अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण पर न्यायमूर्ति जी रोहिणी आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी गई है। रिपोर्ट का उद्देश्य आरक्षण व्यवस्था में विकृतियों को दूर करना, विभिन्न ओबीसी समुदायों के बीच लाभों का अधिक न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है। यह विश्लेषण आरक्षण के वर्गीकरण के प्रमुख पहलुओं, रोहिणी आयोग के संदर्भ की शर्तों और उसके कार्यकाल के दौरान किए गए अध्ययनों पर प्रकाश डालता है।
भारत में आरक्षण प्रणाली ऐतिहासिक अन्यायों को दूर करने और हाशिये पर पड़े लोगों को अवसर प्रदान करने में सहायक रही है। हालाँकि, इसकी प्रभावशीलता और निष्पक्ष कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए इसे आलोचना और सुधार की माँग का भी सामना करना पड़ता है। अधिक समावेशी और समृद्ध समाज बनाने के लिए सामाजिक न्याय, समानता और योग्यतातंत्र के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। भारत की आरक्षण नीतियों के निरंतर विकास के लिए एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए एक समग्र दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
2224 docs|810 tests
|
2224 docs|810 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|