Pad parichay samjha sakt hai koi?
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पद परिचय............
पद परिचय ( Pad Parichay ) – वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद परिचय- पद व्याख्या या पदान्वय कहते है। पद परिचय में उस शब्द के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि के परिचय के साथ, वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदो के साथ उसके सम्बन्ध का भी उल्लेख किया जाता है।
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सबसे पहले आपको संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया ,क्रिया-विशेषण , अवधारक (निपात) , संबंधबोधक , समुच्चयबोधक , विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
अगर रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति,वस्तु,प्राणी,पक्षी,भाव,जाति आदि के बारे में बताता है तो वह शब्द संज्ञा है।
अगर रेखांकित शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा,मै ,तुम ,आपका,उस,वह आदि शब्द है तो वह शब्द सर्वनाम है।
अगर रेखांकित शब्द किसी वस्तु ,स्थान ,पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है मतलब वह कैसा है-लंबा है ,सुंदर है , डरावना है आदि तो वह शब्द विशेषण है।
अगर रेखांकित शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि – क्रिया कब हो रही है (कल , अभी ,दिनभर ) ,क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप,अवश्य,तेजी से ) , क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर,ऊपर,आसपास ) , क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम ,पर्याप्त ,ज्यादा )
अगर रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे :- के पास , के ऊपर , से दूर , के कारण , के लिए , की ओर
अगर रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है।
जैसे – और , अतएव , इसलिए , लेकिन
अगर रेखांकित शब्द किसी विस्मय , हर्ष , घृणा , दुःख , पीड़ा आदि भावो को प्रकट करते है तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे ! , वाह ! , अच्छा ! आदि।
अगर रेखांकित शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है तो वह निपात है। जैसे :- भी , तो , तक , केवल , ही
रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये।
१) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
२) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
३) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’
४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘
५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
उदाहरण
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै”
निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध
है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन
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Pad parichay samjha sakt hai koi?
Pad Parichay: An Introduction to Hindi Alphabets
What is Pad Parichay?
Pad Parichay is the Hindi term for an introduction to the Hindi alphabets. It is the first step towards learning Hindi and is essential for anyone who wants to read, write, or speak in Hindi.
Why is Pad Parichay important?
Learning the Hindi alphabets through Pad Parichay is crucial because it helps in developing a strong foundation in the language. It enables learners to recognize and differentiate between different letters, words, and sounds, which are essential for understanding Hindi vocabulary and grammar. Additionally, it makes it easier for learners to read and write in Hindi.
What are the components of Pad Parichay?
Pad Parichay consists of the following components:
1. Vowels (स्वर) - There are 13 vowels in Hindi, including 3 short vowels (अ, इ, उ) and 10 long vowels (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, ऋ).
2. Consonants (व्यंजन) - There are 33 consonants in Hindi, including 25 basic consonants (क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म) and 8 compound consonants (य, र, ल, व, श, ष, स, ह).
3. Matras (मात्रा) - Matras are the diacritical marks that are used to modify the vowels in Hindi. There are 11 matras in Hindi, including 3 short matras (इ, उ, अ) and 8 long matras (ा, ि, ी, ु, ू, े, ै, ो, ौ).
How to learn Pad Parichay?
Learning Pad Parichay requires consistent practice and dedication. Here are some tips to help you learn Hindi alphabets effectively:
1. Start with the basics - Begin by learning the vowels, consonants, and matras, one by one.
2. Practice regularly - Allocate time every day to practice writing and reading Hindi alphabets.
3. Use visual aids - Use charts, flashcards, and other visual aids to help you memorize the letters and their sounds.
4. Listen to Hindi audio - Listen to Hindi songs, podcasts, and audio books to improve your pronunciation and understanding of the language.
Conclusion
Pad Parichay is a crucial step towards learning Hindi and developing a strong foundation in the language. By mastering the Hindi alphabets through consistent practice and dedication, learners can read, write, and speak in Hindi with confidence and fluency.
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