Table of contents | |
मेटावर्स और AI का भविष्य | |
एक्सोप्लैनेट | |
हैदराबाद: चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र | |
iVOFm तकनीक | |
निकल मिश्र धातु कोटिंग् | |
ओज़ोन परत की पुनर |
टेक फर्मों के लिये वर्ष 2022 काफी अच्छा नहीं रहा, फिर भी हम भविष्य में मेटावर्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) से संबंधित नवीन प्रौद्योगिकियों पर काम कर सकते हैं, जो चुनौतियाँ भी बढ़ा सकती हैं और अवसर भी पेश कर सकती हैं।
हाल ही में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने LHS 475b नाम के नए एक्सोप्लैनेट की खोज की है।
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हैदराबाद, तेलंगाना को चौथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र (C4IR) की स्थापना के लिये चुना है।
जल संदूषण की समस्या से निपटने तथा स्वच्छ एवं पीने योग्य जल तक पहुँच बढ़ाने हेतु भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Science Education and Research- IISER), पुणे ने प्रदूषित जल को साफ करने के लिये मैक्रो/सूक्ष्म छिद्रपूर्ण आयनिक जैविक ढाँचा- iVOFm प्रस्तुत किया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) के स्वायत्त अनुसंधान और विकास केंद्र के अनुसार, इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों में उच्च- क्षमता प्रदर्शन सामग्री पर निकेल मिश्र धातु के निक्षेपण की परत चढ़ाने (कोटिंग) की एक नई विधि पर्यावरण की दृष्टि से विषाक्त क्रोम प्लेटिंग/कोटिंग को प्रतिस्थापित कर सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत की धीरे-धीरे लेकिन उल्लेखनीय रूप से पुनर्प्राप्त हो रही है जो लगभग 43 वर्षों में अंटार्कटिक के ऊपर बने छिद्र को पूरी तरह से ढक देगी।
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