सुनामी से न केवल स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं, बल्कि तटवर्ती इलाकों में आए पर्यटक भी मृत्यु के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में विदेशी पर्यटक उन इलाकों में जाने से कतराते हैं, जो कभी सुनामी ग्रसित रहे हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को नुकसान होता है।
बंदरगाहों की तबाही
सुनामी का एक अन्य बुरा प्रभाव बंदरगाह नगरों पर पड़ता है। ये बंदरगाह नगर आयात-निर्यात के केन्द्र होते हैं । सुनामी के आने से कई जहाजों समेत बंदरगाह तबाह हो जाता है, जिससे बड़ी मात्रा में आर्थिक क्षति होती है।
पुनर्वास की समस्या
सुनामी के कारण सरकार के सामने पुनर्वास सबसे बड़ी समस्या होती है एवं यह समस्या गम्भीर रूप धारण कर लेती है। सुनामी प्रभावित लोगों के लिए खाद्यान्न, घर एवं व्यवसाय की व्यवस्था करने में सरकार के ऊपर करोड़ों रूपए का आर्थिक दबाव पड़ता है।
सुनामी की आकस्मिक स्थिति में जान-माल की क्षति को ध्यान में रखकर निम्नलिखित प्रयास करना चाहिए -
1. त्वरित उपाय
इस चरण को एक से तीन दिन की अवधि में पूरा करना चाहिए, जिसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं -
2. सुनामी पश्चात् उपाय
उपर्युक्त चरणों को 1 या 2 वर्षों के भीतर पूरा कर लेना अपेक्षित है। इस हेतु इसके अतिरिक्त निम्नलिखित कदम आवश्यक है -
3. सुनामी चेतानी प्रणाली 'डॉर्ट,
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