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विश्व के प्रमुख संगठन - संशोधन नोटस, भारतीय राजव्यवस्था | Revision Notes for UPSC Hindi PDF Download

विश्व के प्रमुख संगठन

(1) राष्ट्रमंडल (Commonwealth)- 1931  में स्थापित इस संगठन में ग्रेट ब्रिटेन के अतिरिक्त उसके उपनिवेश शामिल थे। वर्तमान में भी यद्यपि ब्रिटेन की महारानी इस संगठन की प्रधान है परन्तु यह प्रधानता नाम मात्र की है। इसलिये स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत सहित अनेक देश आज भी इसके सदस्य है। यह सदस्य देशों के आर्थिक, तकनीकी, शैक्षणिक व सांस्कृतिक विकास के लिये कार्यक्रम चलाता है। इस संगठन का एक निर्वाचित महासचिव है। इसका हर दो वर्ष पर एक सम्मेलन आयोजित होता है। राष्ट्रमण्डल के एक सदस्य राष्ट्र में दूसरे सदस्य राष्ट्र के राजनयिक प्रतिनिधि का नाम उच्चायुक्त है न कि राजदूत। वर्तमान में इसके 51 (नवीनतम सदस्य-द. अफ्रीका) सदस्य देश है। इसका मुख्यालय मार्लबरो हाउस (लन्दन) में स्थित है।

(2) अरब लीग (Arab League)-22 मार्च, 1945 को काहिरा में इस संगठन की स्थापना की गयी जो कि प्रथम विश्व युद्ध में आटोमन साम्राज्य के पतन के बाद अरबों में हुई राष्ट्रीय जागृति के फलस्वरूप अस्तित्व में आया। इसके चार्टर पर मिश्र, इराक, सऊदी अरब, सीरिया, लेबनान, जोर्डन तथा यमन ने हस्ताक्षर किये। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों का परस्पर सहयोग एवं हित सम्बर्द्ध है। मार्च 1979 में बगदाद सम्मेलन में मिश्र की सदस्यता निलम्बित कर दी गयी थी एवं मुख्यालय काहिरा से ट्यूनिश स्थानान्तरित कर दिया गया था। 1 मई, 1979 को मिश्र को पुनः सम्मिलित कर लिया गया। 1990 में इसका मुख्यालय पुनः काहिरा में स्थानान्तरित कर दिया गया। अरब लीग की एक परिषद्, एक महासचिव एवं कुछ समितियां है। वर्तमान में 21 राष्ट्र इसके सदस्य है, जो इस प्रकार है-मिस्र, अलजीरिया, बहरीन, जिबूती, इराक, जोर्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मौरिटानिया, मोरक्को, ओमान, फिलीस्तीन, कत्तार, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, सीरिया, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात और यमन। इसका मुख्यालय काहिरा में स्थित है।

(3) दक्षिण/पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Associa tion of South- East Asian Nation)-दक्षिण पूर्व एशिया में आर्थिक प्रगति को त्वरित करने एवं उसके आर्थिक स्थायित्व को बनाये रखने के उद्देश्य से 8 अगस्त, 1967 को इस संगठन की स्थापना की गयी। यह इंडोनेशिया, फिलीपीन्स, मलेशिया, सिंगापुर तथा थाईलैण्ड का एक प्रादेशिक संगठन है। प्रत्येक सदस्य राज्य की राजधानी में एक राष्ट्रीय एशियान सचिवालय होता है तथा इसका प्रमुख एक सचिव होता है। इसका केन्द्रीय सचिवालय जकार्ता (इंडोनेशिया) में है।

(4) दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) (South Asian Association for Regional Co- operation)-बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिया-उर-रहमान के प्रयासों से दक्षिण एशिया के सात देशों (भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव) ने इस संगठन की स्थापना 8 दिसम्बर, 1985 को की। गरीबी, निरक्षरता, कुपोषण, बीमारियों आदि से उबरने के लिये इस संगठन को स्थापित किया गया। प्रत्येक वर्ष इसके राष्ट्रों के अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन तथा प्रत्येक छः महीने बाद इसके सदस्य राष्ट्रों की मन्त्रि परिषद् की बैठक होती है। इसका मुख्यालय काठमाण्डू (नेपाल) में स्थित है।

(5) गुटनिरपेक्ष आन्दोलन (Non- Alignment Movement)-जवाहर लाल नेहरू, मिश्र के राष्ट्रपति नासिर तथा यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो इस आन्दोलन के संस्थापक एवं प्रेरणास्रोत थे। 1961 में इस आन्दोलन का प्रारम्भ गुट-निरपेक्ष देशों के वेलग्रेड (यूगोस्लाविया) में सम्पन्न प्रथम सम्मेलन से हुआ। प्रथम सम्मेलन में 25 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। जिस देश में गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का सम्मेलन होता है वही देश इसकी अध्यक्षता करता है। गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का ग्यारहवां शिखर सम्मेलन अक्टूबर, 1995 में कार्टााजेना (कोलंबिया) में आयोजित किया गया। वर्तमान में इसके 113 सदस्य देश है । 

(6) एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank)-एशियाई देशों के आर्थिक विकास के लिये अमेरिका एवं जापान के सहयोग से 1967 में यह बैंक स्थापित किया गया। जून 1974 में इस बैंक ने एशियाई विकास निधि जारी किया था जिसका उद्देश्य जरूरतमन्द देशों को रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराना था। 1975 में बैंक के 27 प्रादेशिक सदस्य और 14 प्रादेशिकेतर सदस्य थे। इसका मुख्यालय मनीला में स्थित है।

(7) एमनेस्टी इन्टरनेशनल (Amnesty Internationa)-यह मानव अधिकारों की सुरक्षा करने वाला एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय लन्दन में स्थित है। इसका प्रारम्भ एक ब्रिटिश वकील द्वारा 28 मई, 1961 को अखबारों में दी गयी एक अपील के साथ हुआ। विश्व के लगभग सभी देश इसके सदस्य है। 1977 को नोबेल शान्ति पुरस्कार एमनेस्टी इन्टरनेशनल को दिया गया था।

विश्व के प्रमुख धर्म
धर्ममूल स्थानसंस्थापकग्रन्थपूजा-स्थल
1. हिन्दूभारतआर्यवेदमन्दिर
2. मुस्लिम या इस्लामसउदी अरबपैगम्बर मोहम्मद साहबकुरान, हदीस, फिक्कामस्जिद, मजार
3. सिक्खभारतगुरु नानकगुरुग्रन्थ साहिबगुरुद्वारा
4. ईसाईफिलिस्तीनईसा मसीह(जीसस क्राइस्ट)बाइबिलगिरजाघर (चर्च)
5. यहूदीफिलिस्तीनमूसा (मोसेस)ओल्ड टेस्टामेण्ट, तोराह, येपो कूफासिनानांग
6. पारसी ईरानजरथुस्थजेंदा अवेस्ताअग्नि मंदिर (फायर टेम्पिल)
7. बौद्धभारतगौतम बुद्धधम्मपदविहार
8. जैनभारतमहावीर जैन ग्रन्थमन्दिर

 

(8) पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (Organization of the Petroleum Exporting Countries)-पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन 1960 में बगदाद में हुए सम्मेलन के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया। इसके संस्थापक सदस्य ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब तथा बेनेजुएला थे। इस संगठन का उद्देश्य पेट्रोलियम निर्यात करने वाले राष्ट्रों के हितों का संरक्षण, तेल की कीमतों को स्थिरता प्रदान करना, तेल की अधिक कीमत प्राप्त करना तथा समय-समय पर इनके हित संवर्द्धन के लिये नीति निर्धारण करना है। वर्तमान में इसके सदस्य देश है-अल्जीरिया, इक्वाडोर, गैबन, इण्डोनेशिया, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा वेनेजुएला।

(9) रेडक्रास (International Committee of the Red Cross)-युद्ध या विपदा के समय में पीड़ित लोगों को राहत देने के उद्देश्य से 1863 में जे. एच. दुनांत के समर्थन से अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रास समिति की स्थापना हुई थी। वर्तमान में लगभग 100 से अधिक राष्ट्रीय रेडक्रास समितियाँ है। 1917, 1944 तथा 1963 का शांति का नोबेल पुरस्कार इस समिति को दिया गया। इसका मुख्यालय जेनेवा में स्थित है।

(10) यूरोपीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (European Space Research Organization)-शान्तिपूर्ण प्रयोजनों के लिये यूरोप के देशों के बीच अन्तरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1964 में इस संगठन की स्थापना की गयी। वर्तमान में बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैण्ड्स, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैण्ड तथा यू. के. इसके सदस्य है। आस्ट्रिया, आयरलैण्ड तथा नार्वे प्रेक्षक के रूप में भाग लेते है। इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है।

(11) अमेरिकी राज्यों का संगठन (Organization of American States)-कोलम्बिया की राजधानी बगोटा में 1948 में अमेरिकी राज्यों के नौवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ओ. ए. एस. के घोषणा-पत्र का अनुमोदन हुआ। इस संगठन का उद्देश्य अमेरिकी देशों की सामूहिक सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में सहयोग करना है। 22 अमेरिकी देश इसके सदस्य है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी. सी. में स्थित है।
(12) अफ्रीकी एकता संगठन (Organization of African Unity)- 25 मई, 1963 को 30 अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अदिस अबाबा में एकत्र होकर अफ्रीकी एकता संगठन के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये। इसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों में परस्पर एकता एवं भ्रातृत्व बढ़ाना, अफ्रीका में उपनिवेशवाद की समाप्ति के लिये प्रयास करना तथा आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं सुरक्षा विकास के लिये नीतियों में समन्वय स्थापित करना है। वर्तमान में इस संगठन में 52 सदस्य है। द. अफ्रीका इसका 51वाँ सदस्य है। इस संगठन का मुख्यालय अदिस अबाबा (इथियोपिया) में स्थित है।

(13) अन्तर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization)-सदस्य देशों की पुलिस गतिविधियों के समन्वय कार्य के लिये 1923 में इस संगठन की स्थापना की गयी। वर्तमान में 32 राष्ट्र इसके सदस्य है तथा इसका मुख्यालय पेरिस में था, परन्तु 1986 में एक बम विस्फोट के पश्चात् इसका मुख्यालय पेरिस से हटाकर लियान्स (फ्रांस)  में स्थानान्तरित कर दिया गया है।

(14) उत्तरी अटलांटिक सन्धि संगठन (North Atla ntic Treaty Organization)- बेल्जियम, फ्रांस, लक्जेमबर्ग, यू.के., नीदरलैण्ड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और सं.रा. अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने वाशिंगटन में 1949 में इस सन्धि पर हस्ताक्षर किये। यह संगठन सदस्य देशों के पारस्परिक सामरिक सहयोग व तथाकथित सोवियत विस्तारवाद को रोकने के लिये स्थापित किया गया था। इसका मुख्यालय ब्रसेल्स में था जिसे जनवरी, 1994 में बेल्जियम के एक अन्य नगर  मोन्स मेें स्थानान्तरित कर दिया गया है।

(15) यूरोपीय परिषद (Council of Europe) -26 यूरोपीय देशों के 1,000 प्रभावशाली नागरिक 1948 में हेग में एकत्र हुए तथा संयुक्त यूरोप और यूरोपीय विधान सभा की स्थापना के लिये आवाज उठायी। 21 सदस्यों का यह परिषद यूरोप के जनतंत्रों का विशालतम संगठन है। यूरोपीय परिषद की संविधि 5 मई, 1949 को लन्दन में तैयार हुई तथा दो महीने बाद लागू हुई। इस परिषद का मुख्यालय स्ट्रासबर्ग सेडेक्स (फ्रांस) में स्थित है।

(16) यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय (The European Coal and Steel Community)-फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैण्ड, लक्जेमबर्ग, जर्मन संघीय गणराज्य तथा इटली ने 1951 में मिलकर पेरिस में एक सन्धि पर हस्ताक्षर किये जिसके परिणामस्वरूप यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय की स्थापना हुई। इस सन्धि के द्वारा इन देशों में निकटता आयी तथा कोयला एवं इस्पात का साझा बाजार स्थापित हुआ।

(17) यूरोपीय आर्थिक समुदाय (European Economic Community)- यूरोपीय आर्थिक समुदाय जिसे साझा बाजार भी कहते है ई. सी. एस. सी. के ही छः राष्ट्रों अर्थात् फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैण्ड, लक्जेमबर्ग, जर्मनी तथा इटली द्वारा 25 मई, 1957 को एक सन्धि पर हस्ताक्षर करके स्थापित किया गया। बाद में ब्रिटेन, आयरलैण्ड, डेनमार्क और नार्वे भी संधि में सम्मिलित हुए किन्तु नार्वे बाद में हट गया। ग्रीस, स्पेन तथा पुर्तगाल सहित इस समय इसमें 15 सदस्य है। इस समय यूरोपीय आर्थिक समुदाय विश्व का बृहत्तम व सबसे समृद्धिशाली व्यापार क्षेत्र है। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है।

 (18) यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (European Free Trade Association)- यूरोप के सात राष्ट्रों द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर करके यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ 1960 में स्थापित किया गया। स्टाकहोम में आयोजित इस समझौते में यू. के., डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, स्विट्जरलैण्ड तथा पुर्तगाल सम्मिलित थे। इसका स्वरूप तथा लक्ष्य यूरोपीय आर्थिक समुदाय के समान है। इसका मुख्यालय जेनेवा में स्थित है।

(19) यूरोपीय परमाणु ऊर्जा समुदाय (European Atomic Energy Commun ity) -25 मार्च, 1957 की रोम सन्धि के आधार पर यूरोपीय परमाणु ऊर्जा समुदाय 1 जनवरी, 1958 को स्थापित किया गया। ई. ई. सी. की संस्थाओं द्वारा यूरेटम के कार्यों को संचालित किया जाता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य नाभिकीय ऊर्जा का शान्तिपूर्ण उद्देश्यों के लिये प्रयोग करना एवं उसके विकास के लिये सामूहिक रूप से प्रयास करना है। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स में
स्थित है।

(20) यूरोपीय संसद (European Parliament)- इसमें 12 सदस्य राष्ट्र है। सदस्य राष्ट्रों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा निर्वाचित 518 सदस्य है। यूरोपीय संसद को व्यवस्थापन के क्षेत्र में व्यापक अधिकार मिले है तथा इसके सदस्यों का चुनाव पाँच वर्ष के लिये किया जाता है। यह लक्जेमबर्ग में स्थित है। 

(21) अन्तर्राष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (International Air Transport Association)- अन्तर्राष्ट्रीय हवाई यातायात संघ की स्थापना 1945 में की गयी। इसका उद्देश्य सुरक्षित, नियमित और सस्ते हवाई यातायात का संवर्द्धन करना और सहयोग के क्षेत्र को मंच प्रदान करना है। वर्तमान में 40 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई सेवाएं (सक्रिय सदस्य) तथा 19 आंतरिक सेवाएं (सहयोगी) सदस्य है। इसका मुख्यालय मांट्रियल (कनाडा) और जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है।

(22) भारत सहायता क्लब (Aid India Consortium)- विश्व बैंक के साथ अमरीका, जापान, ब्रिटेन, कनाडा, प. जर्मनी आदि की सदस्यता वाले इस क्लब की स्थापना 1958 में की गयी। इस क्लब का उद्देश्य भारत के आर्थिक विकास में सहायता करना है। इसका नाम परिवर्तित करके ‘भारत विकास फोरम’ कर दिया गया है।

(23) जी-15 (Group of 15)- यह 15 सदस्यों वाला निर्गुट एवं विकासशील देशों का संगठन है जो परस्पर सहयोग एवं विकसित देशों से समुचित सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य 1 सितम्बर, 1989 को बेलग्रेड (यूगोस्लाविया) में स्थापित किया गया। इसके सदस्य देश है-भारत, मलेशिया, अल्जीरिया, अर्जेन्टीना, ब्राजील, मिस्र, इण्डोनेशिया, जमैका, मैक्सिको, नाइजीरिया, पेरू, सेनेगल, वेनेजुएला, यूगोस्लाविया और जिम्बाब्वे।

(24) समूह-7(Group of 7)- विश्व के सर्वाधिक सम्पन्न राष्ट्रों का समूह है। सं. रा. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली, कनाडा एवं जर्मनी-विश्व के इन सात विकसित एवं औद्योगिक राष्ट्रों को जी-7 नाम से पुकारा जाता है। अब रूस को भी इस समुदाय में शामिल कर लिया गया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य
  • किस संविधान संशोधन अधिनियम ने राज्य के नीतिनिर्देशक तत्वों को मौलिक अधिकारों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली बनाया?
  • -  42वें  संविधान संशोधन अधिनियम (1976) ने
  • लोक सभा में मान्य विरोधी दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए किसी भी दल के सदस्यों की संख्या सदन की कुल सदस्य संख्या की कम-से-कम कितना भाग हाोनी चाहिए? - दसवां भाग
  • संविधान में जोड़ी गई दसवीं अनुसूची किस विषय से सम्बन्धित है? - दल-बदल के आधार पर अयोग्यता संबंधी प्रावधानों से
  • आपात स्थिति में सभी मौलिक अधिकारों के निलम्बित किए जा सकने के बावजूद संविधान के किन अनुच्छेदों को निलम्बित नहीं किया जा सकता ? -  अनुच्छेद 20 व 21 को
  • संविधान के अनुच्छेद 17 में किसका प्रावधान है? - अस्पृश्यता उन्मूलन का तथा किसी भी रूप में इसके  प्रयोग को दण्डनीय अपराध बनाने का
  • राज्य मंत्रीपरिषद किसके प्रति उत्तरदायी होता है ? - विधान सभा के प्रति
  • केन्द्र-राज्य वित्त संबंध का निर्धारण कौन करता है ? - वित्त आयोग
  • संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य किस उम्र में पदमुक्त होते हैं? - मश: 65 एवं 62
  • ‘लेक्चर्स आॅन जुरिसप्रुडेन्स’ किसने लिखा है? - आॅस्टिन
  • बहुलवादियों में किसका विचार है कि ‘विधि राज्य से स्वतंत्र एवं श्रेष्ठ है’? - क्रैब
  • ‘जीवन, स्वतंत्रता तथा सम्पत्ति व्यक्ति के प्राकृतिक अधिकार है।’ यह कथन किसका है? - लाॅक
  • 1988 की इंगलैंड की क्रान्ति का दार्शनिक किसे कहा जाता है? - लाॅक
  • सीमित सरकार का प्रमुख समर्थक कौन था? - लाॅक
  • कौन-सा शब्द भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित नहीं है? - संघीय
  • जो लेखक ‘राज्य को संघों का संघ मानते हैं, उन्हें कहा जाता है - बहुलवादी
  • प्लेटो के रिपब्लिक में न्याय निहित है कृजीवन में अपने स्थान के कर्तव्यों का करने में 
  • भारत में प्रतिनिधि सरकार की बुनियाद डाली थी - 1892 के भारतीय परिषद् अधिनियम ने
  • किसने नीति-निदेशक तत्वों को ऐसा चेक बताया जिसका भुगतान बैंक की सुविधा पर निर्भर करता है? - के.टी. शाह
  • संघ सरकार की कार्यपालिका शक्ति का  वास्तविक उपयोग कौन करता है? - मंत्रिमण्डल
  • भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन का निलम्बन किया जा सकता है? - अनुच्छेद 359
  • किस अधिनियम के अन्तर्गत ‘द्वैध शासन व्यवस्था’ लागू की गई? - भारत सरकार अधिनियम, 1919
  • किस संशोधन ने मौलिक अधिकारों की तुलना में नीति-निदेशक तत्वों को वरीयता प्रदान की? - बयालीसवाँ संशोधन
  • कौन संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में सहभागी हो सकता है? - अटाॅर्नी जनरल
  • लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया था? - रूसो ने
  • जाॅन आॅस्टिन स्मृतिज्ञ था  - इंग्लैण्ड से
  • संप्रभु को ‘मानव देवता’ कहकर किसने सूचित किया है? - हाॅब्स
  • जाॅन लाॅक का प्रथम ग्रन्थ लिखा गया था ताकि उस सिद्धान्त का खण्डन किया जा सके जिसका विकास किया था - फिल्मर ने
  • प्रभुसत्ता का सिद्धान्त जो रूसो ने प्रारम्भ किया था, उसको पूर्ण एवं सम्बद्ध आकृति दी गई  - बेन्थम द्वारा
  • कौन सा शब्द भारतीय संविधान में प्रयोग नहीं किया गया है? - केन्द्र
  • जाॅन लाॅक का जीवन-काल था - 1632.1704
  • आधुनिक उदारवाद का मार्गदर्शक है  - तर्क
  • ‘दी फिलोसाॅफिकल थियाॅरी आॅफ स्टेट’ के लेखक कौन हैं? - बोसांके
  • आनुपातिक निर्वासन-प्रणाली का समर्थक कौन था? - मिल
  • स्पेन्सर के अनुसार, कौन-सा कार्य राज्य का नहीं है? - शिक्षा
  • प्रभुसत्ता के कानूनी सिद्धांत का सर्वोत्तम समर्थक कौन है? - आॅस्टिन
  • वह सिद्धान्त जो आॅस्टिन के प्रभुसत्ता की अवधारणा पर हमला करता है, उसे कहते है - बहुलवाद
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FAQs on विश्व के प्रमुख संगठन - संशोधन नोटस, भारतीय राजव्यवस्था - Revision Notes for UPSC Hindi

1. विश्व के प्रमुख संगठन क्या हैं?
उत्तर. विश्व के प्रमुख संगठन विभिन्न क्षेत्रों में विश्वस्तर पर सहयोग और समझौते करने के लिए स्थापित की गई हैं। इन संगठनों में विश्व के देशों के सदस्य शामिल होते हैं और वे साझा मुद्दों और मामलों पर सहमति बनाते हैं। इन संगठनों में विश्वास्त्रीय सहयोग, विकास, न्याय, शांति, और सुरक्षा के मुद्दों पर काम किया जाता है।
2. भारतीय राजव्यवस्था में UPSC क्या है?
उत्तर. UPSC (भारतीय प्रशासनिक सेवा आयोग) भारतीय राज्य सेवा (IAS, IPS, IFS) और अन्य केंद्रीय संघीय सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया का प्रशासनिक नियंत्रण करने वाला संगठन है। UPSC भारतीय नागरिकों को वार्षिक सिविल सेवा परीक्षा (सिविल सेवा परीक्षा) के माध्यम से भर्ती करता है और उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), और भारतीय विदेश सेवा (IFS) जैसी पदों पर नियुक्ति प्रदान करता है।
3. विश्व के प्रमुख संगठन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर. विश्व के प्रमुख संगठन विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत होने के कारण अलग-अलग प्रकार के होते हैं। कुछ प्रमुख संगठन जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ (UN), विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) सामान्य विश्वस्तरीय संगठन हैं, जबकि कुछ अन्य संगठन जैसे कि नाटो (NATO), एचआईवी एड्स के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन (UNAIDS) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) विशेष उद्देश्य के साथ संगठन होते हैं।
4. UPSC परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर. UPSC परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं: - नागरिकता: आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए या विशेष रूप से निर्धारित के अधीन होना चाहिए। - शिक्षा: आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातक की उपाधि या समकक्ष प्राप्त करनी चाहिए। - आयु सीमा: आवेदक की आयु 21 वर्ष से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए। निर्दिष्ट आरक्षण वर्गों के लिए आयु में छूट दी जाती है। - शारीरिक योग्यता: आवेदक को शारीरिक योग्यता के मानकों को पूरा करना चाहिए।
5. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वास्थ्य अवस्था को प्रमोट करना है। WHO स्वास्थ्य समस्याओं के आविष्कार, नियंत्रण और उपचार में नेतृत्व करता है और विश्व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को संचालित करता है। WHO विभिन्न राष्ट्रों औ
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