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ज्वालामुखी (भाग - 1) - भारतीय भूगोल | भूगोल (Geography) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

ज्वालामुखी

ज्वालामुखी (भाग - 1) - भारतीय भूगोल | भूगोल (Geography) for UPSC CSE in Hindiमाउंट कोटोपैक्सी

  • वर्तमान समय में विश्व में सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत माउण्ट कोटोपैक्सी (19,613 फीट) है जो कि इक्वेडर में स्थित है।
  • क्रेटर (Crater) - ज्वालामुखी उद्गार से उसके मुख के आसपास शंक्वाकार रूप में निस्सृत पदार्थों के जमाव के कारण उसके बीच में बनी हुई गड्ढे की तरह की आकृति को ज्वालामुखी-मुख या क्रेटर कहा जाता है।
  • काल्डेरा (Caldera) जब क्रेटर का आकार काफी विस्तृत हो जाता है तब उसे काल्डेरा की संज्ञा दी जाती है।
  • किसी बड़े आकार वाले काल्डेरा के भीतर जब अनेक क्रेटर या काल्डेरा का निर्माण हो जाता है तब उस आकृति को Nested Crater या Caldera कहते है।
  • परिप्रशान्त महासागरीय पेटी के अधिकांश ज्वालामुखी शृंखलाबद्ध (Chain) रूप में पाये जाते है।

स्मरणीय तथ्य

  • विश्व की सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सड़क भारत के लेह-मनाली खण्ड में खारदुंगला में है। समुद्रतल से 5,602 मी. की ऊंचाई पर स्थित सड़क का निर्माण ‘सीमा सड़क संगठन’ द्वारा किया गया है।
  • भारतीय बागवानी विश्वविद्यालय, सोलन (हिमाचल प्रदेश) में स्थित है।
  • आतिशबाजी निर्माण का प्रसिद्ध केन्द्र शिवकाशी तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
  • हीरा, ग्रेफाइट, कोयला, काष्ठ कोयला या चारकोल, अस्थि कोयला, काजल, कोक तथा कार्बन गैस कार्बन के ही विभिन्न रूप है।
  • पीतल (Brass) एक मिश्रधातु है जो ताँबा एवं जस्ता मिलाकर बनायी जाती है।
  • स्थायी चुम्बक बनाने के लिए मिश्रधातु एल्निको का प्रयोग किया जाता है। यह एल्यूमीनियम, निकिल तथा कोबाल्ट के मिश्रण से तैयार की जाती है।
  • लौह का सबसे शुद्ध रूप पिटवाँ लोहा (Wrought iron) है।
  • तिब्बत का पठार अंतर पर्वतीय पठार (Intermontane Plateau) का सर्वोत्तम उदाहरण है।
  • सागरीय भूआकृतियां में तट से गहराई की ओर जाने पर मिलने वाली स्थलाकृतियाँ क्रमशः महाद्वीपीय मग्नतट, महाद्वीपीय ढाल, महासागरीय मैदान तथा गंभीर सागरीय गर्त है।
  • उपोष्ण कटिबंधीय नगरों में महासागरीय जल का खारापन सर्वाधिक होता है।
  • ग्रेनाइट चट्टान आग्नेय चट्टानों के अन्तर्गत आती है।
  • नदी-मार्ग में जल प्रपातों का मिलना नदी-अपरदन चक्र की युवावस्था का द्योतक होता है।
  • मौसम को प्रभावित करने वाली अधिकांश घटनाएं क्षोभमण्डल (ट्रोपोस्फीयर) से सम्बन्धित होती है।
  • कायांतरित से बालुका पत्थर क्वार्टजाइट में बदल जाता है।
  • कुण्ढ़ा जलविद्युत परियोजना तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
  • रामेश्वरम को भारत की मुख्य भूमि से अलग करने वाला जलभाग पम्बन चैनल है।
  • देश में तम्बाकू उत्पादन के विकास के लिए सन् 1936 में गुण्टूर (आन्ध्र प्रदेश) में ‘सिगरेट तम्बाकू अनुसन्धान केन्द्र’ की स्थापना की गयी।
  • हिमालय क्षेत्र की प्रसिद्ध घाटियां कश्मीर घाटी, कारेवास घाटी, दून घाटी, कांगड़ा घाटी, कुलू घाटी, काठमाण्डू घाटी, भागीरथी घाटी (गंगोत्री के पास) तथा मन्दाकिनी घाटी (केदारनाथ के पास) है )।
  • माल झील गुजरात राज्य में है जबकि महाराष्ट्र में फीफी तथा ह्नाइटिंग झील स्थित है।
  • उत्तरी अमेरिका की रॉकीज पर्वतमाला को महाद्वीपीय जल विभाजक कहा जाता है।
  • कनाडा में विश्व का सर्वाधिक अखबारी कागज बनाया जाता है एवं यांत्रिक लुग्दी के उत्पादन में भी इसका विश्व में प्रथम स्थान है।
  • कनाडा में कृषि भूमि का क्षेत्रफल यहाँ की कुल भूमि के 8% से भी कम है।
  • न्यूफाउंडलैंड द्वीप की खोज सन् 1497 में जॉन कैसेट द्वारा की गयी थी। यह एक फियोर्ड प्रकार का द्वीप है।
  • कनाडा में सर्वाधिक मछली ब्रिटिश कोलम्बिया राज्य में पकड़ी जाती है। यहाँ की सबसे प्रमुख मछली सामन है।
  • चर्चित प्रपात लेब्रेडोर में स्थित विश्व का एक बृहत् जलविद्युत संयन्त्र है। इसकी क्षमता 52,25,000 कि. वा. जलविद्युत उत्पादन की है।
  • मेसाबी, वरमिलियन तथा ब्यूना संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे प्रमुख लौह क्षेत्र है जो मिनिसोटा राज्य में स्थित है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा जलविद्युत उत्पादक राज्य है जबकि यहाँ विश्व की मात्र 5% जलविद्युत शक्ति (Potential Water Energy) विद्यमान है।
  • होमेस्टैक खदान संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे बड़ी स्वर्ण खदान है। यह दक्षिणी डकोटा राज्य में स्थित है।
  • विश्व में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका में किया जाता है।
  • ऑस्ट्रेलिया विश्व का सबसे बड़ा ऊन-निर्यातक देश है। यहाँ मेरिनो नामक विश्व प्रसिद्ध भेड़ पायी जाती है।
  • भूपृष्ठ के 98.59% भाग का निर्माण केवल 8 मूल तत्वों के संयोग से हुआ है। ये है-(1) आक्सीजन (46.8%), (2) सिलिकाॅन (27.7%), (3) एल्यूमीनियम (8.13%) (4) लोहा (5.00%), (5) कैल्सियम (3.63%), (6) सोडियम (2.83%), (7) पोटैशियम (2.59%), तथा (8) मैग्नीशियम (2.09%)। शेष 1.41% भाग के निर्माण में टाइटैनियम, हाइड्रोजन, फास्फोरस, कार्बन, मैगनीज, सल्फर, बेरियम, क्लोरीन, सोना, चाँदी, ताँबा, पारा, सीसा आदि तत्वों का योगदान है।
  • लुधियाना (पंजाब) की ‘हीरो साइकिल्स’ विश्व की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कम्पनी है। इसकी स्थापना 1956 में हुई थी।
  • आन्ध्र प्रदेश को ‘एशिया की अण्डों की टोकरी’ (Egg Basket of Asia) भी कहा जाता है।
  • सोयाबीन की अधिक कृषि के कारण मध्य प्रदेश को ‘सोया प्रदेश’ (Soya Region) भी कहा जाता है।
  • विनाशकारी प्लेट के किनारे पर अधिक ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
  • पश्चिमी अफ्रीका में एकमात्र भयानक या सक्रिय ज्वालामुखी कैमरून पर्वत है।
  • धुँआरे (Fumaroles)  ज्वालामुखी क्रिया से संबंधित छिद्र हैं, जो लगातार गैस और वाष्प छोड़ते हैं, इसे धुआँ कहा जाता है।
  • धुओं की एक घाटी अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका) के कटमई ज्वालामुखी क्षेत्र में पाई जाती है (A Valley of Ten Thousand Smokes) पायी जाती है।

अलास्का पर्वतमालाअलास्का पर्वतमाला

स्मरणीय तथ्य

  • विश्व के प्रथम रेलमार्ग का निर्माण सन् 1830 में ब्रिटेन में हुआ जब पहली गाड़ी मैनचेस्टर तथा लिवरपूल के बीच चलायी गयी। इस रेलगाड़ी के चालक इसके निर्माता जार्ज स्टीव सन स्वयं थे।
  • जीन ब्रश ने घरों और मांगों को 'भूमि के अनुत्पादक उपयोग' के रूप में वर्णित किया है।
  • बेल्जियम का एंटवर्प नगर विश्व में हीरा व्यापार का सबसे बड़ा केन्द्र है।
  • इण्डोनेशिया में 13,000 से भी अधिक द्वीप शामिल है जिनमें लगभग 6,000 द्वीपों पर जनसंख्या का निवास पाया जाता है। यहाँ की राजधानी जकार्ता जावा द्वीप पर स्थित है। जकार्ता का पुराना नाम बटाविया था।
  • यूरोप से ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए ज्ञान केप ऑफ गुड होप मार्ग से जाते है क्योंकि पछुआ पवन उनके अनुकूल रहती है जबकि उनकी वापसी पर वे इन समान हवाओं से बचने के लिए स्वेज नहर जलमार्ग से गुजरते हैं।
  • विश्व की सबसे बड़ी कोयला खान बाँकी जिम्बाब्वे में स्थित है।
  • जापानी पेय शेक (Shake) का निर्माण चावल से किया जाता है जबकि बीयर तथा व्हिस्की मुख्यतः जौ से बनायी जाती है।
  • जिन (Gin), राई व्हिस्की तथा बोद्रका का निर्माण राई से किया जाता है।
  • भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पेड़ों पर चढ़ी लताओं को लियाना (Lana) कहा जाता है।
  • किरुना तथा एलीवेयर स्वीडन की प्रसिद्ध लौह अयस्क खाने है जहाँ से खनन किये गये सम्पूर्ण खनिज का निर्यात कर दिया जाता है क्योंकि स्वीडेन के पास लौह अयस्क को गलाने के लिए पर्याप्त कोयले का अभाव है। लौह अयस्क स्वीडेन की समृद्धि में सर्वाधिक सहायक है।
  • हंगरी में स्थित स्टेपी घास भूमियों को पुस्ताज (Pustaz) कहा जाता है।
  • श्रीलंका के घास के मैदान पटाना (Patana) के नाम से जाने जाते है।
  • यूरेनियम को ‘आशा की धातु’ (Metal of Hope), प्लूटोनियम को ‘भय की धातु’ (Metal of Fear), रेडियम को ‘जीवन- रक्षक धातु’ (Life-Saving Metal) तथा पारा अथवा मर्करी को ‘तीव्र चाँदी’ (Quick Silver) के उपनाम से जाना जाता है।
  • ईरान का कोह सुल्तान धुँरा तथा न्यूजीलैंड की प्लेट खाड़ी में स्थित हुनिट टापू का धुँआरा प्रसिद्ध है।
  • गीजर गर्म पानी के स्रोत हैं जिनके मुंह से पानी निकलता है और समय-समय पर वाष्प को आंतरायिक रूप में छोड़ा जाता है, यह गेसर कहलाता है।।
  • सं. रा. अमेरिका के यलोस्टोन पार्क में स्थित ‘ओल्ड फेथफुल गेसर’ से एक निश्चित अन्तराल के बाद ही गर्म जल तथा वाष्प निकलती है।
  • यलोस्टोन पार्क या ‘एक्सेलसियर गेसर’ ऐसा गेसर है जिसके मुख से बिना समयान्तराल के निरन्तर जल एवं वाष्प का प्रवाह होता रहता है।

भू-पर्पटी एवं उनके खनिज

पृथ्वी की आंतरिक संरचनापृथ्वी की आंतरिक संरचना

  • कठोर पपड़ी (Crust), जो पृथ्वी के आंतरिक क्षेत्र (Barysphere) को ढकती है, लिथोस्फीयर (Lithosphere) कहलाती है
  • पृथ्वी के आन्तरिक भाग के पिघले पदार्थ मेग्मा के शीतल होने से बनी चट्टान ‘आग्नेय चट्टान’ कहलाती है।
  • भूगर्भ में अतल गहराई में मैग्मा के जमाने से बनी चट्टानों को पातालीय चट्टान कहते है। इनमें बड़े-बड़े आकार के रवे होते है। बैथोलिथ इसका एक उत्तम उदाहरण है।
  • ज्वालामुखी विस्फोट के समय अतल गहराई से ऊपर उठा मेग्मा धरातलीय अवरोध के कारण दरारों, छिद्रों एवं नली में ही जमकर ठोस हो जाता है। इनमें बनी चट्टानों को मध्यवर्ती चट्टान कहते है। इनमें लैकोलिथ, फैकोलिथ, लेपोलिथ, डाइक, सिल आदि प्रमुख है।
  • आग्नेय चट्टान की एक विशाल गुम्बदाकार बलुआ पत्थर की तरह होता है , जिसका आधार अधिक गहराई में होता है, इसे बैयोलिथ कहा जाता है । इसका विस्तार सैकड़ों वर्ग किलोमीटर में होता है।।
  • भूपृष्ठ के नीचे परतदार शैलों के मध्य मेग्मा के जमने से बनी गुम्बदाकार संहति को लैकोलिथ कहते है।
  • ज्वालामुखी विस्फोट  के समय मोड़दार पर्वतों की अवनति तथा अभिनति में लावा के ल®स रूप में जमने से बनी आग्नेय शैलों  को फैकोलिथ कहते है।
  • जब लावा का जमाव धरातल के नीचे अवतल आकार वाली छिछले बेसिन में होता है तो तश्तरीनुमा आकार का निर्माण होता है। इसे लोपोलिथ कहते है।
  • आग्नेय चट्टान ग्रेनाइट, बैसाल्ट, ग्रेबो, साइनाइट, रायोलाइट, पैरोडोटाइट, डायोराइट आदि के रूप में मिलती है।
  • ग्रेनाइट पातालीय आग्नेय चट्टान है। ये मैग्मा के धीरे-धीरे ठण्डा होकर जमने से बनी है। इसमें छोटे-छोटे रवेदार कण होते हैं। इसमें फैल्सपार, अभ्रक, अलवाइट, बायोटाइट, हाॅर्न ब्लैण्ड तथा मास्कोवाइट खनिज पाए जाते है। यह चट्टान भवन निर्माण में प्रयुक्त की जाती है।
  • बारीक कणों से बनी आग्नेय चट्टानों को बेसाल्ट कहते है। इनका जमाव धरातल के ऊपर ज्वालामुखी के विस्फोट के समय हुआ था। बैसाल्ट चट्टानों में 45% से 65% तक सिलिका की मात्रा होती है। इनमें लौह धातु सर्वाधिक मात्रा में मिलती है।
  • पैगमाटाइट भी आग्नेय चट्टान का एक रूप है। बिहार के हजारीबाग जिले में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों से प्राप्त होता है।
  • डायोराइट आग्नेय चट्टान है जो ग्रेनाइट से मिलता-जुलता है। इसमें क्वार्ट्ज का अभाव रहता है।
  • वायु द्वारा लाए अवसादों के जमने से बनी चट्टानों को वायुढ़ अवसादी शैल (Aeolian Rock) कहते है।
  • जल द्वारा लाए अवसादों के जमने से बनी चट्टान को जल निर्मित अवसादी चट्टान (Acquious Rock) कहते है।
  • नदी द्वारा बहाकर लाई अवसादों के जमने से बनी चट्टान को नदीड्डकृत चट्टान (Riverine Rock) कहते है।
  • समुद्री लहरों द्वारा निर्मित चट्टानों को सामुद्रिक शैल (Marine Rock) कहते है।


स्मरणीय तथ्य

  • जैतून (Olive) भूमध्यसागरीय जलवायु की फसल है और विश्व के 90% जैतून की प्राप्ति इन्हीं क्षेत्रों से होती है। इसका कारण यहाँ की शुष्क गर्मी को इसके द्वारा सहन कर लेना है।
  • अंगूरों को सुखाकर मुनक्का तथा किशमिश तैयार की जाती है। तुर्की की सुलताना किशमिश विश्व प्रसिद्ध है।
  • ह्यूमस मृदा में विनष्ट होकर मिला हुआ वानस्पतिक एवं जैविक पदार्थों का मिश्रण है।
  • 600 अक्षांशों के समीप पृथ्वी की परिधि उसकी विषुवतीय परिधि की आधी हो जाती है।
  • रेण्डियर, नैटलिंग, विन्नीपेगोलिस, मेनीटोबा, डबावण्ट तथा निपिगन कनाडा की मीठे पानी की झीले है।
  • नलकूप (Tubewell) द्वारा सिंचाई की विधि का सबसे पहले प्रयोग चीन में किया गया था।
  • सं. रा. अमेरिका के न्यू मैक्सिको में स्थित कार्ल्सवाद कन्दरा विश्व की सबसे बड़ी कन्दरा है।
  • विश्व में सर्वाधिक केले (Banana) का उत्पादन इक्वेडर में किया जाता है। यहाँ की टोकिला घास से पनामा हैट भी बनाये जाते है। 
  • अपर वोल्टा देश का नया नाम बर्किना फासो रखा गया है। 
  • अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भारत का सबसे बड़ा संघ शासित क्षेत्र है। इसका क्षेत्रफल 8,249 वर्ग कि. मी. है।
  • चण्डीगढ़, पंजाब तथा हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है। इसकी गणना देश की सर्वाधिक नियोजित नगरों में की जाती है। 
  • मध्य प्रदेश का पीथमपुर ‘भारत का डेट्रायट’ कहलाता है क्योंकि यहाँ कार निर्माण उद्योग की प्रधानता है। 
  • बिहार राज्य में भारत की सर्वाधिक लाख (Lac) का उत्पादन किया जाता है। 
  • फिल्म उद्योग के अधिक विकसित होने के कारण बम्बई को ‘भारत का हालीवुड’ कहा जाता है।
  • पानीपत नगर (हरियाणा) ‘भारत का बुनकरों का शहर’ कहलाता है। 
  • विश्व जनसंख्या वितरण को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला तथ्य जलवायविक भिन्नता है। 
  • जावा द्वीप (इण्डोनेशिया) में अधिक जनसंख्या घनत्व का कारण वहाँ मिलने वाली उपजाऊ काली मिट्टी है। 
  • पवन द्वारा बहाकर लायी गयी मिट्टी लोयस का सर्वाधिक जमाव उत्तरी चीन में पाया जाता है।
  • पेण्टोग्राफ नामक यन्त्र का प्रयोग मानचित्रों के लघुकरण एवं विवर्धन के लिए किया जाता है। 
  • एनीमोमीटर यन्त्र से हवा की गति का मापन किया जाता है। 
  • भूमध्यसागरीय जलवायु की सबसे प्रमुख विशेषता जाड़े में होनेवाली वर्षा है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु प्रायः शुष्क रहती है। 
  • सन् 1958 में ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (ए. आई. आर) का नाम बदलकर ‘आकाशवाणी’ कर दिया गया।
  • देश की सबसे ऊँची टेलीविजन टावर नई दिल्ली में पीतमपुरा में स्थित है। इसकी ऊँचाई 235 मी. है तथा इसका निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम द्वारा किया गया है। 
  • विश्व का सबसे चैड़ा जलप्रपात लाओस का खोन जलप्रपात है। इसकी चैड़ाई 10.8 कि. मी. है। 
  • लेनिनग्राड नगर लादुगा झील के किनारे बसा है। 
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FAQs on ज्वालामुखी (भाग - 1) - भारतीय भूगोल - भूगोल (Geography) for UPSC CSE in Hindi

1. ज्वालामुखी क्या है?
उत्तर. ज्वालामुखी एक प्रकार का पृथ्वी का स्फोटक है जो गहनता से खनिजों और लाव को बाहर उगलता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो भूमिगत शक्तियों के कारण होती है।
2. ज्वालामुखी किस तरह से बनती है?
उत्तर. ज्वालामुखी बनने के लिए चार मुख्य तत्वों की आवश्यकता होती है - ऊष्मा, जल, वायु और यातायाती चक्र। सबसे पहले, ऊष्मा भूमि में बहुत गहराई तक पहुंचती है और यहां खनिजों को पिघलाती है। जल और वायु जैसे दबाव युक्त संघटनों द्वारा इस ऊष्मा को बढ़ाते हैं और यातायाती चक्र इस ऊष्मा को बाहर उगलते हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, ज्वालामुखी बन जाती है।
3. भू-पर्पटी क्या है?
उत्तर. भू-पर्पटी या भूमिगत खाड़ी, धरती की ऊपरी सतह को घेरे हुए बांध होती है। यह स्थलीय गतिशीलता और भूस्खलन के कारण उत्पन्न होती है और इसमें ज्वालामुखी के खनिजों का उगलना भी हो सकता है।
4. ज्वालामुखी के खनिजज्वालामुखी क्या हैं?
उत्तर. ज्वालामुखी के खनिजज्वालामुखी वे खनिज होते हैं जो ज्वालामुखी के द्वारा बाहर उगले जाते हैं। इनमें लाव, पाथर, खनिज रेखा और अन्य खनिज सम्मिलित हो सकते हैं। ये खनिज मानव द्वारा उपयोग होते हैं, जैसे कि लाव से निर्मित उपयोगी पत्थर।
5. ज्वालामुखी से संबंधित पर्यावरणीय प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर. ज्वालामुखी से संबंधित पर्यावरणीय प्रभाव विभिन्न हो सकते हैं। यह जलवायु परिवर्तन, वायुमंडलीय प्रदूषण, और जलाशयों की प्रभावितता में बदलाव का कारण बन सकता है। इसके अलावा, ज्वालामुखी स्रोतियों के निकट बसे लोगों के लिए सुरक्षा की चिंता भी पैदा हो सकती है।
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