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अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और वर्तमान विकास - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi PDF Download

भारत की नेतृत्वकारी पहले 

1. आपदा प्रत्यास्थ अवसंरचना पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला, 2018

  • माननीय प्रधानमंत्री के आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित 10 सूत्रीय एजेंडे के प्रथम बिंदु के अनुसरण में, UNISDR के सहयोग से NDMA ने नई दिल्ली में 15-16 जनवरी, 2018 को आपदा प्रत्यास्थ अवसंरचना पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला (International Workshop on Disaster Resilient Infrastructure: IWDRI) का आयोजन किया। यह इस तरह की प्रथम कार्यशाला थी।
  • इस कार्यशाला में जोखिम प्रत्यास्थ अवसंरचना की भूमिका पर बल दिया गया। इसमें प्रत्यास्थ अवसंरचना संबंधी सर्वोत्तम वैश्विक प्रणालियों की पहचान की गई। इसके साथ-साथ वर्तमान प्रणालियों के समक्ष उपस्थित मुख्य चुनौतियों और अंतरालों तथा उनसे निपटने के उपायों पर भी विचार किया गया। इसके अतिरिक्त, आपदा प्रत्यास्थ अवसंरचना पर हितधारकों के मध्य सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी विचार किया गया।

2. बिम्सटेक राष्ट्रों के लिए प्रथम संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास, 2017

  • भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में अक्टूबर 2017 में 'बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (Bay of Bengal Initiative for MultiSectoral Technical and Economic Cooperation: BIMSTEC) या बिम्सटेक' देशों हेतु प्रथम वार्षिक आपदा प्रबंधन अभ्यास (BIMSTEC DMEx-2017) की मेज़बानी की। सभी सात BIMSTEC देशों से आए लगभग 200 आपदा पेशेवरों ने पहली बार आपदा प्रबंधन से सम्बंधित विचार विमर्श सत्रों तथा फील्ड अभ्यासों में हिस्सा लिया।

3. आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन, 2016

  • AMCDRR की स्थापना वर्ष 2005 में की गयी थी। यह एक द्विवार्षिक सम्मेलन है। इसका आयोजन विभिन्न एशियाई राष्ट्रों तथा संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNISDR) के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। नवम्बर, 2016 में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (AMCDRR) में 'नई दिल्ली घोषणा-पत्र (New Delhi Declaration)' तथा 'सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन हेतु एशियाई क्षेत्रीय योजना (Asian Regional Plan for Implementation of the Sendai Framework)' को स्वीकार करने की घोषणा की गयी। यह आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडाई फ्रेमवर्क के अमल में आने के पश्चात आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु प्रथम एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन था। इस सम्मेलन में सुनामी के संबंध में जागरुकता के प्रसार के उद्देश्य से प्रथम विश्व सुनामी जागरुकता दिवस भी मनाया गया।
  • AMCDRR 2016 की थीम “सामुदायिक प्रत्यास्थता के लिए जोखिम संवेदी विकास (Risk Sensitive Development for Community Resilience)" रखी गई थी। सम्मेलन की समाप्ति निम्नलिखित निष्कर्ष के साथ हुई:
    • समुदायों, राष्ट्रों तथा एशियाई क्षेत्रों की प्रत्यास्थता के सुदृढीकरण तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के प्रति सरकार तथा अन्य हितधारकों की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करते हुए नई दिल्ली घोषणापत्र जारी किया गया। इसमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण के प्रति जन-केन्द्रित तथा समग्र समाज आधारित दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शायी गयी।
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन हेतु एशियाई क्षेत्रीय योजना को अंगीकृत किया गया। इसमें सेंडाई फ्रेमवर्क पर 15 वर्ष की अवधि के लिए सहयोग संबंधी दीर्घावधिक रोडमैप पर सहमति बनी तथा विशिष्ट व व्यवहार्य गतिविधियों के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण संबंधी कार्यों को आगे बढ़ाने हेतु एक द्वि-वर्षीय कार्य योजना भी तय की गयी।

4. UNISDR के साथ सहयोग (2016)

  • भारत सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNISDR) के बीच नवम्बर, 2016 में एक सहयोग वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए। इस वक्तव्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडाई फ्रेमवर्क (SFDRR) के कार्यान्वयन तथा उसकी प्रभावी निगरानी हेतु भारत तथा UNISDR के बीच सहयोग के बिन्दुओं तथा मार्गदर्शक सिद्धांतों को प्रस्तुत किया गया था।
  • भारत ने जोखिम प्रत्यास्थ विकास सुनिश्चित करने हेतु एशियाई देशों की क्षमता को सदढ़ बनाने के लिए UNISDR के साथ भागीदारी की है। यह गंभीर क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने हेतु अपने ज्ञान तथा अनुभवों को भी साझा करेगा। इस सहयोग का उद्देश्य एशियाई राष्ट्रों के प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण के माध्यम से सेंडाई फ्रेमवर्क के प्रभावी कार्यान्वयन तथा निगरानी को सुनिश्चित करना है।

5. आपदा प्रबंधन पर ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक, 2016

  • आपदा प्रबंधन पर BRICS मंत्रियों की बैठक राजस्थान के उदयपुर में अगस्त, 2016 में आयोजित की गयी थी। उदयपुर घोषणा में BRICS राष्ट्रों के बीच नियमित वार्ता तथा सहयोग के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन पर एक संयुक्त कार्य बल की स्थापना पर सहमति जताई गयी थी। संयुक्त कार्य बल द्वारा उन कार्रवाइयों को आरम्भ किये जाने की सम्भावना है जिन पर उदयपुर सम्मेलन में BRICS राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप में सहमति जतायी गयी है।

6. सार्क देशों के साथ प्रथम आपदा प्रबंधन अभ्यास, 2015

  • भारत सरकार ने 2015 में प्रथम दक्षिण एशियाई वार्षिक आपदा प्रबंधन अभ्यास का आयोजन किया था। सभी सार्क सदस्य देशों ने भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force: NDRF) द्वारा संचालित प्रथम संयुक्त अभ्यास में भागीदारी की थी। इसमें अंतरसरकारी समन्वय का परीक्षण करने तथा आपदा अनुक्रिया पर सार्क सदस्य देशों के मध्य क्षेत्रीय सहयोग को संस्थागत रूप देने के उद्देश्य से प्रयासों के समन्वय के लिए सह-क्रियाशीलता उत्पन्न करने पर फोकस किया गया था। इसके पश्चात सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों की साझेदारी पर सार्क क्षेत्रीय कार्यशाला (SAARC Regional Workshop on sharing best practices) का आयोजन किया गया था।

7. भारत-प्रशांत द्वीप समूह सतत विकास सम्मेलन

  • भारत ने 25-26 मई, 2017 को फिजी के सुवा में भारत-प्रशांत द्वीप समूह सतत विकास सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्देश्य प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रों के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण गतिविधियों में सहयोग के माध्यम से उनकी प्रत्यास्थता को सुदृढ़ बनाना था।

8. अन्य सुनियोजित पहले

आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जापान-भारत कार्यशाला, 2018 (Japan-Indo Workshop on Disaster Risk Reduction), 2018 आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जापान तथा भारत के मध्य समझौते के एक भाग के रूप में, 1920 मार्च, 2018 को DRR पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। 2019 में sco सदस्य राष्ट्रों का संयुक्त शहरी भूकंप खोज तथा बचाव अभ्यास (Joint Urban Earthquake Search and Rescue exercise of SCO member states in 2019) भारत 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation: SCO) का सदस्य बना। भारत के अतिरिक्त, Sco के सात अन्य सदस्य राष्ट्र (चीन, कज़ाख़स्तान, किर्गिज़स्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान तथा उज़्बेकिस्तान) तथा चार पर्यवेक्षक राष्ट्र 

(अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान तथा मंगोलिया) हैं। अगस्त, 2017 में किर्गिज़स्तान में, SCO के सदस्य राष्ट्रों की सरकारों के प्रमुखों की 9वीं बैठक का आयोजन हुआ। इस दौरान भारत सरकार ने यह घोषणा की कि वह संयुक्त तैयारी को बेहतर बनाने के लिए 2019 में SCO सदस्य राष्ट्रों के एक संयुक्त शहरी भूकंप खोज तथा बचाव अभ्यास का आयोजन करेगी और साथ ही 2019 में ही sco सदस्यों के आपदा रोकथाम से संबंधित विभागाध्यक्षों की अगली बैठक की मेज़बानी भी करेगी।

विभिन्न राष्ट्रों के साथ द्विपक्षीय समझौते

जापान

  • आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग हेतु 2017 में भारत तथा जापान के बीच एक सहयोग ज्ञापन (MoC) पर हस्ताक्षर किये गये। इसके अनुसार दोनों पक्ष आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु जानकारी का आदान-प्रदान व सहयोग करेंगे। इसके साथ ही वे रोकथाम, अनुक्रिया एवं "बेहतर पुनर्निर्माण" के लिए पुनर्बहाली व पुनर्निर्माण से संबंधित नीतियों के विषय में भी सहयोग और जानकारी साझा करेंगे। दोनों देश सुनामी जोखिम न्यूनीकरण हेतु सूचना, अनुभवों से मिली सीखों एवं नीतियों को साझा करने के लिए भी सहयोग करेंगे। इसमें सुनामी जागरूकता, पूर्व-चेतावनी  तथा तैयारी से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी। हाल ही में, मार्च 2018 में भूकंप सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए आपदा जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में सहयोग के लिए 'आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रथम भारत-जापान कार्यशाला' का भी आयोजन किया गया था।

शंघाई सहयोग संगठन (sco) देश

  • sco के सदस्य देशों के द्वारा आपदा राहत में परस्पर सहयोग के लिए एक समझौता किया गया है। यह समझौता आपदा अनुक्रिया में Sco देशों के मध्य परस्पर सहायता का आह्वान करता है।

जर्मनी

  • आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत तथा जर्मनी के बीच एक संयुक्त घोषणा पर अक्टूबर 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सूचनाओं एवं अन्य वैज्ञानिक/तकनीकी विशेषज्ञताओं का आदान-प्रदान करना है। इसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा, शहरी खोज व बचाव, अग्निशमन सेवाओं तथा चिकित्सा के क्षेत्र में प्रथम अनुक्रियाकर्ताओं का प्रशिक्षण एवं उनकी क्षमता निर्माण करना भी है।

इंडोनेशिया

  • 2013 में भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) तथा इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन की राष्ट्रीय एजेंसी के बीच आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग विकसित करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गये थे। दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग के क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्र में जानकारी का आदान-प्रदान: आपदा प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों तथा मानव संसाधनों का आदान-प्रदान आदि सम्मिलित हैं।

सार्क देश (SAARC Countries)

  • नवंबर, 2011 में मालदीव के अदू सिटी (Addu City) में आयोजित 17वें सार्क शिखर सम्मेलन में 'प्राकृतिक आपदाओं पर तीव्र अनुक्रिया हेतु सार्क समझौते' (SAARC Agreement on Rapid Response to Natural Disasters) पर मंत्रालयी स्तर पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • समझौते का उद्देश्य "आपदाओं पर तीव्र अनुक्रिया हेतु प्रभावी क्षेत्रीय तंत्र प्रदान कर आपदा से होने वाली जीवन की हानि तथा सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय परिसम्पत्तियों की क्षति में कमी लाना, और समेकित राष्ट्रीय प्रयासों तथा गहन क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से आपदा आपातकालीन स्थितियों में संयुक्त अनुक्रिया करना है।"

रूस

  • दिसंबर 2010 में नई दिल्ली में आयोजित 11वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत सरकार तथा रूसी संघ की सरकार ने आपातकालीन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें शामिल सहयोग के मुख्य क्षेत्र एवं प्रकार हैं: सूचना का आदान-प्रदान, पूर्व-चेतावनी, जोखिमों का मूल्यांकन, संयुक्त सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशालाएं, विशेषज्ञों का प्रशिक्षण, तकनीकी सुविधाएं एवं उपकरण प्रदान करने में परस्पर सहायता आदि।
  • आपात स्थितियों के परिणामों की रोकथाम एवं उन्मूलन में सहयोग के लिए भारत-रूस संयुक्त आयोग (the Indo-Russian Joint Commission for cooperation in Prevention and Elimination of Consequences of Emergencies) की पहली बैठक 22 मार्च, 2016 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस बैठक के दौरान 2016-2017 के लिए आपात स्थितियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के क्षेत्र में सहयोग के लिए संयुक्त कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर किये गये।

स्विट्ज़रलैंड

  • भारत एवं स्विटज़रलैंड ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए रोकथाम तैयारी तथा आपदाओं या प्रमुख आपात स्थितियों के दौरान सहायता के लिए सहयोग में वृद्धि हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
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