अनुमोदन और लॉन्च:
पूर्ववर्ती योजना:
बजटीय अनुमान:
नीति में बदलाव:
मुख्य सिद्धांत: सिंथेटिक रसायनों के बिना खेती करना, पशुधन-आधारित, जैव-संसाधन पुनर्चक्रण प्रणालियों पर निर्भर रहना।
मुख्य घटक:
पारिस्थितिकी दृष्टिकोण: खेत पारिस्थितिकी के विभिन्न घटकों को एकीकृत करता है, जिसमें मिट्टी, पानी, पौधे, सूक्ष्मजीव, पशुधन, कीट, और जलवायु शामिल हैं, जिससे एक संतुलित और स्थायी कृषि प्रणाली बनती है।
परिणाम लक्ष्यों: कम इनपुट लागत, मिट्टी में कार्बन सामग्री में सुधार, जैव विविधता के माध्यम से कीट प्रतिरोध में वृद्धि, और जलवायु झटकों के प्रति लचीलापन बढ़ाना।
क्लस्टर मॉडल:
प्रोत्साहन:
प्रशिक्षण और सहयोग:
निगरानी:
NCONF (नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक एंड नेचुरल फार्मिंग, गाज़ियाबाद):
MANAGE (हैदराबाद):
ICAR-KVKs:
समुदाय की भूमिका:
किसान: कार्यक्रम में 10 लाख से अधिक किसान नामांकित हैं।
क्लस्टर: विभिन्न राज्यों में क्लस्टरों की स्थापना के लिए लक्ष्य क्रियान्वित किए जा रहे हैं।
प्रशिक्षण:
जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (BRCs):
रिलीज़ किए गए फंड:
मॉडल फ़ार्म:
प्रमाणन:
संवर्धन और एकीकरण: राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) विभिन्न मंत्रालयों के साथ जुड़ा हुआ है ताकि समग्र परिणाम प्राप्त किए जा सकें:
बाजार लिंक:
शैक्षणिक एकीकरण:
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) भारत में कृषि प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो इनपुट-गहन उत्पादकता से प्रकृति-संरेखित स्थिरता की ओर बढ़ रहा है।
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