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Balgobin Bhagat पाठ के आधार पर सीध किजिये कि सन्यास का आधार वेशभूषा नहीं जीवन के मानवीय सरोकार होते हैं?
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Balgobin Bhagat पाठ के आधार पर सीध किजिये कि सन्यास का आधार वेशभूषा नह...
बालगोबिन भगत के व्यक्तित्व:
बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे लेकिन उनमें साधु-संन्यासिओं के गुण भी थे | उनका अचार-व्यवहार इतना पवित्र और आदर्शपूर्ण था कि वे गृहस्थ होते हुए भी वास्तव में संन्यासी थे| वे अपने किसी काम के लिए दूसरों को कष्ट नहीं देना चाहते थे | बिना अनुमति के किसी की वस्तु को हाथ नहीं लगाते थे | यहाँ तक कि वे दूसरे के खेत मैं शौच तक न करते| कबीर के आदर्शों को पालन करना उनका धर्म था | वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और खरा व्यवहार रखते | खेत में जो कुछ पैदा होता उसे एक कबीरपंथी मठ में ले जाते और उसमें से जो हिस्सा 'प्रसाद' रूप में वापस मिलता, वे उसी से गुज़ारा करते | वे तो अलौकिक संगीत के ऐसे गायक थे कि कबीर के पद उनके कंठ से निकलकर सजीव हो उठते थे | आत्मा परमात्मा पर उनका इतना अटल विश्वास था कि अपने एकमात्र पुत्र की मृत्यु हो जाने पर भी उन्हों ने अपने पुत्रवधू से कहा कि यह रोने का नहीं, बल्कि उत्सव मनाने का समय है| भगतजी का वैराग्य तथा निःस्वार्थ व्यक्तित्व का परिचय इस बात से भी मिलता है जब वे अपने बेटे के श्राद्ध की अवधी पूरी होते ही अपने पुत्रवधू को उसकी पिता के घर भेज दिया तथा उसका दूसरा विवाह कर देने का आदेश दिया |              
बालगोबिन भगत की वेशभूषा :
बालगोबिन भगत मँझोले क़द के गोरे-चिट्टे आदमी थे| उम्र साथ से ऊपर होने के कारण उनके बाल पककर सफ़ेद हो गए थे, जिनसे उनका चेहरा जगमगाता था | वे कमर में मात्र एक लंगोटी और सर पर कबीरपंथियों जैसे कनफटी टोपी पहनते थे | जादा आने पर एक काली कमली ओढ़ लेते थे | मस्तक पर रामानंदी चन्दन लगाते और गले में तुलसी माला रहती थी |
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Importance of Humanitarian Duties in Sanyas


  • True Essence of Sanyas: Sanyas is not merely about wearing traditional attire or renouncing worldly possessions. It is about dedicating oneself to serving humanity selflessly.


  • Spiritual Growth: Engaging in humanitarian activities helps sanyasis to develop compassion, empathy, and selflessness, which are essential for spiritual growth.


  • Karma Yoga: Serving others without any expectation of rewards or recognition is considered a form of karma yoga, which is integral to the path of sanyas.



Impact on Society


  • Role Models: Sanyasis who actively engage in humanitarian work inspire others to contribute to society and make a positive impact.


  • Addressing Social Issues: By participating in community service and charitable activities, sanyasis can address pressing social issues and contribute to the betterment of society.


  • Creating Awareness: Sanyasis have a platform to raise awareness about important causes and mobilize resources for those in need.



Personal Growth and Fulfillment


  • Sense of Purpose: By fulfilling their humanitarian duties, sanyasis experience a sense of purpose and fulfillment that goes beyond personal gratification.


  • Inner Peace: Engaging in selfless service brings inner peace and contentment, which are essential for spiritual well-being.


  • Building Relationships: Through humanitarian work, sanyasis build meaningful relationships with diverse individuals and communities, fostering a sense of unity and interconnectedness.



By prioritizing humanitarian duties over external appearances, sanyasis can embody the true essence of sanyas and make a meaningful impact on society while fostering personal growth and fulfillment.
Community Answer
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Nice answer, Letstute...
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Balgobin Bhagat पाठ के आधार पर सीध किजिये कि सन्यास का आधार वेशभूषा नहीं जीवन के मानवीय सरोकार होते हैं?
Question Description
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