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Globe: Latitude & Longitude (ग्लोब: अक्षांश और देशांतर) Video Lecture | Social Studies & Pedagogy Paper 2 for CTET & TET Exams - CTET & State TET

FAQs on Globe: Latitude & Longitude (ग्लोब: अक्षांश और देशांतर) Video Lecture - Social Studies & Pedagogy Paper 2 for CTET & TET Exams - CTET & State TET

1. अक्षांश और देशांतर क्या होते हैं ?
Ans. अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) पृथ्वी पर किसी बिंदु के स्थान को निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख संदर्भ बिंदु हैं। अक्षांश उत्तरी या दक्षिणी गोलार्ध में किसी बिंदु की स्थिति को दर्शाता है, जबकि देशांतर पूर्वी या पश्चिमी गोलार्ध में स्थिति को दर्शाता है। अक्षांश को डिग्री में मापा जाता है, जिसका मान 0° से 90° के बीच होता है, और देशांतर को भी डिग्री में मापा जाता है, जिसका मान 0° से 180° के बीच होता है।
2. अक्षांश और देशांतर का उपयोग किसलिए किया जाता है ?
Ans. अक्षांश और देशांतर का उपयोग पृथ्वी पर किसी विशेष स्थान का सटीक निर्धारण करने के लिए किया जाता है। यह नेविगेशन, मानचित्रण, भूगोल, जलवायु अध्ययन और अन्य वैज्ञानिक अनुसंधानों में महत्वपूर्ण होते हैं। उदाहरण के लिए, GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) में इनका उपयोग स्थान की पहचान के लिए किया जाता है।
3. अक्षांश और देशांतर कैसे मापे जाते हैं ?
Ans. अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि गूगल मैप्स, GPS डिवाइस, और अन्य नेविगेशनल उपकरण। आमतौर पर, अक्षांश को उत्तरी ध्रुव से लेकर दक्षिणी ध्रुव तक मापा जाता है, जबकि देशांतर को ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) के संदर्भ में मापा जाता है।
4. अक्षांश और देशांतर के प्रमुख रेखाएँ कौन सी हैं ?
Ans. अक्षांश की प्रमुख रेखा "एक्वेटर" है, जो 0° अक्षांश पर स्थित है। इसके अलावा, महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएँ हैं उत्तरी ध्रुव (90°N), दक्षिणी ध्रुव (90°S), और कर्क रेखा (23.5°N), मकर रेखा (23.5°S)। देशांतर की प्रमुख रेखा "ग्रीनविच मेरिडियन" है, जो 0° देशांतर पर स्थित है।
5. अक्षांश और देशांतर का इतिहास क्या है ?
Ans. अक्षांश और देशांतर का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। 2,000 साल पहले, ग्रीक खगोलज्ञों ने पहली बार इस प्रणाली का विकास किया। 18वीं सदी में, समुद्री नेविगेशन के लिए अधिक सटीकता के साथ देशांतर मापन के लिए विभिन्न उपकरणों का आविष्कार किया गया। तब से, यह प्रणाली आधुनिक समय में एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है।
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