UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi  >  विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2

विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi PDF Download

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)

सीआरपीएफ की कुछ विशिष्ट संरचनाएं निम्नलिखित है-

  1. रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ)- सीआरपीएफ की आरएएफ की विंग में 10 बटालियन है। सांप्रदायिक दंगों एवं घरेलू अशांति से निपटने के लिए अक्टूबर, 1992 में इसका गठन किया गया। त्वरित कार्यवाही करने के लिए बेहतर गतिशीलता एवं बहु-जातीय संरचना के साथ यह एक विशेषबल है।
  2. कठोर कार्यवाही के लिए कमांडों (कोबरा) बटालियनः सीआरपीएफ में 10 विशिष्ट कोबरा बटालियने हैं। इनको कमांडो ऑपरेशन एवं गोरिल्ला/छद्म युद्ध के लिए प्रशिक्षित एवं सुसज्जित किया गया है। ये आसूचना पर आधारित त्वरित कार्यवाही करने में भी सक्षम होते हैं। इसका गठन मुख्यतःनक्सल प्रभावित क्षेत्रों हेतु किया गया है।
  3. स्पेशल ड्यूटी ग्रुप (एसडीजी)- सीआरपीएफ की एक विशिष्ट यूनिट है, जिसका कार्य एसपीजी संरक्षित जगहों पर सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करना है। इस ग्रुप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विभिन्न यूनिटों के कार्मिकों को शामिल किया गया है। इसके सदस्यों को परमाणु एवं जैव रासायनिक हमलों का मुकाबला करने, बचाव कार्य तथा व्यवहार प्रबंधन में भी प्रशिक्षित किया जाता है। पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) सीआरपीएफ की एक विशिष्ट यूनिट है, जिसका कार्य संसद भवन को सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करना है। सन् 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद इसकी रचना की गई। इस ग्रुप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विभिन्न यूनिटों के 1540 कार्मिक शामिल है। इसके सदस्यों को परमाणु एवं जैव रासायनिक हमलों का मुकाबला करने, बचाव कार्य तथा व्यवहार प्रबंधन में भी प्रशिक्षित किया जाता है।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आई.टी.बी.पी.)

  • भारत-तिब्बत सीमा पुलिस 1962 में भारत-चीन संघर्ष के परिणामस्वरूप 4 सेवा बटालियनों के साथ गठित की गई थी। इस समय इसमें 49 बटालियनों हैं, इसे भारत-चीन सीमा के उत्तर-पश्चिम छोर से 3,488 कि.मी. दुर्गम पर्वतीय भाग में काराकोरम दर्रे से जेचाप ला तक तैनात किया गया हैं इस बल को 9000 फीट से 18,750 फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया है।
  • भारत-चीन सीमा पर मौजूद घाटियों को कवर करने तथा बल की निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने बल के पुनर्गठन का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है।
  • भारत तिब्बत सीमा पुलिस, हिमाचल क्षेत्र में किसी भी आपदा के मामले में पहला प्रतिक्रिया बल है और यह बल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में क्षेत्रीय कार्रवाई केन्द्र स्थापित करनेवाला भी पहला पुलिस बल रहा। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टुकड़ियों ने अपने दायित्व से जुड़ें क्षेत्रों देशों के अन्य भागों में उत्पन्न सभी आपदाग्रस्त स्थितियों में कई बचाव एवं राहत अभियान चलाए हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने हरियाणा में खोजबीन, बचाव एवं आपदा से निपटने की कार्रवाई के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय प्रशिक्षण केन्द्र भी स्थापित किया है, जो भारत तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों/राज्यों पुलिस बलों के कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड

  • राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा पैदा किए जाने वाले गम्भीर खतरोंको निष्प्रभावी बनाने की दृष्टि से आतंकवादी गतिविधियों से निपटने हेतु फेडरल कन्टीन्जेंसी डिप्लॉयमेंट फोर्स के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.) का गठन 1984 में किया गया था। इस संगठन की स्थापना के लिए संसद में अगस्त, 1986 में एक विधेयक पेश किया गया था और भारत के राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त होने के बाद भारत संघ के सशस्त्र बल के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड का औपचारिक रूप से गठन किया गया।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शत-प्रतिशत प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त कार्मिकों वाला बल है और इसके सभी कार्मिकों सेना, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राज्य पुलिस एवं अन्य संगठनों से प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किए जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो को अत्यनत जोखिम वाले कार्य, जैसे विमान अपहरण-रोधी एवं आतंकवाद-रोधी अभियान में प्रशिक्षित किया जाता है। उन्हें अत्यधिक खतरे वाले अति विशिष्ट व्यक्तियों को गृती सुरक्षा प्रदान करने का कार्य भी सौंपा जाता है।
  • इस बल का बुनियादी कार्य विशिष्ट स्थितियों में आतंकवादी खतरों से निपटना एवं उनको, निष्प्रभावी करना तथा विमान अपहरण एवं बंधक बनाए गए व्यक्तियों को छडाने संबंधी अभियान चलाना है। शुरूआत से ही एनएसजी ने कई अभियान चलाए हैं, जिन्हें अक्षरधाम मन्दिर, गांधी नगर (गुजरात) एवं 2008 तक आतंकवादी हमले के दौरान मुम्बई में स्थित होटल ताज, होटल ओबराय ट्रिडेंट और नरीमन हाउस में चलाए गए अभियान शामिल हैं। अपने संक्रियात्मक कार्यों के अतिरिक्त, यह बल विशेष कमांडो, कार्रवाई, बम निष्क्रय (बी.डी.) करने संबंधी तकनीक एवं सशस्त्र बलों, सी.ए.पी.एफ./राज्य पुलिस एवं मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देशों के सुरक्षा बल कार्मिकों को वी.आई.पी. सुरक्षा करने के कार्य का प्रशिक्षण प्रदान करता है। दिल्ली में एन.एस.जी. को किसी भी राष्ट्रीय आकस्मिक घटना से निपटने के लिए नियम स्थानों पर सतर्क रखा जाता है। इन कमांडो को गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस समारोहों जैसे राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर और राजयों/सरकारों के प्रमुख एवं विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरे के समय भी विशेष सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए भी तैनात किया जाता है।मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई एवं कोलकाता में चार नए केंद्रों की स्थापना की गई है।

एन.एस.जी. के अधीन राष्ट्रीय बम आंकड़ा केन्द्र (एन.बी.डी.सी.)

एन.एस.जी. का मानसेर, गुड़गांव में राष्ट्रीय बम आंकड़ा केन्द्र (एन.बी.डी.सी.) है, जो विश्व में ऐसे छह केन्द्रों में से एक है। यह केन्द्र अधिकांशतः राज्य प्राधिकरणों के अनुरोध पर देश के विभिन्न भागों में विस्फोट के बाद की स्थिति का अध्ययन करता है। यह देश में सुरक्षा के प्रयोग के लिए विस्फोटकों और विस्फोटों की घटनाओं का एक डाटा बैंक भी रखता है। यह केन्द्र विश्व के अन्य बम आंकड़ों केन्द्रों के साथ नियमित रूप से सम्पर्क बनाए रखता है।

सशस्त्र सीमा बल (SSB)

वर्ष 1962 में भारत-चीन संघर्ष के पश्चात् विशेष सेवा ब्यूरो (एस.एस.बी.) का गठन 1963 के प्रारम्भ में सीमापार से विधवंस, घुसपैठ और तोड़-फोड़ के खतरे के प्रति सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों का मनोबल बढ़ाने और उनमें क्षमता का निर्माण करने के लिए किया गया था। गृह मंत्रालय के अधीन यह बल वर्ष 2001 में सीमा चौकसी बल बन गया

और इसके चार्टर में संशोधन करके इसका नाम 'सशस्त्र सीमा बल' रखा गया। इसे भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान

सीमा पर चौकसी की जिम्मेदारी दी गई है।

केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का आधुनिकीकरण

  1. आतंकवाद एवं उग्रवाद की बढ़ गई गतिविधियों संबंधी चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से सरकार ने बल की क्षमता बढ़ाने (मल्टीप्लायर्स) के हथियार, मशीनरी, परिवहन, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की क्षमता में, पहली आधुनिकीकरण योजना को शुरू करने के बाद से बहुत वृद्धि हुई है। देश में वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य बदल गया है और चुनौतियों का सामना करने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को उन्नत करने के लिए ऐसा महसूस किया गया कि अगली आधुनिकीकरण योजना 'आधुनिकीकरण योजना-II शुरू की जाए इसकी अवधिा 2012-2013 2016-17 है।'
  2. ऐसा प्रयास किया गया है कि जवान आधुनिकीकरण के केन्द्र बिन्दु के रूप में रहें। सामान्य विशेष, जो कि दोहराए जा रहे हैं, निम्नलिखित हैं:
    • सुरक्षात्मक उपकरण समाधन
    • सर्विलांस सॉल्यूशंस
    • नाइट फाइटिंग डोमिनेंस
    • बेहतर फायर पॉवर
    • गैर-घातक दंगा नियंत्रक उपकरण
    • फुलप्रूफ संचार
    • रणभूमि प्रबंधन प्रणाली प्रशिक्षण सहायता(विविध उपकरण
  3. प्रस्तावित आधुनिकीकरण योजना का आयोजना-भिन्न व्यय संबंधी समिति (सी.एन.ई.) द्वारा अनुमोदित कर दिया गया हैऔर इस पर मंत्रिमंडल के अनुमोदन की प्रतीक्षा है।

शारीरिक दक्षता जाँच का संकलन एवं अस्त्र-शस्त्र नीति का प्रतिपादन


  • प्रौद्योगिकीय, विकास, संक्रियात्मक जरूरत एवं वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए सी.ए.पी.एफ. के लिए मौजूद शारीरिक दक्षता जाँच (शांति काल उपस्कर तालिका) को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बी.पी.आर.डी.) के परामर्श से संकलित किया जा रहा है। इसी प्रकार बलों की लड़ने की क्षमता सुदृढ़ करने के लिए सी.ए.पी.एफ. द्वारा बी. पी.आर.डी. के परामर्श से अस्त्र-शस्त्र नीति संशोधित/प्रतिपादित की जा रही है।

कल्याण और पुनर्वास बोर्ड (डब्ल्यू.ए.आर.बी.)

  • सी.ए.पी.एफ. के कार्मिक आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने में मूल्यवान सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कभी-कभी किसी आतंकवाद-रोधी नक्सली संघर्ष अथवा किसी अन्य आंतरिक सुरक्षा संबंधी कार्रवाई में भाग लेने पर उनका कोई अंग-भंग हो जाता है या वे अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान कर देते हैं। इन वास्तविकताओं पर विचार करते हुए सी.ए.पी.एफ. ने सरकार की योजनाओं के अतिरिक्त अपनी ही अंशदायी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है। इन योजनाओं के अंतर्गत कल्याण निधि, राहत निधि, बीमा निधि और शिक्षा निधि सृजित की गई हैं। इन सबके अलावा, सरकार, केन्द्रीय सशस्त्र बलों के कार्मिकों के कल्याण के लिए प्रत्येक वर्ष पर्याप्त राशि और उनके नजदीकी संबंधी (एनओके) के लिए अनुग्रह राहत और परिवार पेंशन मंजूर करती है।

सी.ए.पी.एफ. में महिलाएं

  • महिला अधिकारियों को पुलिस व्यवस्था की मुख्यधारा में लाने के लिए महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बरतने, लड़ाई का प्रशिक्षण जैसे विषयों को शामिल करके, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का पुनर्विन्यास करने, नई स्थिति के अनुसार पाठ्यचर्या तैयार करने, अधिकाधिक महिलाओं को संक्रियात्मक ड्यूटी सौंपने जेसे अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। महिलाओं के प्रति अपराध को नियंत्रित करने के लिए सोच-समझकर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिला अधिकारियों के प्रतिनिधित्व में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।

केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती

  • राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्रों के अनुरोध पर लोक व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को उपलब्ध कराया जाता है। इन बलों की तैनाती, समग्र सुरक्षा स्थिति और बलों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। ये बल, देश में आन्तरिक सुरक्षा की स्थिति के समग्र प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। इन बलों ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा और उप-चुनावों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव आयोजित कराने में भी सहायता की है। उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने में जम्मू एवं कश्मीर राज्य, उत्तर-पूर्व के राज्यों और नक्सल प्रभावित राज्यों को सहायता देना जारी रखा। जन आंदोलन और हिंसक प्रदर्शनों के दौरान और इसके साथ ही राज्य में श्री अमरनाथ जी यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था के लिए जम्मू एवं कश्मीर सरकार को सी.ए.पी.एफ. के अतिरिक्त कार्मिक भी प्रदान किए गए।
    गृह मंत्रालय ने पुलिस बलों को और अधिक प्रभावी ढंग से ड्यूटी का निर्वहन करने में सक्षम बनाने के दृष्टिकोण से उनकी प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु "ट्रेनिंग इंटरवेंशन" नामक एक योजना अनुमोदित की है। इस योजना के अंतर्गत चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में 'साइबर अपराध मामलों की जाँच-पड़ताल', 'अन्वेषकों के अवैध मानव व्यापार-रोधी पाठ्यक्रम', 'फॉरेंसिक विज्ञान संबंधी उन्नत प्रौद्योगिकी', 'अपराध अन्वेषण दृश्य', 'सड़क दुर्घटना के मामलों की जाँच-पड़ताल', 'हत्या/मानवहत्या के मामलों की जाँच-पड़ताल', 'हथियार एवं युक्तियों के बारे में पाठ्यक्रम', 'अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा के बारे में पाठ्यक्रम' 'पूछताछ की तकनीकों एवं आर्थिक अपराध के मामलों की जाँच-पड़ताल से संबंधित पाठ्यक्रम शामिल हैं।'
The document विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi is a part of the UPSC Course आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi.
All you need of UPSC at this link: UPSC
Related Searches

ppt

,

Extra Questions

,

विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi

,

MCQs

,

Viva Questions

,

video lectures

,

pdf

,

Important questions

,

Semester Notes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Objective type Questions

,

mock tests for examination

,

past year papers

,

practice quizzes

,

Exam

,

study material

,

विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi

,

Summary

,

विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 2 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi

,

Sample Paper

,

shortcuts and tricks

,

Free

;