UPSC Exam  >  UPSC Videos  >  इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi  >  व्यापार और वाणिज्य, 800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति

व्यापार और वाणिज्य, 800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

398 videos|679 docs|372 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on व्यापार और वाणिज्य, 800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति Video Lecture - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. व्यापार और वाणिज्य, 800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति UPSC प्रदान करता है?
Ans. 800-1200AD की अवधि में व्यापार और वाणिज्य का महत्वपूर्ण स्थान था। इस समय व्यापारिक गतिविधियाँ विभिन्न धातुओं, वस्त्रों, खाद्य पदार्थों, औषधियों आदि की व्यापारिक आपूर्ति और मांग को संचालित करती थी। व्यापारिक संबंधों के विकास के साथ ही व्यापारिक नगरों की स्थापना और व्यापारिक कार्यालयों की स्थापना हुई, जो लोगों की सशक्तिकरण में मदद करती थी।
2. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र कौनसा था?
Ans. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र भारतीय महासागर के किनारे स्थित गुजरात और कर्नाटक क्षेत्र में था। गुजरात की नगरी वस्तुपूर्ण व्यापार केंद्र थी जहां से विभिन्न वस्त्र, मसाले, धातु और अन्य वस्तुएं विदेशों में निर्यात की जाती थीं। कर्नाटक क्षेत्र में होने वाला व्यापार भी भारतीय व्यापार की अहम घटनाओं में से एक था।
3. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए कौन-कौन से व्यापारी समुदाय मशहूर थे?
Ans. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए कई व्यापारी समुदाय मशहूर थे। गुजरात के व्यापारिक समुदाय जैसे वाणिय और जैन व्यापारी अपने व्यापारिक नेटवर्क के माध्यम से प्रसिद्ध थे। कर्नाटक के होयसल व्यापारी भी उत्कृष्ट थे और विभिन्न व्यापारिक समुदायों के साथ व्यापार करते थे।
4. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए कौन-कौन से वस्त्र आपूर्ति केंद्र महत्वपूर्ण थे?
Ans. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए वस्त्र आपूर्ति केंद्रों में गुजरात, कानौज, वाराणसी, नासिक, उज्जैन आदि शहर बहुत महत्वपूर्ण थे। इन स्थानों से विभिन्न प्रकार के वस्त्र व्यापारिक गतिविधियों के लिए बाजारों में आते थे।
5. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए बाजार स्थापना का महत्व क्या था?
Ans. 800-1200AD की अवधि में व्यापारिक गतिविधियों के लिए बाजार स्थापना का महत्वपूर्ण था। बाजारों की स्थापना लोगों को एक साथ आने, व्यापार करने और वस्त्रों, खाद्य पदार्थों, धातुओं आदि की खरीदारी करने का अवसर प्रदान करती थी। ये बाजार व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन गए थे और लोगों की स्थिति को मजबूत करने में मदद करते थे।
Explore Courses for UPSC exam
Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

व्यापार और वाणिज्य

,

ppt

,

Semester Notes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

व्यापार और वाणिज्य

,

practice quizzes

,

800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

MCQs

,

व्यापार और वाणिज्य

,

Summary

,

Free

,

Sample Paper

,

video lectures

,

shortcuts and tricks

,

study material

,

Viva Questions

,

Objective type Questions

,

pdf

,

800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

800-1200AD की अवधि में लोगों की स्थिति Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Extra Questions

,

Exam

,

past year papers

;