सदाचारं किन्तु किम् रक्षितव्यम्?a)धनेनb)ज्ञानेनc)प्राणेभ्यः अपि विशेषत...
श्लोक में 'प्राणेभ्योऽपि विशेषतः' सदाचारं रक्षितव्यम् कहा गया है।
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सदाचारं किन्तु किम् रक्षितव्यम्?a)धनेनb)ज्ञानेनc)प्राणेभ्यः अपि विशेषत...
सदाचारं किन्तु किम् रक्षितव्यम्?
यह प्रश्न सदाचार, अर्थात् नैतिकता और अच्छे आचरण, के संरक्षण के महत्व पर केंद्रित है। विकल्पों में से सही उत्तर 'C' (प्राणेभ्यः अपि विशेषतः) है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
सदाचार का महत्व
- सदाचार का अर्थ है जीवन में नैतिकता और अच्छे आचरण का पालन करना।
- यह समाज में शांति, सद्भाव और समृद्धि को बनाए रखने में मदद करता है।
प्राणों से अधिक महत्वपूर्ण
- विकल्प 'C' कहता है कि सदाचार का संरक्षण प्राणों से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
- इसका अर्थ है कि नैतिकता और सदाचार का पालन करना जीवन के संरक्षण से भी महत्वपूर्ण है।
सदाचार की सुरक्षा के लाभ
- समाज का विकास: जब लोग सदाचार का पालन करते हैं, तो समाज में सद्भाव और एकता बढ़ती है।
- व्यक्तिगत सम्मान: सदाचार से व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है और समाज में उसका सम्मान होता है।
- संवेदनशीलता: नैतिकता से व्यक्ति दूसरों के प्रति संवेदनशील और सहानुभूति रखता है।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण
- विकल्प 'A' (धनेन): धन का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सदाचार से अधिक मूल्यवान नहीं है।
- विकल्प 'B' (ज्ञानेन): ज्ञान का भी महत्व है, लेकिन यह अकेले नैतिकता के बिना पर्याप्त नहीं है।
- विकल्प 'D' (सत्येन): सत्य का पालन महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी सदाचार का एक हिस्सा है।
सारांश
इस प्रकार, सदाचार का संरक्षण प्राणों से भी अधिक महत्वपूर्ण है। यह न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के समग्र कल्याण के लिए भी अनिवार्य है।