UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi  >  हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस

हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

हैदराबाद के निजाम

 ¯ चिन किलिच खान को निजाम-उल-मुल्क की पदवी दी गई थी और 1713 ई. में उसे दक्कन का सूबेदार बना दिया गया था, लेकिन 1715 ई. में उसे पद से हटा दिया गया। 
 ¯ 1720 ई. में पुनः उसे दक्कन का सूबेदार बनाया गया। 
 ¯ 1722 ई. में उसे दिल्ली में वजीर पद पर नियुक्त किया गया, परन्तु सम्राट की विलासिता व दरबारियों के षड्यंत्रों से तंग आकर 1724 ई. में वह पुनः दक्कन लौट गया और उस प्रदेश पर अपने अधिकार को अधिक मजबूत किया। 
 ¯ यद्यपि उसने अपने को कभी भी स्वतंत्र घोषित नहीं किया, मगर दक्कन पर उसने एक स्वतंत्र शासक की तरह ही राज किया। 
 ¯ उसने आसफजाही वंश की नींव डाली। 
 ¯ उसके उत्तराधिकारी हैदराबाद के निजाम कहलाए।
 ¯ उसने बड़े उपद्रवी जमींदारों को अपनी सत्ता मानने पर विवश किया तथा शक्तिशाली मराठों को अपने राज्य से बाहर रखने में सफलता पाई। उसकी मृत्यु 1748 ई. में हुई। उसके बाद हैदराबाद भ्रष्ट शक्तियों के हाथों में चला गया।

अवध
 ¯ सादत खान, जो बुरहान-उल-मुल्क के नाम से भी जाना जाता था, एक छोटा मुगल अफसर था। 
 ¯ उसने सैय्यद-बंधुओं को उखाड़ फेंकने में मदद की थी। 
 ¯ 1722 ई. में उसे अवध का सूबेदार बना दिया गया और धीरे-धीरे वह वहां का वास्तविक शासक बन बैठा। 
 ¯ वह अत्यन्त निडर, कर्मठ, दृढ़ प्रतिज्ञ तथा चतुर व्यक्ति था। 
 ¯ उसने 1723 ई. में नया राजस्व-बंदोबस्त लागू किया। 
 ¯ उसने उचित भू-लगान लगाकर तथा बड़े जमींदारों के जुल्मों से बचाकर किसानों की हालत को सुधारा। 
 ¯ 1739 ई. में नादिर शाह द्वारा करनाल में पराजित कर बन्दी बना लेने पर उसने जहर खाकर आत्म-हत्या कर ली।
 ¯ तत्पश्चात् उसका भतीजा व दामाद सफदरजंग गद्दी पर बैठा। 1748 ई. में मुगल सम्राट अहमद शाह ने सफदरजंग को वजीर नियुक्त किया। इसी कारण सफदरजंग और उसके उत्तराधिकारी ‘नवाब वजीर’ कहे जाने लगे। 
 ¯ उसने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई तथा अवध का विकास किया। 
 ¯ उसने मराठों की घुसपैठ से बचने के लिए मराठा सरदारों से मित्रता कर ली। 
 ¯ उसने रुहेलों तथा बंगश पठानों से लड़ाइयां लड़ी। 
 ¯ 1754 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। 
 ¯ अवध के शासकों ने अराजकता खत्म कर न्याय व शांति का शासन स्थापित करने के प्रयास किए। 
 ¯ उन्होंने एक शक्तिशाली सेना खड़ी की जिसमें मुसलमानों और हिन्दुओं के अलावा नागा संन्यासी भी थे। 
 ¯ अवध के शासकों के राज्य का विस्तार रुहेलखंड तक था।

बंगाल
 ¯ इस राज्य की स्थापना मुर्शीद कुली खां ने की। 
 ¯ वह औरंगजेब के मातहद बंगाल का दीवान था। 
 ¯ 1713 ई. में वह बंगाल का सूबेदार बना तथा 1719 ई. में उड़ीसा को भी उसके क्षेत्राधिकार में दे दिया गया। 
 ¯ उसने स्वयं को केन्द्रीय सत्ता से मुक्त कर लिया परन्तु मुगल बादशाह को नियमित रूप से कर भेजता रहा। 
 ¯ वह अपनी राजधानी मध्य बंगाल के एक स्थान पर ले गया जिसे उसने मुर्शिदाबाद का नया नाम दिया। 
 ¯ 1727 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
 ¯ तत्पश्चात् उसका दामाद शुजाउद्दीन उसका उत्तराधिकारी बना। 
 ¯ 1733 ई. में बिहार का शासन भी उसके अधीन कर दिया गया। 
 ¯ 1739 ई. में उसकी मृत्यु के बाद उसका पुत्र सरफराज खां ने उसकी जगह ली। 
 ¯ 1740 में बिहार के डिप्टी-गवर्नर अलीवर्दी खां ने उसकी हत्या कर दी और अपने को नवाब घोषित कर दिया। 
 ¯ 1742 ई. से 1751 ई. तक मराठों ने अलीवर्दी खां के क्षेत्र पर कई आक्रमण किए। अलीवर्दी खां ने मराठों को 12 लाख रु. का वार्षिक चैथ इस शर्त पर देना स्वीकार कर लिया कि वे फिर कभी सुवर्ण रेखा नदी को पार नहीं करेंगे। 
 ¯ अप्रैल 1756 ई. में अलीवर्दी खां की मृत्यु के बाद उसका पोता मिर्जा मुहम्मद सिराजुद्दौला के नाम से गद्दी पर बैठा।
 ¯ मुर्शीद कुली खां और उसके उत्तराधिकारी नवाबों ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर स्वतंत्र शासकों की तरह शासन किया, यद्यपि वे मुगल बादशाह को नियमित रूप से राजस्व भेजते रहे। 
 ¯ उन्होंने सूबे के प्रशासन का पुनर्गठन किया और कृषि, व्यापार तथा उद्योग को बढ़ावा दिया। 
 ¯ राजस्व की वसूली नियमित रूप से और सख्ती से की जाती थी। 
 ¯ गरीब किसानों को कर्ज दिया जाता था, मगर राजस्व की मात्रा में कटौती नहीं की जाती थी। 
 ¯ इस प्रकार प्रांत के राजस्व के साधनों को बढ़ाया गया, यद्यपि किसानों को कोई राहत नहीं मिली।

पंजाब
 ¯ पंजाब में गुरु नानक द्वारा चलाए गए सिक्ख धर्म का काफी प्रसार हुआ। 
 ¯ दसवें व अंतिम गुरु गोविन्द सिंह के नेतृत्व में सिक्ख एक राजनीतिक और फौजी शक्ति के रूप में उभरे। 
 ¯ गुरु गोविन्द सिंह ने 1699 में ‘खालसा’ की स्थापना की। 
 ¯ उनकी राजधानी आनंदपुर साहिब थी। 
 ¯ 1708 ई. में उनकी मृत्यु हो गई और उसके बाद सिक्ख शक्ति का नेतृत्व बंदा बहादुर के हाथोंमें आ गया। 
 ¯ बंदा बहादुर की राजधानी लौहगढ़ (मुखलिसपुर) थी। 
 ¯ उनके नेतृत्व में सिक्खो ने मुगलों का बहादुरी से मुकाबला किया और दिल्ली से लाहौर तक के सारे इलाके में छा गए। मगर अंत में उनकी पराजय हुई।
 ¯ 1716 ई. में मुगलों ने बंदा बहादुर को फांसी पर चढ़ा दिया। इस समय सिक्खों की शक्ति क्षीण हुई।
 ¯ कुछ समय बाद उन्होंने फिर से अपने को संगठित कर लिया। नादिरशाह के आक्रमण के बाद पंजाब में मुगल सत्ता का पतन हो गया और अफगानों तथा उस क्षेत्र में नादिरशाह द्वारा छोड़े गए उसके अनुयायियों के बीच संघर्ष छिड़ जाने के कारण गड़बड़ी की स्थिति पैदा हो गई। उस स्थिति का फायदा उठाकर सिक्खों ने धीरे-धीरे उस सूबे पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया।
 ¯ सिक्खों ने अपने को बारह छोटे समूहों में संगठित किया। उन समूहों को मिसल कहते थे। 
 ¯ मिसल के नेताओं ने इलाकों को आपस में बांट लिया। अहमद शाह अब्दाली भी इन मिसलों को खत्म नहीं कर सका। उसके चले जाने के दो साल के अन्दर ही उसके लाहौर और सरहिंद के सूबेदारों को निकाल बाहर किया गया। 
 ¯ नाभा, पटियाला और कपूरथला जैसे छोटे राज्यों का उदय हुआ। 
 ¯ 1767 ई. और 1773 ई. के बीच सिक्खों ने अपनी सत्ता का विस्तार पूर्व में सहारनपुर से लेकर पश्चिम में अटक तक और दक्षिण में मुल्तान से लेकर उत्तर में कांगरा व जम्मू तक कर लिया।

The document हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi is a part of the UPSC Course इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi.
All you need of UPSC at this link: UPSC
398 videos|676 docs|372 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री, इतिहास, यूपीएससी, आईएएस - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. हैदराबाद के निजाम कौन थे?
उत्तर: हैदराबाद के निजाम निशान उल मुल्क निजामुल मुल्क निजाम उद्दौला मेर अली खां थे। वे हैदराबाद राज्य के शासक थे और उन्हें निजाम के रूप में जाना जाता था। वे ब्रिटिश शासन के समय में राज्य के महाराजा थे।
2. हैदराबाद के निजाम विदेशी यात्रियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण थे?
उत्तर: हैदराबाद के निजाम यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण थे क्योंकि उनके पास विदेशी यात्रियों के लिए एक विशेष दूतावास था। यह उन्हें विदेशी यात्रियों के साथ संपर्क करने और उन्हें शहर की यात्रा, स्थानीय आदतों और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता था।
3. हैदराबाद के निजाम के इतिहास में कौन-कौन से महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल थीं?
उत्तर: हैदराबाद के निजाम के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल थीं। कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल हैं: निजाम उद्दौला के मृत्यु पर ब्रिटिश सरकार द्वारा हैदराबाद राज्य को संघ राज्य का दर्जा प्रदान करना, निजामुल मुल्क के द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता बनना और निजाम उद्दौला के शासनकाल में हैदराबाद के विकास के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाना शामिल है।
4. हैदराबाद के निजाम के बारे में UPSC परीक्षा में कौन-कौन से प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
उत्तर: UPSC परीक्षा में हैदराबाद के निजाम के बारे में निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं: 1. हैदराबाद के निजाम कौन थे और उनके साम्राज्यिक कार्य क्या थे? 2. हैदराबाद के निजाम के शासनकाल में कौन-कौन से सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुए? 3. हैदराबाद के निजाम ने शिक्षा, कला और साहित्य के क्षेत्र में कौन-कौन से प्रमुख पहल की थीं? 4. हैदराबाद के निजाम ने ब्रिटिश सरकार के साथ कौन-कौन से संधि और समझौते किए थे? 5. हैदराबाद के निजाम ने अपने शासनकाल में कौन-कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल और महलों का निर्माण किया था?
5. हैदराबाद के निजाम के बारे में विदेशी यात्रियों के पास क्या-क्या जानकारी होनी चाहिए?
उत्तर: विदेशी यात्रियों को हैदराबाद के निजाम के बारे में निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए: 1. निजाम की संघर्षपूर्ण जीवनी और उनके साम्राज्यिक कार्य के बारे में जानकारी। 2. निजाम के द्वारा शुरू किए गए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट और विकास कार्यों के बारे में जानकारी। 3. हैदराबाद के निजाम के शासनकाल में विदेशी यात्रियों के लिए उपलब्ध स्थानों, दरबारों, महलों और मंदिरों के बारे में जानकारी। 4. निजाम के द्व
398 videos|676 docs|372 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

MCQs

,

यूपीएससी

,

video lectures

,

इतिहास

,

हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री

,

pdf

,

Previous Year Questions with Solutions

,

यूपीएससी

,

Important questions

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Viva Questions

,

Summary

,

mock tests for examination

,

study material

,

हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री

,

इतिहास

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

practice quizzes

,

Exam

,

Semester Notes

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

यूपीएससी

,

Free

,

हैदराबाद के निजाम - विदेशी यात्री

,

shortcuts and tricks

,

आईएएस | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

,

Extra Questions

,

इतिहास

,

ppt

,

Sample Paper

;