Table of contents |
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हालिया विकास |
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समिट ऑफ द फ्यूचर |
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क्वाड समिट के प्रमुख परिणाम |
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भारत-अमेरिका द्विपक्षीय समिट के प्रमुख परिणाम |
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भारत-अमेरिका संबंधों में चुनौतियाँ और क्वाड |
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आगे का रास्ता |
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भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिका का दौरा किया ताकि वे 6वें क्वाड लीडर्स' समिट 2024 में भाग ले सकें, जो कि विलमिंगटन में आयोजित हुआ। यह ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस यात्रा में भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी शामिल थी और संयुक्त राष्ट्र के समिट ऑफ द फ्यूचर में भागीदारी की।
अवलोकन: यह उच्च-स्तरीय वैश्विक बैठक एक बेहतर भविष्य के लिए एक नया अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने का उद्देश्य रखती है।
फ्यूचर के लिए संधि: सितंबर 2024 में हस्ताक्षरित, यह संधि वैश्विक शासन को पुनः आकार देने का लक्ष्य रखती है, जिसका ध्यान शांति, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, और मानवाधिकारों पर है। इसके मुख्य तत्वों में एक ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और भविष्य की पीढ़ियों पर एक घोषणा शामिल है।
मुख्य लक्ष्य:
यह संधि समावेशिता, लिंग समानता, और वैश्विक शासन में युवा भागीदारी पर जोर देती है।
भारत का ध्यान: भारत ने संस्थागत सुधार के माध्यम से वैश्विक शांति की आवश्यकता पर जोर दिया, आतंकवाद, और यूक्रेन और इज़राइल-हामास जैसे संघर्षों का समाधान किया। भारत ने डिजिटल शासन को भी बढ़ावा दिया और वैश्विक उपयोग के लिए अपनी डिजिटल अवसंरचना की पेशकश की।
क्वाड कैंसर मूनशॉट: यह एक प्रमुख पहल है जो इंडो-पैसिफिक में सर्वाइकल कैंसर को लक्षित करती है। भारत ने WHO के ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन डिजिटल हेल्थ के लिए $10 मिलियन का वादा किया और भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने 40 मिलियन HPV वैक्सीन डोज देने की पेशकश की।
समुद्री सुरक्षा: घोषणाओं में क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन शामिल है, जिसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा में सुधार करना है, और MAITRI पहल है, जो इंडो-पैसिफिक में समुद्री डोमेन जागरूकता और कानून प्रवर्तन को बढ़ावा देती है। भारत 2025 में पहला MAITRI कार्यशाला आयोजित करेगा।
लॉजिस्टिक्स और अवसंरचना: इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क आपदा प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए साझा एयरलिफ्ट क्षमता को लक्षित करता है। द फ्यूचर के पोर्ट्स पार्टनरशिप का उद्देश्य क्षेत्र में मजबूत पोर्ट अवसंरचना विकसित करना है।
उभरती प्रौद्योगिकियाँ: समिट ने बायोटेक्नोलॉजी और क्वांटम कंप्यूटिंग में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, जो सदस्य देशों के बीच नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देता है।
भविष्य की भागीदारी: आगामी बैठकों में 2025 में अमेरिका में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक और भारत में अगली क्वाड लीडर्स' समिट शामिल है, जिसमें 2025 में मुंबई में एक क्षेत्रीय बंदरगाह और परिवहन सम्मेलन निर्धारित है।
सैन्य सहयोग: भारत ने 31 MQ-9B ड्रोन के अधिग्रहण में प्रगति की, जिसका उद्देश्य खुफिया और निगरानी को बढ़ाना है। रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप पर चर्चा की गई, जो रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-उत्पादन के लिए है।
लियाज़न अधिकारी: पहला भारतीय लियाज़न अधिकारी अमेरिका के विशेष संचालन कमान में तैनात होगा, जिससे संयुक्त सैन्य संचालन में सुधार होगा।
साइबर सुरक्षा: नवंबर 2024 में द्विपक्षीय साइबर सहयोग से साइबर सुरक्षा सहयोग को मजबूत किया जाएगा।
आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन: एक नया समझौता रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार का लक्ष्य रखता है, जिससे सुरक्षा चुनौतियों का शीघ्र उत्तर दिया जा सके।
आर्थिक सुधार: भारत ने विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सेवाओं पर एक समान 5% वस्तु एवं सेवा कर पेश किया, जिससे MRO क्षेत्र को बढ़ावा मिला।
भारत-अमेरिका चुनौतियाँ:
क्वाड चुनौतियाँ:
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