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माइंडमैप: कॉर्पोरेट गवर्नेंस | यूपीएससी मेन्स: नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता - UPSC

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FAQs on माइंडमैप: कॉर्पोरेट गवर्नेंस - यूपीएससी मेन्स: नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता - UPSC

1. कॉर्पोरेट गवर्नेंस क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans. कॉर्पोरेट गवर्नेंस से तात्पर्य है उन नियमों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं से जो एक कंपनी को नियंत्रित और प्रबंधित करती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी के संचालन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और निष्पक्षता हो। यह निवेशकों का विश्वास बढ़ाने, कंपनी की स्थिरता को बनाए रखने और दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
2. कॉर्पोरेट गवर्नेंस के प्रमुख सिद्धांत क्या हैं?
Ans. कॉर्पोरेट गवर्नेंस के प्रमुख सिद्धांतों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, जवाबदेही, निष्पक्षता और स्वतंत्रता शामिल हैं। ये सिद्धांत कंपनियों को उनके कार्यों में नैतिकता और जिम्मेदारी बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे शेयरधारकों और अन्य हितधारकों के लिए विश्वास बढ़ता है।
3. भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से संबंधित मुख्य कानून कौन से हैं?
Ans. भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से संबंधित प्रमुख कानूनों में कंपनियों का अधिनियम 2013, सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के नियम और विभिन्न विनियामक दिशानिर्देश शामिल हैं। ये कानून कंपनियों को अच्छे गवर्नेंस के मानदंडों का पालन करने के लिए बाध्य करते हैं।
4. कॉर्पोरेट गवर्नेंस में बोर्ड की भूमिका क्या होती है?
Ans. कॉर्पोरेट गवर्नेंस में बोर्ड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। बोर्ड नीतियों का निर्धारण करता है, कंपनी के लक्ष्यों की निगरानी करता है, और प्रबंधन की गतिविधियों की निगरानी करता है। यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी के संचालन में नैतिकता और कानून का पालन किया जा रहा है।
5. कॉर्पोरेट गवर्नेंस में सुधार के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
Ans. कॉर्पोरेट गवर्नेंस में सुधार के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि बोर्ड की संरचना में सुधार, स्वतंत्र निदेशकों की संख्या बढ़ाना, नियमित ऑडिट करना, और कंपनी की जानकारी को सार्वजनिक करना। इसके अलावा, कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी मददगार हो सकते हैं।
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