पिछले हफ़्ते राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर एक भाषण में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़े प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म द्वारा उनकी सामग्री के उपयोग के लिए मीडिया कंपनियों को उचित मुआवज़ा दिए जाने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। इंटरनेट के तेज़ विकास ने समाचार प्रकाशकों और बड़े ऑनलाइन उद्यमों के बीच शक्ति असंतुलन पैदा कर दिया है, जो अब दूसरों द्वारा बनाई गई सामग्री के उपयोग के लिए वित्तीय शर्तें तय करते हैं। कई देश इस मुद्दे से जूझ रहे हैं, और नए नियम आकार ले रहे हैं।
हर साल 16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का सम्मान करता है। इस प्रभावशाली आयोजन की स्थापना 1966 में भारतीय प्रेस परिषद द्वारा लोकतंत्र की रक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका को उजागर करने के सार्थक उद्देश्य से की गई थी। यह दिन हमें सच्चाई, जवाबदेही और नैतिक पत्रकारिता के प्रति प्रेस की प्रतिबद्धता की भी याद दिलाता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024 अवलोकन | |
पहलू | विवरण |
तारीख | 16 नवंबर, 2024 |
महत्व | भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और जवाबदेही का जश्न |
द्वारा स्थापित | भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई), 1966 |
2024 के लिए थीम | प्रेस का बदलता स्वरूप |
उद्देश्य | स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के महत्व पर जोर देना |
ऐतिहासिक संदर्भ | भारत की स्वतंत्रता में प्रेस की भूमिका और लोकतंत्र में इसके योगदान पर विचार |
वैश्विक मुख्य बिंदु:
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024 में भारत का स्थान
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