है तथा कभी-कभी तड़ित-झंझावात के साथ भारी वर्षा भी हो जाती है। यह विशेषकर मई तथा सितम्बर के महीनों में दोपहर के बाद चलती है।
• ग्रेगेल (Gregale)- दक्षिणी यूरोप एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों के मध्य भाग में उत्तर-पश्चिमी अथवा उत्तर-पूर्व दिशा से शीत ऋतु में प्रवाहित होने वाली तीव्र पवन।
• फ्राइजेम (Friagem)- ब्राजील के उष्णकटिबन्धीय कैम्पोज क्षेत्र में प्रति चक्रवात उत्पन्न हो जाने के कारण आने वाली तीव्र शीत-लहर जो मई या जून के महीनों में प्रवाहित होकर इस क्षेत्र के तापमान को 100 सेण्टीग्रेड तक घटा देती है।
• बुरान अथवा पूर्गा (Buran or Purga)- रूस तथा मध्यवर्ती एशिया में चलने वाली उत्तरी-पूर्वी हवा जो अधिकांशतः शीतकाल में चलती है और हिम-प्रवाह को जन्म देती है। शीतकालीन हिमयुक्त बुरान पवन को ‘पूर्गा’ के नाम से भी जाना जाता है।
• बाग्यो (Baguio)- फिलीपीन्स द्वीपसमूह में आने वाले उष्णकटिबन्धीय चक्रवातों को बाग्यो के नाम से जाना जाता है।
विश्व की प्रमुख झीलें | |||
नाम | स्थिति/देश | क्षेत्रफल (वर्ग कि. मी.) | अधिकतम गहराई (मी.) |
1. कैस्पियन सागर | पूर्व सोवियत संघ तथा ईरान | 3,71,800 | 980 |
2. सुपीरियर झील | कनाडा तथा सं. रा. अमेरिका | 82,350 | 406 |
3. विक्टोरिया न्यान्जा | यूगाण्डा, तंजानिया तथा केन्या | 69,500 | 80 |
4. अरल सागर | रूस | 65,500 | 68 |
5. ह्यूरन झील | कनाडा तथा सं.रा. अमेरिका | 59.600 | 228 |
6. मिशिगन झील | संयुक्त राज्य अमेरिका | 58,000 | 281 |
7. टंगानिका झील | जायरे, तंजानिया, जाम्बिया तथा बुरुण्डी | 32,900 | 1,435 |
8. ग्रेटर बियर झील | कनाडा | 31,800 | 82 |
9. बैंकाल झील | रूस | 30,500 | 1,940 |
10. मलावी झील (पूर्व नाम-न्यासा झील) | तंजानिया, मलावी तथा मोजाम्बिक | 29,600 | 678 |
11. ग्रेट स्लेव झील | कनाडा | 28,500 | 163 |
12. ईरी झील | कनाडा तथा सं. रा. अमेरिका | 25,700 | 64 |
13. विनीपेग झील | कनाडा | 24,500 | 36 |
14. औण्टैरियो झील | कनाडा तथा सं. रा. अमेरिका | 19,500 | 237 |
15. ओनेगा झील | रूस | 9,600 | 110 |
16. आयर (Eyre) | आस्ट्रेलिया | 9,580 | 19.8 |
17. लैगो टिटिकाका | पेरू तथा बोलिविया | 8,300 | 278 |
18. अथाबास्का झील | कनाडा | 8,100 | 124 |
19. साइमा काम्पलेक्स (The Lake of Thousand Isles) | फिनलैण्ड | 8,030 | - |
20. लैगो डि निकारागुआ या निकारागुआ झील | निकारागुआ | 8,000 | 60 |
महासागरीय नितल
• समस्त ग्लोब का क्षेत्राफल- 50.995 करोड़ वर्ग कि. मी.
• स्थल मण्डल का क्षेत्राफल- 14,889 करोड़ वर्ग कि. मी.
• समस्त ग्लोब के क्षेत्राफल का प्रतिशत- लगभग 29%
• जलमण्डल का क्षेत्राफल- 36.106 करोड़ वर्ग कि. मी.
• समस्त ग्लोब के क्षेत्राफल का प्रतिशत- लगभग 70%
विभिन्न महासागरों का क्षेत्राफल-
• प्रशान्त महासागर- 16.5 करोड़ वर्ग कि. मी.
• अटलाण्टिक महासागर- 8.2 करोड़ वर्ग कि. मी.
• हिन्द महासागर- 7.3 करोड़ वर्ग कि. मी.
• अन्य- 5.2 करोड़ वर्ग कि. मी.
• महासागरों की औसत गहराई- 3,800 मीटर
• स्थल मण्डल की औसत ऊँचाई- 840 मीटर
• सर्वाधिक गहरा महासागरीय भाग- मेरियाना ट्रेंच (गहराई लगभग 11,776 मीटर)
• सर्वाधिक ऊँचा स्थलीय भाग- माउण्ट एवरेस्ट (ऊँचाई 8,848 मीटर)
घास क्षेत्रों का वर्गीकरण
विश्व में मिलने वाले घास समुदायों को दो मुख्य वर्गों में रखा जाता है, जो निम्नलिखित है-
• उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान (Tropical Grasslands)
• शीतोष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान (Temperate Grasslands)।
• उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान- इस प्रकार के घास के मैदान का विस्तार भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों तथा गर्म मरुस्थली क्षेत्रों के बीच पाया जाता है।
• अफ्रीका, एशिया तथा आस्ट्रेलिया में इस प्रकार की घास के मैदानों को सवाना (Savannah) के सामान्य नाम से जाना जाता है।
विश्व के विभिन्न भागों में स्थानान्तरित कृषि के नाम | |
नाम | क्षेत्र |
रे (Ray) | - वियतनाम तथा लाओस |
टावी (Tavy) | - मलागासी |
मसोल (masole) | - कांगो (जेरे नदी घाटी क्षेत्र) |
फैंग (Fang) | - भूमध्यरेखीय अफ्रीकी देश |
लोगन (Logan) | - पश्चिमी अफ्रीका |
कोनूल अथवा कोमिले | - मैक्सिको |
मिल्पा (Milpa) | - यूकाटन एवं ग्वाटेमाला |
इचाली (Ichali) | - ग्वाडेलूप |
मित्या (Mitya) | - मैक्सिको एवं मध्य अमेरिकी देश |
कोनूको (Conuco) | - वेनेजुएला |
रोका (Roca) | - ब्राजील |
चेतेमिनी (Chetemini | - युगाण्डा, जाम्बिया तथा जिम्बाब्वे |
कैगिन (Kaingin) | - फिलीपींस |
तुंग्या (Tungya) | - म्यान्मार (बर्मा) |
चेन्ना (Chenna) | - श्रीलंका |
लेदांग (Ledang) | - जावा तथा मलेशिया |
तमराई (Tamrai) | - थाईलैण्ड |
हुमा (Hummah) | - जावा तथा इण्डोनेशिया |
भारत के विभिन्न भागों में स्थानान्तरित खेती को अलग-अलग नामों से जाना जाता है- | |
झूम (Jhoom) | - उत्तरी पूर्वी भारत |
बेवार तथा डहियार | - बुन्देलखण्ड सम्भाग (मध्य प्रदेश) |
दीपा (Deepa) | - बस्तर जिला (मध्य प्रदेश) |
जारा तथा एरका (Jara - Erka) | - दक्षिण भारतीय राज्य |
बत्रा (Batra) | - दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान |
पोडू (Podu) | - आन्ध्र प्रदेश |
कुमारी (Kumari) | - केरल में पश्चिमी घाट के पर्वतीय क्षेत्रों में |
कमान, बिंगा तथा धावी | - उड़ीसा |
• विश्व के अन्य भागों में इनके अलग-अलग नाम है, जैसे- लानोज (Lanos) आमेजन नदी के उत्तर में स्थित ओरिनीको नदी की घाटी में; कैम्पास (Campas) आमेजन नदी के दक्षिण में स्थित ब्राजील के मैदानी क्षेत्रों में तथा पार्कलैण्ड (Parkland) अफ्रीका में।
• शीतोष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान- इस प्रकार के घास के मैदान का विस्तार एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैण्ड के शीतोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में हुआ है।
• इसी प्रकार की घासों का आदर्श स्वरूप उत्तरी अमेरिका के प्रेयरी (Praries) तथा एशिया के स्टेपी (Steppes) घास मैदानों के रूप में मिलता है। प्रेयरी उन घास भूमियों को कहा जाता है जिनकी घासों की लम्बाई अधिक होती है।
• इन घासों के भी अनेक नाम है जैसे- अर्जेण्टाइना में पम्पास (Pampas), आस्ट्रेलिया में डाउन्स (Downs), दक्षिण अफ्रीका के नेटाल प्रान्त में वेल्ड (Veld), न्यूजीलैण्ड में कैण्टरबरी घास (Cantebury Grass) आदि।
नदियों के किनारे स्थित महत्वपूर्ण नगर
नगर | देश | नदी |
कराकास | वेनेजुएला | ओरीनीको |
लिवरपूल | इंग्लैण्ड | मर्सी |
वियना | आस्ट्रिया | डेन्यूब |
काबुल | अफगानिस्तान | काबुल |
डैबोलिन | आयरलैण्ड | लिफे |
खारतून | सूडान | व्हाइट तथा ब्लू |
नील | का | संगम |
मैड्रिड | स्पेन | मैजेनसेस |
ओटावा | कनाडा | सेण्ट लारेंस |
सिडनी | आस्ट्रेलिया | डार्लिंग |
यांगून | म्यान्मार | इरावदी |
क्यूबेक | कनाडा | सेण्ट लारेंस |
टोकिया | जापान | अराकुवा |
वारसा | पोलैण्ड | विश्चुला |
अंकारा | तुर्की | किजिल |
कैण्टन | चीन | सीक्यांग |
बेल्ग्रेड | युगोस्लाविया | डेन्यूब |
बगदाद | इराक | टिग्रिस (दजला) |
रोम | इटली | टाइबर |
न्यूयार्क | सं.रा. | अमेरिका हडसन |
लाहौर | पाकिस्तान | रावी |
कराची | पाकिस्तान | सिन्धु |
पेरिस | फ्रांस | सीन |
लन्दन | ब्रिटेन | टेम्स |
मास्को | रूस | मस्कोवा |
वाशिंगटन | डी.सी. | सं.रा. अमेरिका पोटोमैक |
बसरा | इराक | दजला तथा फरात का संगम |
कोलोन | जर्मनी | राइन |
ब्यूनस | आयर्स | अर्जेण्टाइना ला प्लाटा |
नानकिंग | चीन | यांगटिसीक्यांग |
डुण्डी (Dundy) | स्कॉटलैंड | टे नदी |
माण्ट्रियाल | कनाडा | सेण्ट लारेंस |
फिलाडेल्फिया | सं.रा. | अमेरिका हडसन |
अल कैरी (काहिरा) मिस्र | नील |
|
बर्लिन | जर्मनी | स्प्री |
बुडापेस्ट | हंगरी | डेन्यूब |
शंघाई | चीन | यांगटिसीक्यांग |
विश्व के देशों एवं नगरों के परिवर्तित नाम
वर्तमान नाम | पुराना नाम |
जापान | निप्पन |
हो ची मिन्ह | सिटी सैगान |
सूरीनाम | डच गायना |
नामीबिया | दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका |
हवाई द्वीप | सैण्डविच द्वीप |
ईरान | पर्शिया |
इराक | मेसोपोटामिया |
मलावी | न्यासालैण्ड |
अंकारा | अंगोरा |
लेसोथो | वासुटोलैण्ड |
बुर्किना फासो | अपर बोल्टा |
नीदर लैण्ड | हालैण्ड |
थाईलैण्ड | स्याम |
श्रीलंका | सीलोन |
घाना | गोल्ड कोस्ट |
इथियोपिया | अबीसीनिया |
किंशासा | लियोपोल्डविले |
ताइवान | फारमोसा |
ओस्लो | क्रिस्टिना |
बेनिन | दहोमी |
कोझीकोडे | कालीकट |
कर्नाटक | मैसूर |
मध्यप्रदेश | सेण्ट्रल प्राविन्स (मध्य प्रान्त) |
उत्तर प्रदेश | यूनाइटेड प्राविन्स (संयुक्त प्रान्त) |
तिरुअन्तपुरम | त्रिवेन्द्रम |
उड़ीसा | उत्कल |
लेनिनग्राड | सेण्ट पीट्र्सबर्ग (1713-1914 ई.) तथा पेट्रोग्राड |
बानजुल (जाम्बिया की राजधानी) | बाथ्रस्ट |
बेलिज | ब्रिटिश होण्डूरास |
कम्बोडिया | कम्प्यूचिया, ख्मेर |
मलाबी | साण्टा आइसाबेल |
नाउरू | प्लीजैण्ड आइलैण्ड |
तस्मानिया | वान डाइमेन्स लैण्ड |
टोगो | टोगोलैण्ड |
जाम्बिया | उत्तरी रीडेशिया |
जिम्बाब्वे | दक्षिणी रीडेशिया |
जकार्ता | बटाविया |
इण्डोनेशिया | डच ईट इण्डीज |
इस्ताम्बुल | कांसटेण्टिनपोल अथवा कुस्तुनतुनिया |
मंचूरिया | मंचुकुओ |
लखनऊ | लक्ष्मणपुर तथा लखनौती |
जेरे | कांगो गणराज्य |
मलागासी | मेडागास्कर |
बीजिंग | पीकिंग तथा पेंकिंग |
म्यान्मार | बर्मा |
संयुक्त अरब गणराज्य (यू.ए.आर.) | इजिप्ट |
तंजानिया | जंजीबार एवं टंगानिका |
जावा | सुवर्णद्वीप तथा यवद्वीप |
पटना | पाटलिपुत्रा |
बांग्लादेश | पूर्वी पाकिस्तान |
मलेशिया | मलाया |
हरारे | सैलिसबरी |
137 docs|10 tests
|
1. विश्व की प्रमुख स्थानीय हवाएं, महासागरीय नितल तथा महत्वपूर्ण नगर - भारतीय भूगोल के बारे में बताइए। |
2. भारत के महत्वपूर्ण शहरों में से कौन से शहर विश्व के नए सात अजूबों में से एक है? |
3. भारत का सबसे बड़ा नगर कौन सा है? |
4. भारत के उत्तरी समुद्र तट के सबसे पश्चिमी राज्य कौन सा है? |
5. भारत का सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है? |
|
Explore Courses for UPSC exam
|