Table of contents |
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परिचय |
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मुख्य विकास |
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मुख्य मुख्य बातें |
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मुख्य अंतर्दृष्टि |
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चुनौतियाँ और अवसर |
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निष्कर्ष |
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भारत में साइबर अपराध के कारण वित्तीय नुकसान 2024 में 206% बढ़कर ₹22,845 करोड़ हो गए, जो कि ₹7,465 करोड़ से बढ़ा है। इस विषय पर चर्चा Senset TV के कार्यक्रम "Perspective" में अधिवक्ता Kushbu Jen, श्री Anu Agarwal (अध्यक्ष, साइबर अपराध और साइबर कानून पर अनुसंधान केंद्र) और डॉ. Uttar Chakrabarti (CTO, Indi AI) के साथ की गई। कार्यक्रम में इस वृद्धि के पीछे के कारणों की जांच की गई, जिसमें AI-प्रेरित धोखाधड़ी, डिजिटल प्रवेश और कानूनी अंतर शामिल हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा उठाए गए कदमों जैसे कि Pratibim मॉड्यूल और 5,000 साइबर कमांडो की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सार्वजनिक जागरूकता, नियामक सुधार, और उन्नत तकनीक की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत में साइबर अपराध के नुकसान में 206% की वृद्धि, जो 2024 में ₹22,845 करोड़ तक पहुँच गई है, तेजी से डिजिटलाइजेशन और AI-प्रेरित धोखाधड़ी की चुनौतियों को दर्शाती है। सरकार की कार्रवाइयाँ जैसे SIM ब्लॉक करना और प्रतीबिम मॉड्यूल, साथ ही 5,000 साइबर कमांडो की योजनाएँ, सक्रिय इरादे को दिखाती हैं। कानूनी ढांचे को मजबूत करना, सोशल मीडिया को विनियमित करना, और सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ाना, भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो 2047 तक सुरक्षित, तकनीक-प्रेरित भविष्य के लिए विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ मेल खाते हैं।