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संविधान (Polity) - UPSC Previous Year Questions | UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi) PDF Download

प्रश्न.1. भारत के सविधान के सदंर्भ में, निम्नलिखित कथनाे पर विचार कीजिएः
(i) किसी भी केंद्रीय विधि को सांविधनिक रूप से अवैध् घोषित करने की किसी भी उच्च न्यायालय की अधिकारिता नहीं होगी।
(ii) भारत के संविधान के किसी भी संशोधन पर भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?    (2019)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(घ)
उपाय: कोई केन्द्रीय विधि जाे किसी मौलिक अधिकार का हनन करता हो या संविधान के अनुकूल नहीं हो तो उच्च न्यायालय उसे अवैध् घोषित कर सकता है। इसी तरह संविधान के किसी संशोधन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रश्न उठाया जा सकता है। संसद द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधन करने संबधी कानून और 99वें संविधान संशोधन की संवैधानिकता को सर्वोच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2015 में असंवैधानिक घोषित कर दिया।

प्रश्न.2. मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के संबंध् में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) गर्भवती महिलाएँ, प्रसव-पूर्व तीन महीने और प्रसवोत्तर तीन महीने के लिए सवेतन अवकाश की हकदार हैं।
(ii) शिशुगृहों वाले प्रतिष्ठानों के लिए माता को प्रतिदिन कम-से-कम छह बार शिशुगृह जाने की अनुमति देना अनिवार्य होगा।
(iii) दो बच्चों वाली महिलाओं को न्यूनीकृत हक मिलेंगे।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।    (2019)
(क) केवल 1 और 2
(ख) केवल 2
(ग) केवल 3
(घ) 1, 2 और 3
उत्तर.
(ग)
उपाय: इस अधिनियम के अनुसार, संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ 26 सप्ताह के पूर्ण वेतन वाले मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी। नियोक्ता काे 500 मीटर के दायरे में किसी भी स्थान पर क्रेच की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य बनाया गया है। माँ काे एक दिन में चार बार क्रेच में जाने की अनुमति होगी। पहले दाे शिशु के बाद 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा।

प्रश्न.3. भारत के सविंधान के संदर्भ में, सामान्य विधियो में अतिवृष्टि प्रतिषेध अथवा निर्बन्धन अथवा उपबंध्, अनुच्छेद 142 के अधीन सांविधानिक शक्तियों पर प्रतिषेध अथवा निर्बन्धन की तरह कार्य नहीं कर सकते। निम्नलिखित में से कौन-सा एक, इसका अर्थ हो सकता है?    (2019)
(क) भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय लिए गए निर्णयों को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती ।
(ख) भारत का उच्चतम न्यायालय अपनी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा निर्मित विधियों से बाध्य नहीं होता।
(ग) देश में गंभीर वित्तीय संकट की स्थिति में, भारत का राष्ट्रपति मंत्रिमडंल के परामर्श के बिना वित्तीय आपात घोषित कर सकता है।
(घ) कुछ मामलों में राज्य विधानमंडल, संघ विधानमंडल की सहमति के बिना, विधि निर्मित नहीं कर सकते।
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारतीय संविधन के अनुच्छेद 142 के अंतगर्त-
1. उच्चतम न्यायालय अपनी अधिकारिता का प्रयोग करते हुए ऐसी डिक्री पारित कर सकेगा या ऐसा आदेश कर सकेगा जाे उसके समक्ष लंबित किसी वाद या विषय में पूर्ण न्याय करने के लिए हाे और इस प्रकार पारित डिक्री या किया गया आदेश भारत के राज्य क्षेत्र में सवॅत्र ऐसी रीति से, जाे ससंद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन विहित की जाए और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता तब तक ऐसी रीति से जाे राष्ट्रपति आदेश द्वारा विहित करे, प्रवर्तनीय होगा।
2. संसद द्वारा इस निमित्त बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय को भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र के बारे में किसी व्यक्ति काे हाजिर कराने के, किन्हीं दस्तावेजाें के प्रकटीकरण या पेश कराने के अथवा अपने किसी अवमान का अन्वेषण करने या दंड देने के प्रयोजन के लिए कोई आदेश करने की समस्त और प्रत्येक शक्ति होगी।

प्रश्न.4. भारत के संविधान की किस अनुसूची के अधीन जनजातीय भूमि का, खनन के लिए निजी पक्षकारों को अंतरण अकृत और शून्य घोषित किया जा सकता है?    (2019)
(क) तीसरी अनुसूची
(ख) पाँचवीं अनुसूची
(ग) नौवीं अनुसूची
(घ) बारहवीं अनुसूची
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारतीय संविधान के पांचवी अनुसूची के अंतर्गत जनजातीय भूमिका, खनन के लिए निजी पक्षकाराें काे अंतरण अकृत और शून्य घोषित किया जा सकता है।

प्रश्न.5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
(i) न्यायाधीश (जाँच) अधिनियम, 1968 के अनुसार, भारत के उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को लोक सभा के अध्यक्ष द्वारा अस्वीकार नहीं किया जा सकता ।
(ii) भारत का संविधान यह परिभाषित करता है और ब्यौरे देता है कि क्या-क्या भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो की ‘अक्षमता और सिद्ध कदाचार’ को गठित करते है।
(iii) भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो के महाभियोग की प्रक्रिया के ब्यौरे न्यायाधीश (जाँच) अधिनियम, 1968 में दिए गए हैं।
(iv) यदि किसी न्यायाधीश के महाभियोग के प्रस्ताव को मतदान हेतु लिया जाता है, तो विधि द्वारा अपेक्षित है कि यह प्रस्ताव संसद के प्रत्येक सदन द्वारा समर्थित हो और उस सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा संसद के उस सदन के कुल उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई द्वारा समर्थित हो।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं।    (2019)
(क) 1 और 2
(ख) केवल 3
(ग) केवल 3 और 4
(घ) 1, 3 और 4
उत्तर.
(ग)
उपाय: भारत में न्यायाधीशो के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया जजेज इन्क्वायरी एक्ट, 1968 के  तहत शुरू की जाती है|

• सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश काे राष्ट्रपति के आदेश से हटाया जा सकता है। न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संसद के दोनाें सदनाें (लोकसभा एवं राज्यसभा) में दो-तिहाई बहुमत के साथ पारित होना चाहिए।

• न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव काे लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 50 सदस्यों  का समर्थन होना चाहिए। इसके बाद इस प्रस्ताव काे किसी एक सदन में पेश किया जाता है। लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापित के पास महाभियोग के प्रस्ताव काे स्वीकार करने अथवा खारिज करने का विशेषाधि‍कार होता है। महाभियोग प्रस्ताव मंजूर कर लिए जाने के बाद एक तीन सदस्यीय समिति का गठन होता है और यह समिति न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए आरोपाें की जांच करती है। 

• इस तीन सदस्यीय समिति में भारत के प्रधन न्यायाधीश अथवा सुप्रीम कोर्ट का एक जज, हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और एक प्रख्यात विधि वेत्ता शामिल होते है। समिति यदि अपनी जांच में न्यायाधीश काे दोषी पाती है ताे सदन में महाभियोग लगाने की कार्यवाही शुरू होती है। सदन के दो तिहाई सदस्यों द्वारा महाभियोग का प्रस्ताव पारित हाे जाने के बाद उसे दूसरे सदन में भेजा जाता है। दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से पारित महाभियोग को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति न्यायाधीश काे हटाने का आदेश जारी करते हैं।

प्रश्न.6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(i) भारत के संविधान के 44वें संशोधन द्वारा लाए गए एक अनुच्छेद ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन के परे कर दिया।
(ii) भारत के संविधान के 99वें संशोधन को भारत के उच्चतम न्यायालय ने अभिखंडित कर दिया क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?    (2019)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(ख)
उपाय: 99वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2014 राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्त आयोग (एनजऐसी-NJAC) की सरंचना एवं कामकाज हेतु संविधान की विभिन्न धाराओं में संसोधन से संबंधित हैं। इस अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुछेद 124(2), 127(1), 128, 217 व (2) और  224 (क) मे संशोधन किया गया। इस संशोधन को भारत के उच्चतम न्यायालय ने अभिखंडित कर दिया क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता था।

प्रश्न.7. निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है?    (2018)
(क) अनुच्छेद 14 एवं संविधान के 42वें संशोधन के अधीन उपबंध
(ख) अनुच्छेद 17 एवं भाग IV में दिए राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
(ग) अनुच्छेद 21 एवं भाग III में गारंटी की गई स्वतंत्रता
(घ) अनुच्छेद 24 एवं संविधान के 44वें संशोधन के अधीन उपबंध
उत्तर.
(ग)
उपाय: भारतीय संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से लेकर 35 तक मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया हैं। 9 न्यायाधीशों की पीठ ने अपनी बात काे स्पष्ट करते हुए कहा निजता मानवीय गरिमा का संवैधानिक मूल हैं। यह एक ऐसा अधिकार हैं जिसे जैसा हैं, वैसे ही रहने देना चाहिए। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संविधान में कोई संशोधन नहीं कर रहा है और न ही विधायिका की शक्ति काे हडप़ रहा है। अतः अनुच्छेद 21 एवं भाग-3 मे निजता केअधिकार काे जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अन्तर्गत भाग के रूप में सरंक्षित होने की गारंटी देता हैं।

प्रश्न.8. निम्नलिखित में से किनको ‘‘विधि के शासन’’ के प्रमुख लक्षणो के रूप में माना जाएगा?
(i) शक्तियों का परिसीमन
(ii) विधि के समक्ष समता
(iii) सरकार के प्रति जन-उत्तरदायित्व
(iv) स्वतंत्रता और नागरिक अधिकार
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:    (2018)
(क) केवल 1 और 3
(ख) केवल 2 और 4
(ग) केवल 1, 2 और 4
(घ) 1, 2, 3 और 4
उत्तर. 
(ग)
उपाय: विधि शासन का प्रमुख सिद्धांत है- कानून के समक्ष सब लोगो की समता। भारत में इसे उसी अर्थ में ग्रहण करते हैं, जिसमें यह अंग्रेजी-अमरीकी विधान मे ग्रहण किया गया है। भारतीय संविधान में घोषित किया गया है कि प्रत्येक नागरिक के लिए एक ही काननू होगा जाे समान रूप से लागू होगा। जन्म, जाति इत्यादि कारणों से किसी काे विशेषाधिकार प्राप्त नहीं होगा (अनुच्छेद 14)। किसी राज्य में यदि किसी वर्ग काे विशेषाधिकार प्राप्त है तथा अन्यान्य लोग इससे वंचित हैं, तो वहां विधि का शासन नहीं कहा जा सकता।

प्रश्न.9. विधि और स्वाधीनता के बीच सबसे उपयुक्त संबंध् को निम्नलिखित में से कौन प्रतिबिम्बित करता है?    (2018)
(क) यदि विधियाँ अधिक होती हैं तो स्वाधीनता कम होती है।
(ख) यदि विधि नहीं हैं तो स्वाधीनता भी नहीं है।
(ग) यदि स्वाधीनता है तो विधि-निर्माण जनता को करना होगा।
(घ) यदि विधि-परिवर्तन बार-बार होता है तो वह स्वाधीनता के लिए ख़तरा है।
उत्तर.
(ख)
उपाय: ‘यदि विधि नहीं है ताे स्वाधीनता भी नहीं है।, यह कथन एक आंग्ल दार्शनिक एवं राजनैतिक विचारक जाॅन लाॅक द्वारा दिया गया था तथा इस कथन को थाॅमस हाब्स के लेविआथन का नियम (Leviathan theory) द्वारा भी समर्थ  किया जाता है।

प्रश्न.10. भारतीय शासन अधिनियम, 1935 के द्वारा स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियाँ किसे दी गई थीं?    (2018)
(क) संघीय विधन-मण्डल को
(ख) गवर्नर जनरल को
(ग) प्रांतीय विधन-मण्डल को
(घ) प्रांतीय राज्यपालों को
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारत सरकार अधिनियम, 1935 ब्रिटिश संसद ने अगस्त, 1935 में पारित किया। इस अधिनियम ने केंद्र और इकाइयाे के बीच तीन सूचियों-संघीय सूची, राज्य सूची आरै समवर्ती सूची के आधार पर शक्तियाें का बटवारा कर दिया। अवशिष्ट शक्तियां गवर्नर जनरल काे दे दी गयीं।

प्रश्न.11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
(i) भारत की संसद किसी कानून विशेष को भारत के संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल सकती है।
(ii) नौवीं अनुसूची में डाले गए किसी कानून की वैधता का परीक्षण किसी न्यायालय द्वारा नहीं किया जा सकता एवं उसके ऊपर कोई निर्णय भी नहीं किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?    (2018)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(क)
उपाय: भारत की संसद किसी कानून विशेष को संविधान की नौंवी अनुसूची में डाल सकती है। 11 जनवरी, 2007 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह फैसला दिया गया कि 24 अप्रैल, 1973 के बाद संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किये गये किसी भी कानून की न्यायिक समीक्षा हाे सकती है।

प्रश्न.12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
भारत के संविधान के सन्दर्भ में राज्य की नीति के निदेशक तत्व
(i) विधायिका के कृत्यों पर निर्बन्धन करते है।
(ii) कार्यपालिका के कृत्यों पर निबंधन करते है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?    (2017)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(घ)
उपाय: राज्य की निति के निदेशक तत्व लोक कल्याणकारी राज्य के निर्माण और सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक लोगतंत्र की स्थापना हेतु केंद्र व राज्य सरकाराें का मार्ग दर्शन करते है| इन्हें प्राप्त करके ही भारतीय लोकतंत्र वास्तविक अर्थो में वह लोकतत्रं बन सकता है जिसकी कल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने की थी। इसका प्रयोग सरकार अपनी नीतियाे के निर्धारण मे करती है| ये विधायिका या कार्य पालिका के कृत्यों पर निर्बन्धन नहीं करते है।

प्रश्न.13. संविधान के 42वें संशोधन द्वारा, निम्नलिखित में से कौन-सा सिद्धान्त राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में जोड़ा गया था?   (2017)
(क) पुरुष और स्त्री दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन
(ख) उद्योगों के प्रबंधन में कामगारों की सहभागिता
(ग) काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता पाने का अधिकार
(घ) श्रमिकों के लिए निर्वाह-योग्य वेतन एवं काम की मानवीय दशाएँ सुरक्षित करना
उत्तर.
(ख)
उपाय: संविधान के 42 वे संशोधन द्वारा राज्य की नीति के निर्देशक तत्वाे मे निम्न सिद्वान्त जोड़े गए-
उद्योगाें के प्रबंधन में कर्मकारो की भागीदारी सुनिश्चित की जाए (अनुच्छेद 43A)।
कानूनी व्यवस्था इस प्रकार काम करे कि न्याय समान अवसर के सिद्धान्त पर सुलभ हाे और राज्य विशिष्टत्या आर्थिक या किसी अन्य निर्योग्यता के मामलों में निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था करे (अनुच्छेद 39A)।
• बच्चो को स्वतत्रं एवं गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएँ प्रदान की जाएँ (अनुच्छेद 39F)।
• पर्यावरण का संरक्षण हाे तथा उसमे सुधार लाया जाए तथा वनो एवं वन्य जीवों की रक्षा की जाए (अनुच्छेद 48A)।

प्रश्न.14. भारत के सदंर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा अधिकारों और कर्तव्यों के बीच सही संबंध है?    (2017)
(क) अधिकार कर्तव्यों के साथ सह-संबधित है।
(ख) अधिकार व्यक्तिगत है अतः समाज और कर्तव्यों से स्वतंत्र है।
(ग) नागरिक के व्यक्तित्व के विकास के लिए अधिकार, न कि कर्तव्य, महत्वपूर्ण है।
(घ) राज्य के स्थायित्व के लिए कर्तव्य, न कि अधिकार, महत्वपूर्ण है।
उत्तर.
(क)
उपाय: अधिकार और कर्तव्य के बीच अन्योन्याश्रित संबंध है। अधिकार सभी नागरिकों के लिए समान है, कोई भी अधिकार गैर-सामाजिक कर्तव्यों की मान्यता नहीं देता। नागरिक के व्यक्तित्व के विकास के लिए अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य का पालन भी अनिवार्य है। राज्य के स्थायित्व के लिए अधिकार एवं कर्तव्य दोनाें आवश्यक हैं। बिना अधिकार के केवल कर्तव्य के राज्य में स्थिरता नहीं आ सकती।

प्रश्न.15. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से भारतीय नागरिक के मूल कर्तव्यों के विषय में सही है/हैं?
(i) इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए एक विधायी प्रक्रिया दी गई है।
(ii) वे विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः    (2017)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1, न ही 2
उत्तर.
(घ)
उपाय: मूल कर्तव्य से संबंध दोनाें वक्तव्य गलत हैं। मौलिक कर्तव्यों को विधायी प्रक्रिया द्वारा लागू नहीं किया जा सकता। इन्हें न्यायालयाें द्वारा प्रवर्तित कराने का संविधान में कोई उपबंध नहीं है।

प्रश्न.16. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही है?    (2017)
(क) अधिकार नागरिकों के विरुद्ध राज्य के दावे हैं।
(ख) अधिकार वे विशेषाधिकार हैं जो किसी राज्य के संविधान में समाविष्ट हैं।
(ग) अधिकार राज्य के विरुद्ध नागरिकों के दावे हैं।
(घ) अधिकार अधिकांश लोगों के विरुद्ध कुछ नागरिकों के विशेषाधिकार हैं।
उत्तर.
(ग)  
उपाय: राज्य द्वारा नागरिकाे काे शोषण रोकना ही भारतीय संविधान के अनुसार अधिकार का दर्शन हैं। भारत में अधिकार न तो नागरिकों के विरुद्ध राज्य के दावे है। न ही भारतीय संविधान में अधिकांश लोगो के विरुद्ध कुछ-कुछ नागरिकाें के दावे काे अध्रिापित किया गया है। संविधान द्वारा विशेषाधिकार काे समाप्त कर दिया गया है।

प्रश्न.17. भारत के संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन-से परिकल्पित है?    (2017)
(i) मानव देह व्यापार और बंधुआ मजदूरी (बेगारी) का निषेध
(ii) अस्पृश्यता का उन्मूलन
(iii) अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा
(iv) कारखानों और खदानों में बच्चो के नियोजन का निषेध
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
(क) केवल 1, 2 और 4
(ख) केवल 2, 3 और 4
(ग) केवल 1 और 4
(घ) 1, 2, 3 और 4
उत्तर.
(ग)
उपाय: मानव देह व्यापार और बंधुआ मजदूरी तथा कारखानाें और खदानाें में बच्चाें का नियोजन का निषेध शोषण के विरुद्ध अधिकार के अंतर्गत आता है। अस्पृश्यता का उन्मूलन समानता के अधिकार के अंतर्गत तथा अल्पसंख्यक के हिताे का संरक्षण सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकाराें के अन्तर्गत आता है।

प्रश्न.18. भारत के संविधान के निर्माताओं का मत निम्नलिखित में से किसमें प्रतिबिंबित होता है?    (2017)
(क) उद्देशिका
(ख) मूल अधिकार
(ग) राज्य की नीति के निदेशक तत्व
(घ) मूल कर्तव्य
उत्तर.
(क)
उपाय: भारतीय संविधान की प्रस्तावना का उद्देशिका शासन व्यवस्था को निर्धारित करने वाले सिद्धान्ताे और लक्ष्याे का मार्ग दर्शन करती है। संविधान का यह महत्त्वपूर्ण अंग उन उद्देश्य तथा सिद्धांतो काे समाहित करता है| जिसकी सकंल्पना संविधान निमार्ताओं ने की थी। उद्देशिका उन मूलभूत मूल्यो और दर्शनों को परिलक्षित करती जाे संविधान का आधार है।

प्रश्न.19. निम्नलिखित उद्देश्यों में से कौन-सा एक भारत के संविधान की उद्देशिका में सन्निविष्ट नहीं है? (2016)
(क) विचार की स्वतंत्रता
(ख) आर्थिक स्वतंत्रता
(ग) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(घ) विश्वास की स्वतंत्रता
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारतीय संविधान की उद्देशिका में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय; विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना, अवसर की समता की बात की गयी है किन्तु आर्थिक स्वतंत्रता का उसमें कहीं उल्लेख नहीं आया है।

प्रश्न.20. राष्ट्र हित में भारत की संसद राज्य सूची के किसी भी विषय पर विविध शक्ति प्राप्त कर लेती है यदि इसके लिए एक संकल्प:    (2016)
(क) लोक सभा द्वारा अपनी संपूर्ण सदस्यता के साधारण बहुमत से पारित कर लिया जाए
(ख) लोक सभा द्वारा अपनी संपूर्ण सदस्य संख्या के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत से पारित कर लिया जाए
(ग) राज्य सभा द्वारा अपनी संपूर्ण सदस्यता के साधारण बहुमत से पारित कर लिया जाए
(घ) राज्य सभा द्वारा अपने उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत से पारित कर लिया जाए
उत्तर.
(घ)
उपाय: जब राज्यसभा कोई कानून पास करने के संकल्प से गुजरता है ताे राज्यसभा घोषित करता है कि राष्टहित में संसद राज्य सूची के विषय मे काननू बनाए, तब संसद उस बात पर कानून बनाने में सक्षम हो जाता है। इस स्थिति में दो तिहाई लोगों की उपस्थिति और मतदान आवश्यक है।

प्रश्न.21. राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
(i) ये तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते है।
(ii) इन तत्वों में अन्तर्विष्ट उपबन्ध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (एनफोर्सेबल) नहीं हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन -सा/से सही है?    (2015)
(क) केवल 1
(ख) केवल 2
(ग) 1 और 2 दोनों
(घ) न तो 1 और न ही 2
उत्तर.
(ग)
उपाय: भारतीय संविधान में सम्मिलित नीति निर्देशक तत्त्वों की प्रेरणा 1917 के आयरलैण्ड के संविधान से ली गई है। ये तत्त्वाे देश के सामाजिक आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते है। अनुच्छेद 37 के तहत् इन तत्त्वाे मे अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है।

प्रश्न.22. भारत के संविधान मे कल्याणकारी राज्य का आदर्श किसमे प्रतिष्ठापित है?    (2015)
(क) उद्देशिका
(ख) राज्य की नीति के निदेशक तत्व
(ग) मूल-अधिकार
(घ) सातवीं अनुसूची
उत्तर.
(ख)
उपाय: भारत के संविधान मे कल्याणकारी राज्य का आदर्श राज्य की नीति के निदेशक तत्व में प्रतिष्ठापित है। संविधान के अनुच्छेद 38 से 51 तक 17 निदेशक तत्व है। निदेशक तत्व की परिधि बहुत विस्तारित है।

प्रश्न.23. ‘‘भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें।’’ यह उपबन्ध किसमें किया गया है?    (2015)
(क) संविधान की उद्देशिका
(ख) राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
(ग) मूल अधिकार
(घ) मूल कर्तव्य
उत्तर.
(घ)
उपाय: भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखे यह उपबंध मूल कर्तव्य में किया गया है। भारतीय संविधान के भाग 4(क) के अनुच्छेद 51(क) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य होगा कि वह-
(i) संविधान का पालन करें तथा उसके आदर्शों संस्थाओं राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे|
(ii) स्वतत्रंता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदालेन काे प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों का हृदय में संजोए रखे।
(iii) भारत की प्रभुता, एकता और अखडंता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
(iv) राष्ट की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट की सेवा करे|
(v) भारत के सभी लोगो मे समरसता और मातृत्व की भावना का विकास करे जाे धर्म, भाषा और क्षेत्र या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हाे तथा ऐसी प्रथाओ का त्याग करे जाे स्त्री सम्मान के विरुद्ध हो।
(vi) सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परीक्षण करे।

प्रश्न.24. निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान का अभिरक्षक (कस्टेडियन) है?    (2015)
(क) भारत का राष्ट्रपति
(ख) भारत का प्रधानमंत्री
(ग) लोक सभा सचिवालय
(घ) भारत का उच्चतम न्यायालय
उत्तर.
(घ)
उपाय: भारतीय संविधान की अधिकारिक व्याख्या (Interpretation) करने का अंतिम अधिकार भारत के उच्चतम न्यायालय को प्राप्त है। इससे स्पष्ट होता है कि उच्चतम न्यायालय भारत के संविधान का अभिरक्षक/सरंक्षक है।

प्रश्न.25. भारत के संविधान में पांचवीं अनुसूची और छठी अनुसूची के उपबन्ध निम्नलिखित में से किसलिए किए गए हैं?    (2015)
(क) अनुसूचित जनजातियों के हितों के संरक्षण के लिए
(ख) राज्यों के बीच सीमाओं के निर्धारण के लिए
(ग) पंचायतो की शक्तियों, प्राधिकारों और उत्तरदायित्वाे के निर्धारण के लिए
(घ) सभी सीमावर्ती राज्यों के हितों के सरंक्षण के लिए
उत्तर.
(क)
उपाय: संविधान की पांचवीं अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के अतिरिक्त भारत के सभी राज्याें के अनसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और नियत्रंण सम्बन्धी उपबंध है। छठवीं अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्याे के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के सबंध्ं मे उपबंध है।

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FAQs on संविधान (Polity) - UPSC Previous Year Questions - UPSC Topic-wise Previous Year Questions (Hindi)

1. संविधान (Polity) और UPSC पिछले साल के प्रश्नों के बारे में क्या है?
उत्तर: संविधान (Polity) UPSC परीक्षा का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें संविधान के विभिन्न पहलुओं और संबंधित मुद्दों पर प्रश्न पूछे जाते हैं। UPSC पिछले साल के प्रश्न पत्रों में संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं जो उम्मीदवारों को संविधान के विभिन्न पहलुओं की समझ को परीक्षित करते हैं।
2. संविधान (Polity) क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: संविधान एक देश की सबसे महत्वपूर्ण कानूनी प्रणाली होती है जो उसके नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और संबंधों को संगठित करती है। संविधान एक देश के राजनीतिक और सामाजिक निर्माण का मूल आधार होता है और इसका पालन करना सभी नागरिकों का कर्तव्य होता है। UPSC परीक्षा में संविधान के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाते हैं ताकि उम्मीदवारों की संविधान से संबंधित ज्ञान की जांच की जा सके।
3. संविधान की महत्वता क्या है?
उत्तर: संविधान की महत्वता उच्चतम न्यायालय के विचारधारा को बढ़ावा देती है, नागरिकों को उनके मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करती है और समानता, न्याय और स्वतंत्रता के मूल्यों को स्थापित करती है। संविधान में निर्धारित तरीके से संविधान का पालन करना एक देश के लोगों का कर्तव्य होता है और इसके उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।
4. संविधान (Polity) विषय क्या हैं और UPSC परीक्षा में इसके कौन-कौन से पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर: संविधान (Polity) विषय में UPSC परीक्षा में विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाते हैं। कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं - संविधान का आयोजन, भारतीय संविधान के नवीनीकरण, नागरिकों के मूलभूत अधिकार, संघीय और राज्य सरकारों के बीच संबंध, संविधान में संशोधन, संविधानिक संरचना, न्यायपालिका, राज्यपाल और प्रधानमंत्री के प्राधिकार आदि।
5. संविधान (Polity) के लिए UPSC परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए?
उत्तर: संविधान (Polity) के लिए UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं: - संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं की पूरी जानकारी प्राप्त करें, जैसे कि इसकी निर्माणिका, संविधानिक संरचना, न्यायपालिका, संविधान में संशोधन आदि। - संविधान से संबंधित पिछले साल के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करें और प्रश्नों के पैटर्न को समझें। - संविधान को समझने के लिए विभिन्न संबंधित पुस्तकें और संसाधनों का उपयोग करें। - नोट्स बनाएं और महत्वपूर्ण बिंदुओं को हाइ
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